भोपाल: संत कालीचरण महाराज ने कहा है कि हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए वे जेल जाने भी तैयार हैं. धर्म राज्य की स्थापना के लिए वे जेल जाने से भी नहीं डरते और गोली खाने से भी नहीं डरते. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि "अगर भारत में हिंदू राष्ट्र की स्थापना नहीं हुई तो यहां भी यही हालात होंगे. उन्होंने कहा कि राजनीति का "हिंदूकरण और धर्म राज्य की स्थापना हिंदू साधुओं का कर्तव्य है. कालीचरण महाराज ने ईटीवी भारत के सवालों के बेबाकी से जवाब दिया. पेश है बिल्कुल उसी अंदाज में ये पूरी बातचीत.
हिंदू साधुओं का क्या है कर्तव्य
कहा तो ये जाता है कि साधु का सियासत से क्या काम, आपके हर बयान में सियासत क्यों होती है ? इस सवाल के जवाब में संत कालीचरण बोले कि "राजनीति का हिंदूकरण करना धर्म राज्य की स्थापना करना ये हिंदू साधुओं का कर्तव्य होता है. राजा अगर धर्म छोड़ता है तो उसको धर्म बताने का काम साधुओं का ही है. धर्म निष्ठ राज्य की स्थापना करना ये साधुओं का कर्तव्य है. कालीचरण महाराज कहते हैं, इसलिए साधुओं को मैं आव्हान करता हूं राजाओं को धर्मनिष्ठ बनाने के लिए प्रजा को धर्म निष्ठ बनाने के लिए अपना कर्तव्य निभाएं.
उन्होंने कहा कि साधु निभा रहे हैं. जो साधु शांतिपूर्वक अपना जीवन निर्वाह कर रहे हैं. मैं उनका आव्हान करता हूं. वे साधु पहले ही कर रहे हैं, लेकिन वे अपने प्रभाव क्षेत्र में अपने शिष्यों के बीच धर्म निष्ठ बनाने के लिए प्रयास करें. वोट बैंक के लिए रामराज्य की स्थापना के लिए हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए राजनीति के हिंदूकरण का प्रयत्न कीजिए.
कालीचरण महाराज के तीखे बोल
क्या साधू का संदेश सद्भाव नहीं होना चाहिए? इस पर कालीचरण महाराज कहते हैं, "सद्भाव ही होना चाहिए. धर्म राज्य से ही सद्भाव उत्पन्न होता है. दुष्टों का संहार करना. देश द्रोहियों का संहार करना. ये प्रेरणा राजाओं को देना. कालीचरण महाराज के मुताबिक "जो देश का नाश कर रहे हैं. जो यहां पर अशांति फैला रहे हैं. जो दंगे फैला रहे हैं. वह दुर्भावना युक्त लोग हैं. वे देश द्रोही हैं. जब कालीचरण महाराज से सवाल किया गया कि देशद्रोहियों से निपटने के लिए देश में कानून हैं ना ? इस पर वह कहते हैं कि कानून किसके हाथ में है. न्याय व्यवस्था किसके हाथ में है. मिलिट्री किसके हाथ में है. पुलस और मिलिट्री राजा के हाथ में होती तो बांग्लादेश में देखिए कैसा हाल हो रहा है. राजा अगर किसी एक कौम का समर्थक हो जाता है, तो दूसरी कौम की प्रताड़ना निश्चित होगी.
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धर्म जागरण सभाओं से हिंदुओं को करूंगा जागरूक
कालीचरण महाराज कहते हैं, सभी धर्म ही नहीं होते हैं, धर्म माने ईश्वर को पाने का साइंस उसके तीन लक्षण होते हैं. धर्म मात्र जैन बौद्ध, सिख, शैव, वैष्णव और शाक्य है. ये जो छह साधना पंथ मिलाकर बना हुआ है, यही सनातन धर्म है. बागेश्वर बाबा की तरह यात्रा निकालने के सवाल पर कालीचरण महाराज कहते हैं कि
मैं कोई यात्रा नहीं निकालूंगा. मैं धर्म जागरण सभाओं के माध्यम से हिंदुओं को असलियत बताऊंगा और बता रहा हूं."
कालीचरण महाराज ने कहा कि मैं हिंदू राष्ट्र चाहता हूं. जब कहा गया कि बाकी धर्म के लोग कहां जाएंगे. उन्होंने कहा कि बाकी धर्मों के अपने-अपने देश हैं. वे वहां पर जाएं. वहीं विवादित बयानों को लेकर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा लगता है कि तो मुझे जेल में डाल दो.