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यूनियन कार्बाइड का 337 मीट्रिक टन 'जहर' उठाने में जुटे कंटेनर, नष्ट करने का प्रोसेस बेहद जटिल - UNION CARBIDE TOXIC WASTE

भोपाल में 1984 में हुई भीषण गैस त्रासदी के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को हटाया जा रहा, 26 करोड़ का खर्च.

Union Carbide toxic waste
यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल फैक्ट्री का जहरीला कचरा उठना शुरू (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 30, 2024, 12:32 PM IST

Updated : Dec 30, 2024, 5:21 PM IST

भोपाल : यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल फैक्ट्री में रखा जहरीला कचरा हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है. अभी ये कचरा फैक्ट्री में ही दफन है. करीब 337 मीट्रिक टन कचरे की वजह से फैक्ट्री के आसपास जेपी नगर, अटल अयूब नगर, उड़िया बस्ती समेत करीब एक दर्जन से अधिक मोहल्लों में रह रहे एक लाख से अधिक आबादी पर इसका प्रभाव पड़ रहा है. जहरीले कचरे की वजह से भूजल के साथ आसपास की आबोहवा भी प्रदूषित हो रही है. अब सरकार 126 करोड़ रुपये खर्च कर इस जहरीले कचरे को हटाने जा रही है.

भोपाल से इंदौर तक बनेगा ग्रीन कॉरिडोर

यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल से जहरीला कचरा ले जाने की कार्रवाई रविवार से शुरू हो गई है. इस जहरीले कचरे को इंदौर के पीथमपुर में इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी रामकी इनवायरों में जलाया जाएगा. जहरीले कचरे को इंदौर भेजने के लिए यूनिक नंबर वाले ट्रकों को इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे इस कचरे को बिना ट्रैफिक के दबाव के इंदौर भेजा जा सके. इसके लिए अलग रूट भी बनाया जाएगा.

यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा उठाने जुटे श्रमिक (ETV BHARAT)

पुलिस-प्रशासन के 400 कर्मचारी-अधिकारी तैनात

जेपी नगर स्थित यूनियन कार्बाइड कारखाने में कड़ी सुरक्षा के बीच जहरीले कचरे की लोडिंग की जा रही है. इसमें करीब 100 पुलिसकर्मियों समेत 400 से अधिक जिला प्रशासन, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत अन्य विभागों के 400 अधिकारी-कर्मचारी मौजूद हैं. फैक्ट्री में रामकी एनवायरो कंपनी के एक्सपर्ट्स की मानिटरिंग में ये जहरीला कचरा 12 कंटेनरनुमा ट्रकों में भरा जा रहा है. भोपाल गैस त्रासदी राहत-पुनर्वास के संचालक स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया "गाइडलाइन को फॉलो करते हुए कचरे को भोपाल से पीथमपुर ले जाया जाएगा. हाईकोर्ट के निर्देश में पूरी प्रोसेस की जा रही है. 3 जनवरी को हाई कोर्ट में शपथ पत्र देना है. इसलिए कचरे को भेजने की प्रक्रिया इससे पहले पूरी कर ली जाएगी. पीथमपुर में कचरा पहुंचाने के बाद इसे 9 महीने के अंदर जलाना है."

Union Carbide toxic waste
यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को हटाने की प्रक्रिया शुरू (ETV BHARAT)

इंदौर में जहरीला कचरा जलाने का विरोध

इधर, इंदौर के पीथमपुर में जहरीला कचरा जलाने को लेकर कांग्रेस विरोध जता रही है. इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में धार जिले के विधायकों के साथ धरना देकर ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान जीतू पटवारी ने कहा "अगर यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में जला तो आने वाले समय में सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज इसी इलाके में होंगे. यहां कचरा जलाया जाएगा तो ये जहर पानी में भी मिलेगा. समस्या पीथमपुर के लिए ही नहीं, इंदौर के लिए भी पैदा होने वाली है. पीथमपुर का जहरीला पानी यशवंत सागर डैम में मिलेगा. इस डैम से इंदौर में पानी सप्लाई होता है. इसके बाद यहां भी गंभीर बीमारियां फैलेंगी."

भोपाल से इंदौर के बीच कमिश्नर संभालेंगे ट्रैफिक

जहरीला कचरा ले जाने के लिए रास्ते पर ट्रैफिक रोकने की जिम्मेदारी भोपाल और इंदौर के संभाग आयुक्तों को सौंपी गई है. ट्रक करोंद मंडी होते हुए पीपुल्स माल, करोद चौराहा, गांधी नगर, मुबारकपुर सीहोर नाका होते हुए इंदौर जाएंगे. यह रूट इसलिए चुना गया है, क्योंकि रात के समय इस रूट पर ट्रैफिक का दबाव कम रहता है. परिसर में चिकित्सकों की टीम जहरीला कबरा जो मजदूर कंटेनर ट्रकों में भर रहे हैं, उन्हें सेल्फ सेफ्टी के सारे सुविधाएं दी गई हैं. अंदर ही डॉक्टरों की टीम भी तैनात की गई है, जो हर हालात पर नजर रख रही है. कचरा लोडिंग के दौरान अगर किसी की तबीयत बिगड़ती है तो तत्काल इलाज मौके पर मिल सके. वहीं कचरा लोड कर रहे सभी कर्मचारियों को मास्क के साथ पीपीई किट भी पहनाई गई है.

