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घायल युवक की मौत के बाद भोपाल के हॉस्पिटल में तोड़फोड़, डॉक्टरों ने दी अस्पताल बंद की चेतावनी - Bhopal private hospital vandalized

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 1, 2024, 2:27 PM IST

भोपाल के निजी अस्पताल में मृत युवक के आक्रोशित परिजनों ने हंगामा करते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी. वहीं अस्पताल में हुए हमले के विरोध में डॉक्टरों ने मामला दर्ज कराया है. साथ ही हंगामा करने वालों पर डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की मागं की है. इसके अलावा डॉक्टरों ने सोमवार को निजी अस्पताल और क्लीनिक बंद करने की चेतावनी दी है.

BHOPAL PRIVATE HOSPITAL VANDALIZED
अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा (ETV Bharat)

भोपाल: राजधानी में शुक्रवार रात कार एक्सीडेंट में हुई एक युवक की मुत्यु के बाद गोविंदपुरा थानांतर्गत सिटी हास्पिटल में जमकर गदर हुआ. अस्पताल प्रबंधन द्वारा दुर्घटना में घायल युवक का इलाज करने से मना करने पर आक्रोशित परिजन ने अस्पताल में तोड़फोड़ करना शुरू कर दी. भीड़ को देखकर अस्पताल का गेट बंद करने जा रहे गार्ड के साथ भी मारपीट की गई. जिसके बाद अस्पताल संचालक डॉ. सव्य सांची गुप्ता के बेटे डॉ. उज्जवल गुप्ता ने अपनी लायसेंसी बंदूक से फायर किया.

डॉक्टरों ने आंदोलन की दी चेतावनी (ETV Bharat)

निजी अस्पताल और क्लीनिक बंद की चेतावनी

वहीं, घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराया, लेकिन दूसरे दिन बवाल और बढ़ गया. जहां एक ओर मृतक के परिजनों ने शनिवार सुबह शव को सिटी हॉस्पिटल के सामने रखकर प्रदर्शन किया और अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं शाम को निजी अस्पताल संचालकों ने सुरक्षा को लेकर एक बैठक बुलाई और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने पर सोमवार को निजी अस्पताल और क्लीनिक को बंद करने की चेतावनी दी.

डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग

सिटी हॉस्पिटल मामले को लेकर बैठक एमपी नर्सिंग होम एसोसिएशन, यूनाइटेड डाक्टर्स फेडरेशन और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने बुलाई थी. इसमें सिटी अस्पताल में हुई घटना को लेकर विरोध जाहिर किया गया. संगठनों ने इस घटना की आलोचना करते हुए सीसीटीवी में दिख रहे आरोपियों के खिलाफ डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत उचित धाराओं में प्रकरण दर्ज उनकी गिरफ्तारी करने की मांग की है. ऐसा नहीं होने पर संगठन ने शहर में संचालित 250 से अधिक निजी अस्पताल और क्लीनिक को बंद रखने की चेतावनी दी. इस बैठक में डॉ. अनूप हजेला, डॉ. राहुल खरे, डॉ. संजय गुप्ता, डॉ. दीपक शाह, डॉ. राकेश मालवीय, डॉ. संजीव गुलाटी, डॉ. उमेश शारदा और डॉ. प्रद्युम्न पांडे शामिल हुए. इस दौरान संगठनों ने घटना के संबंध में पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्र से भी मुलाकात करने की बात कही है.

यह है पूरा मामला

गोविंदपुरा थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में राकेश चौधरी पिता इमरत चौधरी उम्र 20 साल की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. वह गोविंदपुरा थाना क्षेत्र स्थित विकास नगर बस्ती में रहता था. परिजन ने बताया कि, ''राकेश चौधरी डीबी माल में स्थित कोर्टयार्ट मैरियट होटल में एकाउंटेंट की जॉब करता था. घटना के समय वह बाइक से अपने घर की तरफ जा रहा था. तभी 30 अगस्त की शाम लगभग 7 बजे शांति निकेतन के सामने उसे तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी थी. यह कार एक नाबालिग चला रहा था. पुलिस ने इस मामले एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच कर रही है.'' वहीं दूसरा मामला घटना के बाद अस्पताल में तोड़फोड़ और कर्मचारियों के साथ मारपीट का है. जिसमें पुलिस ने 32 वर्षीय डॉक्टर उज्जवल गुप्ता की शिकायत पर बलवा समेत कई अन्य धाराओं में अज्ञात 50 से 60 लोगों के खिलाफ दर्ज किया है. डॉ. उज्जवल गुप्ता द्वारा की गई फायरिंग के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है.

