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अब कुलपति से कुलगुरू पद नाम,विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पास होने के बाद क्या पड़ेगा फर्क - now vice chancellor known Kulguro

Vice Chancellor Name Change Now Kulguro: मध्यप्रदेश कैबिनेट की बैठक में विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पास होने के बाद अब कुलपति का पद नाम बदल गया. कुलपति अब कुलगुरू कहलाएंगे,जबकि कुलसचिव को कुलपति कहा जाएगा.

university amendment bill passed
अब कुलपति से कुलगुरू पद नाम
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 6, 2024, 7:36 PM IST

भोपाल। वैसे कहा जाता है कि नाम में क्या रखा है, लेकिन असल में नाम में ही छिपी होती है पूरी कहानी. जब नाम बदलने की आंधी चली हो तो पद नाम क्यों नहीं बदले जाएं. मध्यप्रदेश कैबिनेट में मंगलवार को बैठक में विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पास होने के बाद अब कुलपति का भी नाम बदल गया. कुलपति अब कुलगुरू कहलाएंगे, जबकि जो कुलसचिव हैं उन्हें कुलपति कहा जाएगा. सवाल ये है कि क्या ये केवल पदनाम का बदला जाना है या इसके बदले जाने से कोई अंतर भी आएगा. या ये केवल सरकार को सनातन दिखाने का ही एक उपक्रम है.

now vice chancellor known Kulguro
अब कुलपति से कुलगुरू पद नाम

मुख्यमंत्री बनकर किया पूरा

डॉ मोहन यादव ने उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए स्वयं जो प्रस्ताव रखा था,उसे तब पूरा नहीं करा पाए तो सीएम बनने के डेढ़ महीने बाद ही उनके उस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लग गई. ये प्रस्ताव था विश्वविद्यालयों के कुलपति का पदनाम कुलगुरू किये जाने का. आखिरकार आज कैबिनेट की बठक में इसे मंजूरी दे दी गई अब कुलपति मध्यप्रदेश में कुलगुरू कहलाएंगे और कुलसचिव जो हैं उन्हें कुलपति कहा जाएगा.

'ये विचारों की घर वापिसी'

भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक संजय द्विवेदी का मध्यप्रदेश सरकार के इस निर्णय पर कहना है कि ये परंपरा का सम्मान है. उन्होंने कहा कि ये असल में जड़ों की ओर वापसी है. वे कहते हैं नाम का बहुत महत्त्व होता है. आप नाम से जो होते हैं फिर वैसा होने का प्रयास भी करते हैं. ये बहुत अच्छा निर्णय है, सरकार बधाई की पात्र है. जो बदलाव इन दिनों शिक्षा और समाज में हो रहे हैं उसे मैं 'विचारों की घर वापसी' मानता हूं.

यहां पहले से ही कुलगुरू

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के फिजिकल डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ आलोक मिश्रा का कहना है कि शिक्षा के उच्च संस्थान के प्रमुख अब कुलगुरू कहलाएंगे. बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने पहले ही इसका प्रयोग शुरू कर दिया था. एक से अधिक व्यक्तियों को शिक्षित या ज्ञान प्रदान करने वाले कुलगुरू होता है तो विश्वविद्यालय भी वही स्थान है जहां छात्रों को ज्ञान प्रदान किया जाता है. ये शासन का सराहनीय कार्य है.

ये भी पढ़ें:

नाम बदल वायरस की शिकार

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता का कहना है कि भाजपा जब भी महंगाई, बेरोजगारी,गरीबी ,शिक्षा और चिकित्सा जैसे मूल मुद्दों में फेल हो जाती है तो वह गुमराह करने के लिए नाम बदल अभियान शुरू कर देती है. विश्वविद्यालयों में विशेषज्ञों के स्थान पर सामान्य लोगों की भर्ती हो रही है. एकेडमीशियन के पेपर दुनिया के जरनल्स में छपते हैं, वे वैश्विक स्तर पर समारोहों में जाते हैं,वे क्या वहां बतायेंगे कि पति का अर्थ हसबेंड होता है इसलिये हमारी सरकार इसे कुलगुरू बोलेगी. अंततः वह अपने आपको वाइस चांसलर ही बोलेगा.चुनाव पास आते ही भाजपा नाम बदल वायरस की शिकार हो जाती है.