भोपाल : यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल फैक्ट्री में रखा जहरीला कचरा हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है. अभी ये कचरा फैक्ट्री में ही दफन है. करीब 337 मीट्रिक टन कचरे की वजह से फैक्ट्री के आसपास जेपी नगर, अटल अयूब नगर, उड़िया बस्ती समेत करीब एक दर्जन से अधिक मोहल्लों में रह रहे एक लाख से अधिक आबादी पर इसका प्रभाव पड़ रहा है. जहरीले कचरे की वजह से भूजल के साथ आसपास की आबोहवा भी प्रदूषित हो रही है. अब सरकार 126 करोड़ रुपये खर्च कर इस जहरीले कचरे को हटाने जा रही है.

भोपाल से इंदौर तक बनेगा ग्रीन कॉरिडोर

यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल से जहरीला कचरा ले जाने की कार्रवाई रविवार से शुरू हो गई है. इस जहरीले कचरे को इंदौर के पीथमपुर में इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी रामकी इनवायरों में जलाया जाएगा. जहरीले कचरे को इंदौर भेजने के लिए यूनिक नंबर वाले ट्रकों को इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे इस कचरे को बिना ट्रैफिक के दबाव के इंदौर भेजा जा सके. इसके लिए अलग रूट भी बनाया जाएगा.

यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा उठाने जुटे श्रमिक (ETV BHARAT)

पुलिस-प्रशासन के 400 कर्मचारी-अधिकारी तैनात

जेपी नगर स्थित यूनियन कार्बाइड कारखाने में कड़ी सुरक्षा के बीच जहरीले कचरे की लोडिंग की जा रही है. इसमें करीब 100 पुलिसकर्मियों समेत 400 से अधिक जिला प्रशासन, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत अन्य विभागों के 400 अधिकारी-कर्मचारी मौजूद हैं. फैक्ट्री में रामकी एनवायरो कंपनी के एक्सपर्ट्स की मानिटरिंग में ये जहरीला कचरा 12 कंटेनरनुमा ट्रकों में भरा जा रहा है. भोपाल गैस त्रासदी राहत-पुनर्वास के संचालक स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया "गाइडलाइन को फॉलो करते हुए कचरे को भोपाल से पीथमपुर ले जाया जाएगा. हाईकोर्ट के निर्देश में पूरी प्रोसेस की जा रही है. 3 जनवरी को हाई कोर्ट में शपथ पत्र देना है. इसलिए कचरे को भेजने की प्रक्रिया इससे पहले पूरी कर ली जाएगी. पीथमपुर में कचरा पहुंचाने के बाद इसे 9 महीने के अंदर जलाना है."

Union Carbide toxic waste
यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को हटाने की प्रक्रिया शुरू (ETV BHARAT)

इंदौर में जहरीला कचरा जलाने का विरोध

इधर, इंदौर के पीथमपुर में जहरीला कचरा जलाने को लेकर कांग्रेस विरोध जता रही है. इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में धार जिले के विधायकों के साथ धरना देकर ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान जीतू पटवारी ने कहा "अगर यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में जला तो आने वाले समय में सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज इसी इलाके में होंगे. यहां कचरा जलाया जाएगा तो ये जहर पानी में भी मिलेगा. समस्या पीथमपुर के लिए ही नहीं, इंदौर के लिए भी पैदा होने वाली है. पीथमपुर का जहरीला पानी यशवंत सागर डैम में मिलेगा. इस डैम से इंदौर में पानी सप्लाई होता है. इसके बाद यहां भी गंभीर बीमारियां फैलेंगी."

भोपाल से इंदौर के बीच कमिश्नर संभालेंगे ट्रैफिक

जहरीला कचरा ले जाने के लिए रास्ते पर ट्रैफिक रोकने की जिम्मेदारी भोपाल और इंदौर के संभाग आयुक्तों को सौंपी गई है. ट्रक करोंद मंडी होते हुए पीपुल्स माल, करोद चौराहा, गांधी नगर, मुबारकपुर सीहोर नाका होते हुए इंदौर जाएंगे. यह रूट इसलिए चुना गया है, क्योंकि रात के समय इस रूट पर ट्रैफिक का दबाव कम रहता है. परिसर में चिकित्सकों की टीम जहरीला कबरा जो मजदूर कंटेनर ट्रकों में भर रहे हैं, उन्हें सेल्फ सेफ्टी के सारे सुविधाएं दी गई हैं. अंदर ही डॉक्टरों की टीम भी तैनात की गई है, जो हर हालात पर नजर रख रही है. कचरा लोडिंग के दौरान अगर किसी की तबीयत बिगड़ती है तो तत्काल इलाज मौके पर मिल सके. वहीं कचरा लोड कर रहे सभी कर्मचारियों को मास्क के साथ पीपीई किट भी पहनाई गई है.

Last Updated : Dec 30, 2024, 5:21 PM IST
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