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आम चुनाव में क्यों नाराज हैं किन्नर, ताल ठोक कर सियासी दलों के सामने रखी कौन सी डिमांड - KINNAR INTERVIEW On ETV Bharat - KINNAR INTERVIEW ON ETV BHARAT

चुनाव के वक्त नेता और पार्टी हर वर्ग को रिझाने की हर मुमकिन कोशिश करती है, लेकिन एक वर्ग ऐसा है जो अभी भी नेताओं और सरकार की नजर से कोसो दूर है. यह और कोई नहीं बल्कि किन्नर हैं. जिनका आरोप है कि सरकार उनके वर्ग के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती. उनकी मांग है कि उन्हें किन्नरों का एक बोर्ड चाहिए.

KINNAR INTERVIEW On ETV Bharat
आम चुनाव में नाराज हैं किन्नर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 3, 2024, 8:11 PM IST

Updated : May 3, 2024, 8:17 PM IST

ईटीवी भारत से किन्नरों ने की बात (ETV Bharat)

भोपाल। इस आम चुनाव में तीसरे क्या वाकई राजनीतिक दलों के लिए तीसरे ही हो गए हैं. मतदान का अधिकार मिले दो दशक बीत चुके हैं. इस दौरान नगर पालिका से लेकर विधानसभा और संसद तक किन्नर चुनाव मैदान में भी आए, लेकिन क्या उनकी आवाज सियासी दलों तक पहुंची. राजनीतिक दलों के मेनिफेस्टो में क्या किन्नरों के कल्याण का पन्ना जुड़ पाया. क्या चाहते हैं किन्नर, उनके वोट का आधार क्या होता है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दो इलाके ही किन्नरों के ठिकानों के नाम से मशहूर है, मंगलवारा और बुधवारा. ईटीवी भारत की ग्राउण्ड रिपोर्ट में उन्हीं हिस्से से समाज में तीसरे कहे जाने वाले किन्नरों की बात. क्या वो अब भी तीसरे ही हैं.

अब तक तो नहीं पड़ी सरकार की नजर

मंगलवार में किन्नरों की टोली की नायक सुरैया नायक इस इत्मीनान में बैठी हैं कि अब कम से कम नेता और सियासी दल उनके दरवाजे आने लगे हैं. बीजेपी नेताओं कार्यकर्ताओं का हुजूम उनके घर से जिसे वे दायरा कहते हैं, निकला है, लेकिन सुरैया किन्नर चुनावी रस्मों से ऐसी खुश भी नहीं है. वे कहती हैं अभी तक तो देखने को नहीं मिला सरकारों ने या पार्टियों ने हमारी तरफ ध्यान दिया हो. मैं इतनी ही मांग कर सकती हूं कि सरकारें जैसे हर वर्ग के लिए कुछ ना कुछ करती है. किन्नर समाज के लिए भी कुछ करे.

KINNAR INTERVIEW On ETV Bharat
ईटीवी भारत से किन्नरों ने की बात (ETV Bharat)

मेरी छोटी सी मांग है. पांच एकड़ और दस एकड़ जमीन दे दें. हमारा सम्मेलन होता है. वो कोई शादी ब्याह नहीं हमारे गुरु की रसोई होती है. सुरैया कहती है हमारी इतनी मांग है कि किन्नरों को पांच दस एकड़ जमीन दे दी जाए. जिससे हम अपने सम्मेलन कर सकें. पूजा पाठ कर सकें. किन्नरों की जमीन वो हो. ताकि जितनी तादात बढ़ रही है वो सारे किन्नर इन सम्मेलनों में समां सके.

KINNAR INTERVIEW On ETV Bharat
किन्नर सुरैया ने की ईटीवी भारत से बात (ETV Bharat)

किन्नर भी तो इंसान होते हैं, एमपी में उनका बोर्ड कब बनेगा

सुरैया किन्नर मांग करती हैं. जैसे हर वर्ग की चिंता सरकार करती है. किन्नर भी तो इंसान हैं. मैंने पहले भी बोर्ड की मांग की है. आज भी बोल रही हूं. कल्याण बोर्ड जैसे बाकी राज्यों में बने हैं, यहां भी बोर्ड बनाया जाए. जिससे हमारे किन्नरों की समस्या भी हल हो सके. जबलपुर में पार्षद रहीं हीरा बाई कहती हैं, मैंने पार्षद रहते समाज की हर समस्या हल की, लेकिन हमारी समस्या हल नहीं हो पाती. कई वर्षों से सुनती आ रही हूं, यहां भी किन्नर बोर्ड बनेगा बना अब तक नहीं.

यहां पढ़ें...

