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बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में भोपाल कोर्ट का बड़ा फैसला, इस वजह से बरी हुए तीन आरोपी - Court Decision on Honey Trap case

मध्य प्रदेश की राजनीति व सियासी में हलचल मचाने वाले हनी ट्रैप मामले में भोपाल कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट में एक महिला ने तीन आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया. जिसके चलते कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 10:22 AM IST

HIGH PROFILE HONEY TRAP CASE OF MP
प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में कोर्ट का आया फैसला (ETV Bharat)
हनीट्रैप मामले में कोर्ट का फैसला (ETV Bharat)

भोपाल। मध्यप्रदेश के सबसे चर्चित हनी ट्रैप से जुड़े एक मामले में भोपाल कोर्ट का फैसला आ गया है. इस हनी ट्रैप केस ने मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा दिया था. लंबे इंतजार के बाद भोपाल न्यायालय ने बहुचर्चित हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी केस में फैसला सुनाया है. भोपाल की कोर्ट ने हनीट्रैप से जुड़े मानव तस्करी के मामले में तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है. प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान 2019 में यह केस सामने आया था जिसमें राज्य के कई बड़े नेता और अफसरों के नाम इस मामले में सामने आ सकते थे.

पीड़िता ने आरोपियों को पहचानने से किया इनकार

राजधानी भोपाल के जिला न्यायालय में प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप केस से जुड़े मानव तस्करी के मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया. यहां खुद को पीड़ित बताने वाली एक महिला ने कोर्ट में तीनों आरोपियों आरती दयाल, श्वेता जैन और अभिषेक सिंह ठाकुर को पहचानने से ही इनकार कर दिया था. इसके बाद आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया. इस मामले में सीआईडी भी कोई सबूत पेश नहीं कर पाई. लंबी बहस के बाद मानव तस्करी के आरोपियों को बरी करने के साथ इस केस को भी समाप्त कर दिया गया है. हनी ट्रैप केस की इंदौर कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

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आरोपी जो मामले में बन गई थी पीड़िता

इंदौर के बहुचर्चित हनी ट्रेप मामले में एक और आरोपी जिसका नाम मोनिका यादव था जो कि स्वयं को इस पूरे मामले में पीड़िता बताती थी. पुलिस ने इस पूरे मामले में उसे पीड़िता बनाकर उसके बयानों के द्वारा यह साबित करने का प्रयास किया था कि वह पीड़िता है. लेकिन पूरे मामले में अदालत में बयान के बाद प्रति परीक्षण के समय यह बात सामने आई कि उसका किसी भी तरह का शोषण या उत्पीड़न अभियुक्त द्वारा नहीं किया गया था.

हनीट्रैप मामले में कोर्ट का फैसला (ETV Bharat)

भोपाल। मध्यप्रदेश के सबसे चर्चित हनी ट्रैप से जुड़े एक मामले में भोपाल कोर्ट का फैसला आ गया है. इस हनी ट्रैप केस ने मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा दिया था. लंबे इंतजार के बाद भोपाल न्यायालय ने बहुचर्चित हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी केस में फैसला सुनाया है. भोपाल की कोर्ट ने हनीट्रैप से जुड़े मानव तस्करी के मामले में तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है. प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान 2019 में यह केस सामने आया था जिसमें राज्य के कई बड़े नेता और अफसरों के नाम इस मामले में सामने आ सकते थे.

पीड़िता ने आरोपियों को पहचानने से किया इनकार

राजधानी भोपाल के जिला न्यायालय में प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप केस से जुड़े मानव तस्करी के मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया. यहां खुद को पीड़ित बताने वाली एक महिला ने कोर्ट में तीनों आरोपियों आरती दयाल, श्वेता जैन और अभिषेक सिंह ठाकुर को पहचानने से ही इनकार कर दिया था. इसके बाद आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया. इस मामले में सीआईडी भी कोई सबूत पेश नहीं कर पाई. लंबी बहस के बाद मानव तस्करी के आरोपियों को बरी करने के साथ इस केस को भी समाप्त कर दिया गया है. हनी ट्रैप केस की इंदौर कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

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आरोपी जो मामले में बन गई थी पीड़िता

इंदौर के बहुचर्चित हनी ट्रेप मामले में एक और आरोपी जिसका नाम मोनिका यादव था जो कि स्वयं को इस पूरे मामले में पीड़िता बताती थी. पुलिस ने इस पूरे मामले में उसे पीड़िता बनाकर उसके बयानों के द्वारा यह साबित करने का प्रयास किया था कि वह पीड़िता है. लेकिन पूरे मामले में अदालत में बयान के बाद प्रति परीक्षण के समय यह बात सामने आई कि उसका किसी भी तरह का शोषण या उत्पीड़न अभियुक्त द्वारा नहीं किया गया था.

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