भीड़ को हटाने के लिए किया हवाई फायर

अस्पताल संचालक डॉ. उज्जवल गुप्ता ने बताया कि "रात पौने आठ बजे ई रिक्शा पर राकेश चौधरी को लाया गया था. तब उसकी मौत हो चुकी थी. शव हमीदिया अस्पताल पहुंचा दिया गया था, लेकिन 1 घंटे बाद भीड़ ने आकर जमकर गदर मचाया. अस्पताल में खड़े वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई. इससे करीब 5 लाख रुपए का नुकसान हुआ है." उन्होंने कहा कि "भीड़ घर में घुस रही थी, ऐसे में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायर किया. इस मामले में डॉक्टर ने स्थानीय पार्षद राकेश यादव और मीना मेडिकल स्टोर के संचालक रमेश भगवानी पर अस्पताल में तोड़फोड़ करने के लिए भीड़ को उकसाने का अरोप लगाया है."

यहां पढ़ें...

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इलाज से पहले पैसे की मांग कर रहा था प्रबंधन

इस मामले में दूसरे पक्ष रमेश भगवानी ने बताया कि "हम लोग युवक को घायल अवस्था में लेकर अस्पताल आए थे, लेकिन सिटी हास्पिटल प्रबंधन ने इलाज शुरू करने से पहले 50 हजार रुपये जमा करने की मांग की. जब लोगों ने पैसे का इंतजाम करने का आश्वासन देते हुए इलाज शुरू करने की बात कही, तो प्रबंधन के कह दिया कि मरीज की हालत ज्यादा खराब है, इसे हमीदिया लेकर जाओ. इलाज समय पर नहीं मिलने की वजह से युवक की मौत हो गई. यदि डॉक्टर इलाज करते तो उसकी जान बचाई जा सकती थी. इससे लोग अस्पताल के खिलाफ आक्रोशित थे. हम लोग अस्पताल बात करने पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल संचालक गोली चलाने लगा, तो हमने अपने बचाव के लिए पत्थर चलाना शुरू कर दिया. इसके पहले भी अन्य मरीजों के परिजनों से गलत इलाज और पैसों को लेकर अस्पताल संचालक का विवाद हो चुका है."

पुलिस ने नाबालिग को भेजा बाल संप्रेषण गृह
गोविंदपुरा थाने के थाना प्रभारी अवधेश सिंह तोमर का कहना है कि, ''गाड़ी चलाने वाले नाबालिग और उसके पिता के खिलाफ 3 धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. नाबालिग को बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है. शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया. वहीं डॉक्टर द्वारा गोली चलने वाले मामले में लोगों से मिले वीडियो के आधार पर लोगों की पहचान की जा रही है. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.''

भोपाल: राजधानी में शुक्रवार रात कार एक्सीडेंट में हुई एक युवक की मुत्यु के बाद गोविंदपुरा थानांतर्गत सिटी हास्पिटल में जमकर गदर हुआ. अस्पताल प्रबंधन द्वारा दुर्घटना में घायल युवक का इलाज करने से मना करने पर आक्रोशित परिजन ने अस्पताल में तोड़फोड़ करना शुरू कर दी. भीड़ को देखकर अस्पताल का गेट बंद करने जा रहे गार्ड के साथ भी मारपीट की गई. जिसके बाद अस्पताल संचालक डॉ. सव्य सांची गुप्ता के बेटे डॉ. उज्जवल गुप्ता ने अपनी लायसेंसी बंदूक से फायर किया.

डॉक्टरों ने आंदोलन की दी चेतावनी (ETV Bharat)

निजी अस्पताल और क्लीनिक बंद की चेतावनी

वहीं, घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराया, लेकिन दूसरे दिन बवाल और बढ़ गया. जहां एक ओर मृतक के परिजनों ने शनिवार सुबह शव को सिटी हॉस्पिटल के सामने रखकर प्रदर्शन किया और अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं शाम को निजी अस्पताल संचालकों ने सुरक्षा को लेकर एक बैठक बुलाई और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने पर सोमवार को निजी अस्पताल और क्लीनिक को बंद करने की चेतावनी दी.

डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग

सिटी हॉस्पिटल मामले को लेकर बैठक एमपी नर्सिंग होम एसोसिएशन, यूनाइटेड डाक्टर्स फेडरेशन और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने बुलाई थी. इसमें सिटी अस्पताल में हुई घटना को लेकर विरोध जाहिर किया गया. संगठनों ने इस घटना की आलोचना करते हुए सीसीटीवी में दिख रहे आरोपियों के खिलाफ डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत उचित धाराओं में प्रकरण दर्ज उनकी गिरफ्तारी करने की मांग की है. ऐसा नहीं होने पर संगठन ने शहर में संचालित 250 से अधिक निजी अस्पताल और क्लीनिक को बंद रखने की चेतावनी दी. इस बैठक में डॉ. अनूप हजेला, डॉ. राहुल खरे, डॉ. संजय गुप्ता, डॉ. दीपक शाह, डॉ. राकेश मालवीय, डॉ. संजीव गुलाटी, डॉ. उमेश शारदा और डॉ. प्रद्युम्न पांडे शामिल हुए. इस दौरान संगठनों ने घटना के संबंध में पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्र से भी मुलाकात करने की बात कही है.

