जबलपुर। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी करते हुए अगली सुनवाई 17 सितंबर को निर्धारित की है. गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किये थे. इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मॉनिटरिंग कमेटी का गठित करने के निर्देश भी जारी किये थे. मॉनिटरिंग कमेटी को प्रत्येक 3 माह में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने के निर्देश थे. रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश भी जारी किए गए थे.
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था
इसके बाद याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही थी. याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं का परिपालन नहीं किये जाने के खिलाफ अवमानना याचिका 2015 में दायर की गयी. याचिका पर हुई पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ 15 मेडिकल अधिकारियों को भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग में पदस्थ किये जाने के संबंध में राज्य सरकार की तरफ से आदेश जारी किये गये थे. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन अधिकारियों को पदमुक्त नहीं किया गया है.
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प्रतिनियुक्ति वाले डॉक्टरों को पदमुक्त नहीं किया
याचिका में ये भी बताया गया कि इसके अलावा कैंसर सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फंड भी जारी नहीं किया गया. युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग में प्रतिनियुक्ति वाले डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग से पदमुक्त नहीं किये जाने के संबंध में जवाब मांगते हुए त्रासदी में पीड़ितों के लिए फंड जारी करने के निर्देश दिये थे. याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. मॉनिटरिंग कमेटी की तरफ से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पैरवी की.