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सुरेश कुमार कैत बने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 28वें चीफ जस्टिस, CAA-जामिया केस से जुड़े थे - Jabalpur High Court Chief Justice

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 56 minutes ago

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 28वें चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने बुधवार को भोपाल में शपथ ग्रहण किया. राजभवन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने शपथ दिलाई. इस दौरान सीएम मोहन यादव सहित कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह मौजूद रहे. जानिए कौन हैं मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट के 28वें चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत.

Suresh Kait Madhya Pradesh HC 28th Chief Justice
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को मिले पहले दलित चीफ जस्टिस (ETV Bharat)

भोपाल: हरियाणा के कैथल जिले के रहने वाले जस्टिस सुरेश कुमार कैत मध्य प्रदेश के 28वें चीफ जस्टिस बन गए हैं. राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन में हुए समारोह में उन्हें शपथ दिलाई. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे. शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवागत चीफ जस्टिस को गुलदस्ता देकर बधाई दी. जस्टिस कैत का कार्यकाल 6 माह का होगा.

6 माह होगा कार्यकाल

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 सितंबर को सुरेश कुमार कैत को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने की सिफारिश की थी. कैत इस पद पर 6 महीने तक रहेंगे. हालांकि इसके पहले कॉलेजियम ने जस्टिस जीएस संधूवालिया का नाम प्रस्तावित किया था, लेकिन बाद में इसमें संशोधन कर जस्टिस कैत के नाम की सिफारिश की गई थी.

Jabalpur High Court Chief Justice Suresh Kait
चीफ जस्टिस सुरेश कैत को बधाई देते सीएम (ETV Bharat)

हरियाणा के कैथल से हैं मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस

मध्य प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश मूल रूप से हरियाणा के कैथल के काकोत गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई हरियाणा में रहकर ही की.

Who Is Madhya Pradesh Chief Justice
शपथ ग्रहण करते जस्टिस सुरेश कुमार कैत (ETV Bharat)

2008 में बने थे दिल्ली हाई कोर्ट के जज

इसके बाद कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और इसके बाद वे कानून की पढ़ाई करने दिल्ली आ गए. दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने कानून की पढ़ाई की. 1989 में सबसे पहले उन्होंने वकील के रूप में अपना पंजीयन कराया.

जस्टिस सुरेश कुमार कैथ ने करीब 20 साल तक वकालत की. साल 2004 में वो केन्द्र सरकार के स्थाई वकील बन गए. इसके बाद 2008 में दिल्ली हाईकोर्ट में वो अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त हुए. कैथल से जबलपुर का यह सफर साल 2024 में चीफ जस्टिस के रुप में अनवरत जारी है.

सीएए, जामिया हिंसा मामलों को लेकर जाने जाते हैं कैत

आपको बता दें जस्टिस सुरेश कुमार कैत को सीएए और जामिया हिंसा जैसे मामलों के लिए भी जाना जाता है. जस्टिस कैत पांच साल पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी सीएए और उसको लेकर हुए प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर फैसला सुना चुके हैं. इसके अलावा जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा में सुनवाई के बाद फैसला सुनाया था. फैसले की दृष्टिकोण को लेकर जस्टिस सुरेश कुमार कैत की तारीफ की गई थी.

यहां पढ़ें...

हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के विदाई कार्यक्रम से पहले एक चिट्ठी ने मचाया बवाल, बार काउंसिल के सदस्य ने लिखी ये बात

चीफ जस्टिस पर कौन दुश्मन बार-बार करता था हमला? पर बाल भी बांका ना हुआ, बना दिया बेस्ट कोर्ट

विवेक तंखा ने बधाई में कहा पहली बार एक विद्वान् दलित जज बने मध्य प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश

चीफ जस्टिस बनने पर सुरेश कुमार कैत को सीएम मोहन यादव सहित कई लोगों ने बधाई दी. वहीं कांग्रेस राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट करते हुए लिखा 'सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम को बधाई. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में , 1956 स्थापना के पश्चात, पहली बार एक विद्वान दलित जज जस्टिस कैत हमारे प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) के पद ग्रहण करेंगे. अगली बार आदिवासी हो तो जस्टिस सिस्टम की प्रति विश्वास और बढ़ेगा.'

भोपाल: हरियाणा के कैथल जिले के रहने वाले जस्टिस सुरेश कुमार कैत मध्य प्रदेश के 28वें चीफ जस्टिस बन गए हैं. राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन में हुए समारोह में उन्हें शपथ दिलाई. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे. शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवागत चीफ जस्टिस को गुलदस्ता देकर बधाई दी. जस्टिस कैत का कार्यकाल 6 माह का होगा.

6 माह होगा कार्यकाल

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 सितंबर को सुरेश कुमार कैत को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने की सिफारिश की थी. कैत इस पद पर 6 महीने तक रहेंगे. हालांकि इसके पहले कॉलेजियम ने जस्टिस जीएस संधूवालिया का नाम प्रस्तावित किया था, लेकिन बाद में इसमें संशोधन कर जस्टिस कैत के नाम की सिफारिश की गई थी.

Jabalpur High Court Chief Justice Suresh Kait
चीफ जस्टिस सुरेश कैत को बधाई देते सीएम (ETV Bharat)

हरियाणा के कैथल से हैं मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस

मध्य प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश मूल रूप से हरियाणा के कैथल के काकोत गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई हरियाणा में रहकर ही की.

Who Is Madhya Pradesh Chief Justice
शपथ ग्रहण करते जस्टिस सुरेश कुमार कैत (ETV Bharat)

2008 में बने थे दिल्ली हाई कोर्ट के जज

इसके बाद कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और इसके बाद वे कानून की पढ़ाई करने दिल्ली आ गए. दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने कानून की पढ़ाई की. 1989 में सबसे पहले उन्होंने वकील के रूप में अपना पंजीयन कराया.

जस्टिस सुरेश कुमार कैथ ने करीब 20 साल तक वकालत की. साल 2004 में वो केन्द्र सरकार के स्थाई वकील बन गए. इसके बाद 2008 में दिल्ली हाईकोर्ट में वो अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त हुए. कैथल से जबलपुर का यह सफर साल 2024 में चीफ जस्टिस के रुप में अनवरत जारी है.

सीएए, जामिया हिंसा मामलों को लेकर जाने जाते हैं कैत

आपको बता दें जस्टिस सुरेश कुमार कैत को सीएए और जामिया हिंसा जैसे मामलों के लिए भी जाना जाता है. जस्टिस कैत पांच साल पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी सीएए और उसको लेकर हुए प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर फैसला सुना चुके हैं. इसके अलावा जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा में सुनवाई के बाद फैसला सुनाया था. फैसले की दृष्टिकोण को लेकर जस्टिस सुरेश कुमार कैत की तारीफ की गई थी.

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विवेक तंखा ने बधाई में कहा पहली बार एक विद्वान् दलित जज बने मध्य प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश

चीफ जस्टिस बनने पर सुरेश कुमार कैत को सीएम मोहन यादव सहित कई लोगों ने बधाई दी. वहीं कांग्रेस राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट करते हुए लिखा 'सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम को बधाई. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में , 1956 स्थापना के पश्चात, पहली बार एक विद्वान दलित जज जस्टिस कैत हमारे प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) के पद ग्रहण करेंगे. अगली बार आदिवासी हो तो जस्टिस सिस्टम की प्रति विश्वास और बढ़ेगा.'

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