यह है पूरा मामला

गोविंदपुरा थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में राकेश चौधरी पिता इमरत चौधरी उम्र 20 साल की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. वह गोविंदपुरा थाना क्षेत्र स्थित विकास नगर बस्ती में रहता था. परिजन ने बताया कि, ''राकेश चौधरी डीबी माल में स्थित कोर्टयार्ट मैरियट होटल में एकाउंटेंट की जॉब करता था. घटना के समय वह बाइक से अपने घर की तरफ जा रहा था. तभी 30 अगस्त की शाम लगभग 7 बजे शांति निकेतन के सामने उसे तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी थी. यह कार एक नाबालिग चला रहा था. पुलिस ने इस मामले एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच कर रही है.'' वहीं दूसरा मामला घटना के बाद अस्पताल में तोड़फोड़ और कर्मचारियों के साथ मारपीट का है. जिसमें पुलिस ने 32 वर्षीय डॉक्टर उज्जवल गुप्ता की शिकायत पर बलवा समेत कई अन्य धाराओं में अज्ञात 50 से 60 लोगों के खिलाफ दर्ज किया है. डॉ. उज्जवल गुप्ता द्वारा की गई फायरिंग के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है.

भीड़ को हटाने के लिए किया हवाई फायर

अस्पताल संचालक डॉ. उज्जवल गुप्ता ने बताया कि "रात पौने आठ बजे ई रिक्शा पर राकेश चौधरी को लाया गया था. तब उसकी मौत हो चुकी थी. शव हमीदिया अस्पताल पहुंचा दिया गया था, लेकिन 1 घंटे बाद भीड़ ने आकर जमकर गदर मचाया. अस्पताल में खड़े वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई. इससे करीब 5 लाख रुपए का नुकसान हुआ है." उन्होंने कहा कि "भीड़ घर में घुस रही थी, ऐसे में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायर किया. इस मामले में डॉक्टर ने स्थानीय पार्षद राकेश यादव और मीना मेडिकल स्टोर के संचालक रमेश भगवानी पर अस्पताल में तोड़फोड़ करने के लिए भीड़ को उकसाने का अरोप लगाया है."

यहां पढ़ें...

मैहर सिविल हॉस्पिटल में महिला नर्स को मिली धमकी, 'कोलकाता कांड' दोहराने की बात

आधी रात को क्यों जिला अस्पताल पहुंची उज्जैन पुलिस, क्या किसी खतरे को भांप लिया

इलाज से पहले पैसे की मांग कर रहा था प्रबंधन

इस मामले में दूसरे पक्ष रमेश भगवानी ने बताया कि "हम लोग युवक को घायल अवस्था में लेकर अस्पताल आए थे, लेकिन सिटी हास्पिटल प्रबंधन ने इलाज शुरू करने से पहले 50 हजार रुपये जमा करने की मांग की. जब लोगों ने पैसे का इंतजाम करने का आश्वासन देते हुए इलाज शुरू करने की बात कही, तो प्रबंधन के कह दिया कि मरीज की हालत ज्यादा खराब है, इसे हमीदिया लेकर जाओ. इलाज समय पर नहीं मिलने की वजह से युवक की मौत हो गई. यदि डॉक्टर इलाज करते तो उसकी जान बचाई जा सकती थी. इससे लोग अस्पताल के खिलाफ आक्रोशित थे. हम लोग अस्पताल बात करने पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल संचालक गोली चलाने लगा, तो हमने अपने बचाव के लिए पत्थर चलाना शुरू कर दिया. इसके पहले भी अन्य मरीजों के परिजनों से गलत इलाज और पैसों को लेकर अस्पताल संचालक का विवाद हो चुका है."

पुलिस ने नाबालिग को भेजा बाल संप्रेषण गृह
गोविंदपुरा थाने के थाना प्रभारी अवधेश सिंह तोमर का कहना है कि, ''गाड़ी चलाने वाले नाबालिग और उसके पिता के खिलाफ 3 धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. नाबालिग को बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है. शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया. वहीं डॉक्टर द्वारा गोली चलने वाले मामले में लोगों से मिले वीडियो के आधार पर लोगों की पहचान की जा रही है. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.''

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