भोपाल। वैसे कहा जाता है कि नाम में क्या रखा है, लेकिन असल में नाम में ही छिपी होती है पूरी कहानी. जब नाम बदलने की आंधी चली हो तो पद नाम क्यों नहीं बदले जाएं. मध्यप्रदेश कैबिनेट में मंगलवार को बैठक में विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पास होने के बाद अब कुलपति का भी नाम बदल गया. कुलपति अब कुलगुरू कहलाएंगे, जबकि जो कुलसचिव हैं उन्हें कुलपति कहा जाएगा. सवाल ये है कि क्या ये केवल पदनाम का बदला जाना है या इसके बदले जाने से कोई अंतर भी आएगा. या ये केवल सरकार को सनातन दिखाने का ही एक उपक्रम है.

now vice chancellor known Kulguro
अब कुलपति से कुलगुरू पद नाम

मुख्यमंत्री बनकर किया पूरा

डॉ मोहन यादव ने उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए स्वयं जो प्रस्ताव रखा था,उसे तब पूरा नहीं करा पाए तो सीएम बनने के डेढ़ महीने बाद ही उनके उस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लग गई. ये प्रस्ताव था विश्वविद्यालयों के कुलपति का पदनाम कुलगुरू किये जाने का. आखिरकार आज कैबिनेट की बठक में इसे मंजूरी दे दी गई अब कुलपति मध्यप्रदेश में कुलगुरू कहलाएंगे और कुलसचिव जो हैं उन्हें कुलपति कहा जाएगा.

'ये विचारों की घर वापिसी'

भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक संजय द्विवेदी का मध्यप्रदेश सरकार के इस निर्णय पर कहना है कि ये परंपरा का सम्मान है. उन्होंने कहा कि ये असल में जड़ों की ओर वापसी है. वे कहते हैं नाम का बहुत महत्त्व होता है. आप नाम से जो होते हैं फिर वैसा होने का प्रयास भी करते हैं. ये बहुत अच्छा निर्णय है, सरकार बधाई की पात्र है. जो बदलाव इन दिनों शिक्षा और समाज में हो रहे हैं उसे मैं 'विचारों की घर वापसी' मानता हूं.

यहां पहले से ही कुलगुरू

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के फिजिकल डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ आलोक मिश्रा का कहना है कि शिक्षा के उच्च संस्थान के प्रमुख अब कुलगुरू कहलाएंगे. बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने पहले ही इसका प्रयोग शुरू कर दिया था. एक से अधिक व्यक्तियों को शिक्षित या ज्ञान प्रदान करने वाले कुलगुरू होता है तो विश्वविद्यालय भी वही स्थान है जहां छात्रों को ज्ञान प्रदान किया जाता है. ये शासन का सराहनीय कार्य है.

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नाम बदल वायरस की शिकार

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता का कहना है कि भाजपा जब भी महंगाई, बेरोजगारी,गरीबी ,शिक्षा और चिकित्सा जैसे मूल मुद्दों में फेल हो जाती है तो वह गुमराह करने के लिए नाम बदल अभियान शुरू कर देती है. विश्वविद्यालयों में विशेषज्ञों के स्थान पर सामान्य लोगों की भर्ती हो रही है. एकेडमीशियन के पेपर दुनिया के जरनल्स में छपते हैं, वे वैश्विक स्तर पर समारोहों में जाते हैं,वे क्या वहां बतायेंगे कि पति का अर्थ हसबेंड होता है इसलिये हमारी सरकार इसे कुलगुरू बोलेगी. अंततः वह अपने आपको वाइस चांसलर ही बोलेगा.चुनाव पास आते ही भाजपा नाम बदल वायरस की शिकार हो जाती है.

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