भोपाल: मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. कई जिलों में शीतलहर भी चल रही है. राजधानी भोपाल में भी पारा 3.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. भोपाल में बीते 10 सालों में सबसे अधिक ठंड दिसंबर 2024 में पड़ रही है. ऐसे में भोपाल के मंदिरों में भगवान को ठंड से बचाने के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं. भगवान को गर्म कपड़े पहनाने के साथ ही ठंड के कारण उनको लगाए जा रहे भोग में भी बदलाव किया गया है. जिससे भगवान को ठंड से बचाया जा सके.
गर्म खाद्य पदार्थों से लगाया जा रहा भोग
पंडितों ने बताया कि शहर के ठंड का प्रकोप बढ़ते ही हर साल मंदिरों में भगवान को ठंड से बचाने के प्रयास किए जाते हैं. इस दौरान भगवान को गजक, गुड़ पट्टी, ड्रायफ्रूट्स के लड्डू, केसर और हल्दी का दूध, गजक, रेवड़ी गाजर का हलुआ, खसखस और बादाम का हलुआ और सौंठ से निर्मित वस्तुओं का भोग लगाया जा रहा है. इधर मंदिर के गर्भगृह में रूई के पर्दे लगाकर रोशनदान बनाया गया है. साथ ही भगवान को कंबल और शाल भी ओढ़ाया जा रहा है.
शिव परिवार को पहनाए उनी कपड़े
श्री बड़वाले महादेव मंदिर सेवा समिति के संजय अग्रवाल व प्रमोद नेमा ने बताया कि "धन, संपत्ति ऐश्वर्य व रुके हुए धन की प्राप्ति के लिए बाबा बटेश्वर का दूध, फलों के रस एवं विजया से अभिषेक कर शाम को श्वेत श्रृंगार किया गया. भगवान को सर्दी से बचाने के लिए उनी कपड़े पहनाए गए हैं. साथ ही मंदिरों में अलाव भी जलाया जा रहा है. इन दिनों पड़ रही भीषण सर्दी के कारण तिल से बनी गजक, गुड़ पट्टी का भोग लगा रहे हैं. मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि जब तक भोपाल में ठंड पड़ेगी, यह सिलसिला जारी रहेगा."
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मंदिरों में जलाए जा रहे अलाव, गर्म दूध-हलवा का भोग
लखेरापुरा के श्रीजी मंदिर में भी सर्दी को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं. मंदिर के श्रीकांत शर्मा ने बताया कि "गर्भगृह में सर्द हवाओं से बचने के लिए पर्दे लगाए गए हैं. रोशनदान ढंक दिए हैं. भगवान के श्रृंगार के साथ रोजान उन्हें अलग-अलग गर्म कपड़े धारण कराए जाते हैं. साथ ही भोग में भी परिवर्तन किया गया है. इस समय गुड, तिल और सोंठ से निर्मित विशेष सागग्री का भोग लगा जा रहा है. बिड़ला मंदिर में हलवा और गर्म दूध का भोग लगाया जा रहा है." मंदिर के पुजारी केके पांडेय ने बताया कि "भगवान लक्ष्मीनारायण को ड्रायफ्रूट्स से बने हलवा और गर्म दूध का भोग लगाया जा रहा है. वहीं, सर्दी से बचाने के लिए शाल और गर्म कपड़े धारण कराए गए हैं.