भोपाल: राजधानी के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर शनिवार को रेल अधिकारियों और आरपीएफ के जवानों ने एक फर्जी विजिलेंस इंस्पेक्टर को पकड़ा. दरअसल ये युवक सीधे रेलवे स्टेशन में मौजूद मुख्य टिकट निरीक्षण कार्यालय में पहुंचा. यहां पहुंचने पर उसने उपस्थित अधिकारियों से रेलवे में विजिलेंस इंस्पेक्टर होने का दावा करते हुए वीआईपी लॉन्ज देने की मांग की. इसके साथ ही अधिकारियों से नाश्ता और खाना भी मंगाया. अधिकारियों ने उसके संबंध में जानकारी मांगी तो बताया कि उसे ट्रेन संख्या 19484 बरौनी-अहमदाबाद एक्सप्रेस से अहमदाबाद में एक गुप्त अभियान के लिए जाना है.
ऐसे खुली फर्जी विजिलेंस इंस्पेक्टर की पोल
दरअसल मुख्य टिकट निरीक्षक अनिरुद्ध सोनी एवं टिकट निरीक्षक सूर्य प्रकाश शर्मा को उसकी गतिविधियों पर संदेह हुआ. उन्होंने उससे मोबाइल नम्बर मांगा तो कॉन्फ़िडेंशियल टूर का हवाला देकर मोबाइल नंबर देने से मना कर दिया. उन्होंने उसका नाम पूछा, चुपके से उसकी तस्वीर ली और रेलवे बोर्ड सतर्कता विभाग तथा रेलवे केंद्रीय टिकट निरीक्षण टीम से इस व्यक्ति की सत्यता की पुष्टि के लिए संपर्क किया. दोनों जगह से पुष्टि हो गई कि यह व्यक्ति सतर्कता विभाग का हिस्सा नहीं है. जिसके बाद तत्काल मुख्य टिकट निरीक्षक अनिरुद्ध सोनी ने स्टेशन प्रबंधक, रेलवे सुरक्षा बल और वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले की सूचना दी. आरपीएफ सब इंस्पेक्टर योगेंद्र सिंह, सहायक उप निरीक्षक ब्रजमोहन तिवारी को बुलाकर कड़ी पूछताछ करवाई. जहां उसने अपना अपराध कबूल कर लिया. उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
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कालेज का छात्र है आरोपी, फ्री में चाहता था रुकने की जगह
स्टेशन प्रबंधक मनोज महापात्रा ने बताया कि "फर्जी विजिलेंस इंस्पेक्टर की जांच में सामने आया है कि वह फ्री में रुकने और खाने की सुविधा चाहता था. इसलिए उसने यह काम किया. उसके पास से गुजरात के अहमदाबाद के एक कालेज का आईडी कार्ड भी मिला है. जिसमें उसका एमबीए स्टूडेंट होना लिखा है. इस मामले में रानी कमलापति जीआरपी ने आरोपी रवि पिता राजेंद्र शाह निवासी इशानपुर अहमदाबाद के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 204, 318, 2 के तहत मामला दर्ज किया है." इस कार्रवाई के दौरान स्टेशन प्रबंधक मनोज महापात्रा, मुख्य टिकट निरीक्षक अनिरुद्ध सोनी, मुख्य टिकट निरीक्षक अभय कुमार पांडे, टिकट परीक्षक सूर्य प्रकाश शर्मा, टिकट परीक्षक पूनम लड़िया मौजूद रहे.