दमोह लोकसभा सीट से किन्नर दुर्गा मौसी ने ठोकी ताल, नेताओं को दिखाया आईना - "वह न तो भ्रष्ट हैं और न दागी"

मंडला में भारतीय किन्नर सम्मेलन का आयोजन, देवी-देवताओं की पूजा पाठ के साथ निकाली कलश यात्रा

हम पढ़ लिख के क्या करेंगे

किन्नरों के दायरे में रहने वाली काजल कहती है. हमें एजुकेशन लेकर क्या मिलेगा. डिग्री लेकर क्या करेंगे. लड़कों को नौकरी नहीं मिल रही. किन्नरों को नौकरी कहां से मिलेगी. सरकार तो पब्लिक को नौकरी दे उनको आगे बढ़ाए हमें और क्या चाहिए. हां लेकिन किन्नर बोर्ड बनना चाहिए. जिससे जो किन्नरों के साथ गलत होता है उसका इंसाफ हो सके.

ईटीवी भारत से किन्नरों ने की बात (ETV Bharat)

भोपाल। इस आम चुनाव में तीसरे क्या वाकई राजनीतिक दलों के लिए तीसरे ही हो गए हैं. मतदान का अधिकार मिले दो दशक बीत चुके हैं. इस दौरान नगर पालिका से लेकर विधानसभा और संसद तक किन्नर चुनाव मैदान में भी आए, लेकिन क्या उनकी आवाज सियासी दलों तक पहुंची. राजनीतिक दलों के मेनिफेस्टो में क्या किन्नरों के कल्याण का पन्ना जुड़ पाया. क्या चाहते हैं किन्नर, उनके वोट का आधार क्या होता है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दो इलाके ही किन्नरों के ठिकानों के नाम से मशहूर है, मंगलवारा और बुधवारा. ईटीवी भारत की ग्राउण्ड रिपोर्ट में उन्हीं हिस्से से समाज में तीसरे कहे जाने वाले किन्नरों की बात. क्या वो अब भी तीसरे ही हैं.

अब तक तो नहीं पड़ी सरकार की नजर

मंगलवार में किन्नरों की टोली की नायक सुरैया नायक इस इत्मीनान में बैठी हैं कि अब कम से कम नेता और सियासी दल उनके दरवाजे आने लगे हैं. बीजेपी नेताओं कार्यकर्ताओं का हुजूम उनके घर से जिसे वे दायरा कहते हैं, निकला है, लेकिन सुरैया किन्नर चुनावी रस्मों से ऐसी खुश भी नहीं है. वे कहती हैं अभी तक तो देखने को नहीं मिला सरकारों ने या पार्टियों ने हमारी तरफ ध्यान दिया हो. मैं इतनी ही मांग कर सकती हूं कि सरकारें जैसे हर वर्ग के लिए कुछ ना कुछ करती है. किन्नर समाज के लिए भी कुछ करे.

KINNAR INTERVIEW On ETV Bharat
ईटीवी भारत से किन्नरों ने की बात (ETV Bharat)

मेरी छोटी सी मांग है. पांच एकड़ और दस एकड़ जमीन दे दें. हमारा सम्मेलन होता है. वो कोई शादी ब्याह नहीं हमारे गुरु की रसोई होती है. सुरैया कहती है हमारी इतनी मांग है कि किन्नरों को पांच दस एकड़ जमीन दे दी जाए. जिससे हम अपने सम्मेलन कर सकें. पूजा पाठ कर सकें. किन्नरों की जमीन वो हो. ताकि जितनी तादात बढ़ रही है वो सारे किन्नर इन सम्मेलनों में समां सके.

KINNAR INTERVIEW On ETV Bharat
किन्नर सुरैया ने की ईटीवी भारत से बात (ETV Bharat)

किन्नर भी तो इंसान होते हैं, एमपी में उनका बोर्ड कब बनेगा

सुरैया किन्नर मांग करती हैं. जैसे हर वर्ग की चिंता सरकार करती है. किन्नर भी तो इंसान हैं. मैंने पहले भी बोर्ड की मांग की है. आज भी बोल रही हूं. कल्याण बोर्ड जैसे बाकी राज्यों में बने हैं, यहां भी बोर्ड बनाया जाए. जिससे हमारे किन्नरों की समस्या भी हल हो सके. जबलपुर में पार्षद रहीं हीरा बाई कहती हैं, मैंने पार्षद रहते समाज की हर समस्या हल की, लेकिन हमारी समस्या हल नहीं हो पाती. कई वर्षों से सुनती आ रही हूं, यहां भी किन्नर बोर्ड बनेगा बना अब तक नहीं.

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हम पढ़ लिख के क्या करेंगे

किन्नरों के दायरे में रहने वाली काजल कहती है. हमें एजुकेशन लेकर क्या मिलेगा. डिग्री लेकर क्या करेंगे. लड़कों को नौकरी नहीं मिल रही. किन्नरों को नौकरी कहां से मिलेगी. सरकार तो पब्लिक को नौकरी दे उनको आगे बढ़ाए हमें और क्या चाहिए. हां लेकिन किन्नर बोर्ड बनना चाहिए. जिससे जो किन्नरों के साथ गलत होता है उसका इंसाफ हो सके.

Last Updated : May 3, 2024, 8:17 PM IST
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