भोपाल। मध्यप्रदेश में अब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 62 साल ही रहेगी. सरकार की ओर से रिटायरमेंट करने की उम्र 65 साल करने का प्रस्ताव वित्त विभाग के पास भेजा गया था. इस प्रस्ताव को वित्त विभाग ने खारिज कर दिया है. बता दें कि सरकार की और से भेजे गए इस प्रस्ताव का कांग्रेस ने जमकर विरोध किया था. युवा कांग्रेस ने 13 फरवरी को भोपाल में हुए प्रदर्शन के दौरान इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया गया था. इस प्रस्ताव को वापस लेने पर मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने स्वागत किया है.
जेल से रिहा होने के बाद फिर जताया था विरोध
मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और झाबुआ विधायक डाॅ.विक्रांत भूरिया ने जेल से रिहा होने के बाद शुक्रवार को रिटायरमेंट की उम्र 65 साल किए जाने वाले प्रस्ताव पर फिर विरोध जताया था. उन्होंने कहा था कि "सरकार, प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ निरंतर खिलवाड़ कर रही है. सरकार योजनाबद्ध तरीके से युवाओं के हक का मर्दन कर रही है. सरकार ने पहले सेवानिवृत्ति की आयु 58 से 60 वर्ष की, कुछ वर्षों बाद उसे बढ़ाकर 62 वर्ष कर दिया और अब सरकार इसे 65 वर्ष करने जा रही है. जिसका सीधा असर 5 लाख बेरोजगारों पर पड़ेगा. 5 लाख कर्मचारी जो सेवानिवृत्त होगें उससे नए रोजगार का सृजन होगा और जिनकी पदोन्नति होती वह भी नहीं रुकेगी."
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'प्रदेश के युवाओं की बड़ी जीत'
युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के लिए यह बड़ी जीत है. मैंने विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को चेताया था कि सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का विचार पूर्णतः युवाओं के भविष्य को अंधकार में झोंकने जैसा है. सरकार इसका विचार छोड़ दे अन्यथा सड़क से सदन तक विरोध का सामना करने तैयार रहे. 13 फरवरी के आंदोलन में यह भी हमारी मांग थी कि सरकार इस प्रस्ताव को खारिज करे. आज वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को खारिज कर एक संवेदनशील निर्णय लिया है, जिसका हम स्वागत करते हैं. यह हमारी और प्रदेश के युवाओं की संयुक्त जीत है.