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लोकायुक्त की नियुक्ति को नेता प्रतिपक्ष ने बताया अवैध, सरकार को लिखा पत्र, कहा-मुझ से राय ही नहीं ली - justice satyendra mp Lokayukta

Umang Singhar on Lokayukta Appointment: नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मध्य प्रदेश के नए लोकायुक्त सत्येंद्र कुमार सिंह की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति अवैध, इसमें मुझसे कोई राय नहीं ली गई. इसको लेकर उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखा और नियुक्ति की प्रक्रिया फिर से करने की मांग की.

umang singhar on new lokayukta
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को लिखा पत्र
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 10, 2024, 6:17 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के नवनियुक्त लोकायुक्त की नियुक्ति को विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने निरस्त करने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि ''मध्य प्रदेश सरकार ने लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में विधि संगत प्रक्रिया नहीं अपनाई, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया ही अवैध है.'' राज्य सरकार से नेता प्रतिपक्ष ने अनुरोध किया है कि लोकायुक्त नियुक्ति की प्रक्रिया फिर से विधि अनुसार की जाए.

सत्येंद्र कुमार सिंह बने लोकायुक्त

राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के सेवानिवृत्ति न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार सिंह को मध्य प्रदेश का नया लोकायुक्त नियुक्त किया है. राज भवन में नए लोकायुक्त के शपथ ग्रहण समारोह के पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नियुक्ति प्रक्रिया को अवैध बताया है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र भी लिखा है.

लोकायुक्त की नियुक्ति जनहित का कार्य

उन्होंने कहा कि ''मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति निश्चित रूप से जनहित का कार्य है. सरकार द्वारा एक नाम पर अपना अंतिम निर्णय लेकर लोकायुक्त नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी गई है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मुझे इस संबंध में कोई परामर्श नहीं लिया गया. सरकार द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति हेतु अपनाई गई प्रक्रिया विधि संगत ना होकर अवैध है. लोकायुक्त पद पर नियुक्ति के संबंध में आवश्यक शर्त मध्य प्रदेश लोकायुक्त एवं उपलोकायुक्त अधिनियम 1981 की धारा 3 (एक) के परंतुक में परिभाषित है जिसके अनुसार महामहिम राज्यपाल द्वारा लोकायुक्त पद पर नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय सहित नेता प्रतिपक्ष से परामर्श लेने के बाद ही की जाना चाहिए.''

अधिसूचना को तत्काल निरस्त किया जाए

उमंग सिंघार ने कहा कि ''सरकार को पत्र लिखकर यह अपील की गई है कि सरकार द्वारा विधि की प्रक्रिया का पालन किए बिना लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में अवैध रूप से जारी अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए. सरकार द्वारा किए गए अवैध कार्य पर मेरी मौन स्वीकृति जनहित में नहीं होगी. नेता प्रतिपक्ष के रूप में मध्य प्रदेश की जनता के प्रति मेरे जो भी दायित्व हैं, उसके प्रति में प्रतिबद्ध हूं और जनता के प्रति अपने सभी कर्तव्यों का में निष्ठा से पालन करूंगा.''

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प्रक्रिया अनुसार नियुक्ति की मांग की

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से अनुरोध किया है कि लोकायुक्त नियुक्ति की प्रक्रिया फिर से की जाए और उनके परामर्श के बाद ही इसे पूरा किया जाए. गौरतलब है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने 9 मार्च को जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह को नया लोकायुक्त नियुक्त करने संबंधी अधिसूचना जारी की थी. दरअसल वर्तमान लोकायुक्त एनके गुप्ता का कार्यकाल पिछले साल 17 अक्टूबर को ही पूरा हो गया था. लेकिन अब तक नए लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो सकी थी.

भोपाल। मध्य प्रदेश के नवनियुक्त लोकायुक्त की नियुक्ति को विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने निरस्त करने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि ''मध्य प्रदेश सरकार ने लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में विधि संगत प्रक्रिया नहीं अपनाई, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया ही अवैध है.'' राज्य सरकार से नेता प्रतिपक्ष ने अनुरोध किया है कि लोकायुक्त नियुक्ति की प्रक्रिया फिर से विधि अनुसार की जाए.

सत्येंद्र कुमार सिंह बने लोकायुक्त

राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के सेवानिवृत्ति न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार सिंह को मध्य प्रदेश का नया लोकायुक्त नियुक्त किया है. राज भवन में नए लोकायुक्त के शपथ ग्रहण समारोह के पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नियुक्ति प्रक्रिया को अवैध बताया है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र भी लिखा है.

लोकायुक्त की नियुक्ति जनहित का कार्य

उन्होंने कहा कि ''मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति निश्चित रूप से जनहित का कार्य है. सरकार द्वारा एक नाम पर अपना अंतिम निर्णय लेकर लोकायुक्त नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी गई है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मुझे इस संबंध में कोई परामर्श नहीं लिया गया. सरकार द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति हेतु अपनाई गई प्रक्रिया विधि संगत ना होकर अवैध है. लोकायुक्त पद पर नियुक्ति के संबंध में आवश्यक शर्त मध्य प्रदेश लोकायुक्त एवं उपलोकायुक्त अधिनियम 1981 की धारा 3 (एक) के परंतुक में परिभाषित है जिसके अनुसार महामहिम राज्यपाल द्वारा लोकायुक्त पद पर नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय सहित नेता प्रतिपक्ष से परामर्श लेने के बाद ही की जाना चाहिए.''

अधिसूचना को तत्काल निरस्त किया जाए

उमंग सिंघार ने कहा कि ''सरकार को पत्र लिखकर यह अपील की गई है कि सरकार द्वारा विधि की प्रक्रिया का पालन किए बिना लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में अवैध रूप से जारी अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए. सरकार द्वारा किए गए अवैध कार्य पर मेरी मौन स्वीकृति जनहित में नहीं होगी. नेता प्रतिपक्ष के रूप में मध्य प्रदेश की जनता के प्रति मेरे जो भी दायित्व हैं, उसके प्रति में प्रतिबद्ध हूं और जनता के प्रति अपने सभी कर्तव्यों का में निष्ठा से पालन करूंगा.''

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प्रक्रिया अनुसार नियुक्ति की मांग की

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से अनुरोध किया है कि लोकायुक्त नियुक्ति की प्रक्रिया फिर से की जाए और उनके परामर्श के बाद ही इसे पूरा किया जाए. गौरतलब है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने 9 मार्च को जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह को नया लोकायुक्त नियुक्त करने संबंधी अधिसूचना जारी की थी. दरअसल वर्तमान लोकायुक्त एनके गुप्ता का कार्यकाल पिछले साल 17 अक्टूबर को ही पूरा हो गया था. लेकिन अब तक नए लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो सकी थी.

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