भोपाल। राज्यसभा चुनाव के लिए 15 फरवरी तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे. कांग्रेस ने अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पार्टी के सभी विधायकों को भोज देंगे. इसे उनकी डिनर पॉलिटिक्स का हिस्सा माना जा रहा है. 230 सदस्यीय विधानसभा में दलीय स्थिति के अनुसार, कांग्रेस एक सदस्य को राज्य सभा भेजने की स्थिति में है. पार्टी के 66 विधायक हैं. वहीं, चर्चा है कि कमलनाथ खुद राज्यसभा जाने के इच्छुक हैं. यदि पहली वरीयता नहीं मिली तो, ऐसे में हो सकता है पार्टी कमलनाथ को दूसरी सीट के लिए नामांकित कर दे.
13 फरवरी को कमलनाथ बंगले पर देंगे रात्रि भोज
डिनर मंगलवार 13 फरवरी को रात आठ बजे से होगा. विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला अवसर है जब कमल नाथ ने सभी विधायकों को भोज दिया है. दो दिन पहले ही उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से भेंट की थी. राज्य सभा के लिए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, अरुण यादव सहित कई नेताओं की दावेदारी है. इसी बीच कमल नाथ की कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी मुलाकात और फिर विधायकों को भोज देने को राज्य सभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
बेटे की सियासी जमीन पक्की करने में जुटे कमलनाथ
जानकारों का कहना है कि ''कमलनाथ अपने बेटे नकुल नाथ की सियासी जमीन को पक्का करने में जुटे हैं.'' अभी लोकसभा चुनावों के पहले जिस तरह का माहौल है, उसको देखता हुए कहा जा रहा है कि कांग्रेस के बड़े नेता हार के डर से चुनाव में हाथ नहीं आजमाना चाहते हैं. लेकिन कमलनाथ को लेकर जिस तरह से राज्यसभा जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं, इसे लेकर राजनीतिक विश्लेषक रामजी श्रीवास्तव का कहना है कि ''अभी कमलनाथ के बेटे छिंदवाड़ा से सांसद हैं और ऐसे में खुद कमलनाथ के लिए पार्टी राज्यसभा भेजे ये पार्टी के लिए उतना आसान नहीं है. पार्टी ओबीसी, आदिवासी चेहरे को प्राथमिकता देगी.''
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राम मंदिर और मोदी के चलते बीजेपी का पलड़ा भारी
राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बीजेपी ने इसका सियासी फायदा लेना शुरू कर दिया. अब बीजेपी लोकसभा के लिए नारा देने लगी है, ''अबकी बार फिर मोदी सरकार'' और इस बार 400 पार का नारा बुलंद किया जा रहा है. वहीं, प्रदेश का जिक्र करें तो लोकसभा की 29 सीटों में से बीजेपी के पास 28 सीटें हैं. लेकिन 1 सीट वो कमलनाथ से नहीं छीन पाई है. लेकिन इस बार बीजेपी ने उन्हें घेरने की अलग रणनीति तैयार की है.