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भेल टाउनशिप में 1500 मकानों पर चलेगा बुलडोजर, प्रबंधन ने कहा इन्हें गिराना है जरूरी, बताई ये वजह - Bhopal BHEL Township House

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 8:59 PM IST

भेल टाउनशिप के मकानों पर एक बार फिर बुलडोजर चलाया जाएगा. बताया गया है कि प्रबंधन की हरी झंडी मिलते ही जर्जर मकानों को जमींदोज कर दिया जाएगा. यहां अब करीब 6 हजार मकान रहने लायक हैं जिनकी रिपेयरिंग कराई जाएगी.

BHEL TOWNSHIP HOUSE BULLDOZERED
भेल टाउनशिप में 1500 मकानों पर चलेगा बुलडोजर (ETV Bharat)

भोपाल: भेल टाउनशिप में एक बार फिर 1500 मकानों पर बुलडोजर चलने वाला है. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. प्रबंधन से हरी झंडी मिलते ही इन मकानों को जमींदोज कर दिया जाएगा. बता दें, कि इससे पहले भी भेल प्रबंधन ने बरखेड़ा, पिपलानी, हबीबगंज और गोविंदपुरा में स्थित 2500 से अधिक खाली क्वाटर को गिरा चुका है. अधिकारियों का कहना है कि जिन मकानों में कर्मचारी रह रहे हैं, उनकी मरम्मत कराई जाएगी, जबकि खाली पड़े मकानों को गिरा दिया जाएगा.

BHEL TOWNSHIP 1500 HOUSE GROUNDED
प्रबंधन की हरी झंडी मिलते ही भेल टाउनशिप जर्जर मकानें होगें जमींदोज (ETV Bharat)

60 साल से अधिक पुराने हैं मकान

जानकारी के अनुसार साल 1960 में भेल ने पिपलानी, गोविंदपुरा, बरखेड़ा और हबीबगंज में अपने कर्मचारियों के लिए टाउनशिप डेवलप की थी. इसी दौरान मकान बनाए गए थे. जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं. हालांकि इनमें कुछ मकानों की हालत ठीक है, जहां कर्मचारी रह रहे हैं. जबकि बताया जा रहा है कि खंडहर मकानों में अन्य लोगों ने कब्जा कर रखा है. इन मकानों को बने हुए 60 साल से अधिक का समय बीत गया है और ये मकान जर्जर हो चुके हैं. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से इन मकानों को गिराना जरुरी हो गया है.

12 हजार में से रहने लायक बचे 6 हजार मकान

भेल भोपाल के प्रवक्ता विनोदानंद झा ने बताया कि "एक समय टाउनशिप में 12 हजार मकान थे. अब इनमें 7500 मकान ही बचे हैं, वो भी जर्जर अवस्था में हैं. इसलिए प्रबंधन 1500 और मकानों को गिराने का फैसला लिया है. हालांकि बचे हुए 6 हजार मकानों की रिपेयरिंग कराई जाएगी, जिससे कर्मचारियों के लिए बेहतर आवास सुविधा मिल सके."

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22 हजार में से 4500 कर्मचारी हैं कार्यरत

भेल में एक समय करीब 22 हजार कर्मचारी थे. लेकिन नई भर्ती नहीं होने से अब इनकी संख्या घटकर 4500 रह गई है. वहीं भेल में करीब 1200 अधिकारी हैं. इसमें भी अधिकतर कर्मचारी और अधिकारी ऐसे हैं, जो टाउनशिप से लगी हुई कालोनियों में मकान खरीद कर रह रहे हैं. इसलिए भेल भी इन मकानों की मरम्मत नहीं करना चाहता है. बता दें कि भेल क्षेत्र में करीब 4 हजार से अधिक मकान खाली पड़े हैं. इनमें असामाजिक तत्वों ने कब्जा जमा लिया है. जिससे टाउनशिप में लूट और चोरी जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. जो मकानों को गिराए जाने के प्रमुख कारणों से में एक है.

भोपाल: भेल टाउनशिप में एक बार फिर 1500 मकानों पर बुलडोजर चलने वाला है. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. प्रबंधन से हरी झंडी मिलते ही इन मकानों को जमींदोज कर दिया जाएगा. बता दें, कि इससे पहले भी भेल प्रबंधन ने बरखेड़ा, पिपलानी, हबीबगंज और गोविंदपुरा में स्थित 2500 से अधिक खाली क्वाटर को गिरा चुका है. अधिकारियों का कहना है कि जिन मकानों में कर्मचारी रह रहे हैं, उनकी मरम्मत कराई जाएगी, जबकि खाली पड़े मकानों को गिरा दिया जाएगा.

BHEL TOWNSHIP 1500 HOUSE GROUNDED
प्रबंधन की हरी झंडी मिलते ही भेल टाउनशिप जर्जर मकानें होगें जमींदोज (ETV Bharat)

60 साल से अधिक पुराने हैं मकान

जानकारी के अनुसार साल 1960 में भेल ने पिपलानी, गोविंदपुरा, बरखेड़ा और हबीबगंज में अपने कर्मचारियों के लिए टाउनशिप डेवलप की थी. इसी दौरान मकान बनाए गए थे. जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं. हालांकि इनमें कुछ मकानों की हालत ठीक है, जहां कर्मचारी रह रहे हैं. जबकि बताया जा रहा है कि खंडहर मकानों में अन्य लोगों ने कब्जा कर रखा है. इन मकानों को बने हुए 60 साल से अधिक का समय बीत गया है और ये मकान जर्जर हो चुके हैं. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से इन मकानों को गिराना जरुरी हो गया है.

12 हजार में से रहने लायक बचे 6 हजार मकान

भेल भोपाल के प्रवक्ता विनोदानंद झा ने बताया कि "एक समय टाउनशिप में 12 हजार मकान थे. अब इनमें 7500 मकान ही बचे हैं, वो भी जर्जर अवस्था में हैं. इसलिए प्रबंधन 1500 और मकानों को गिराने का फैसला लिया है. हालांकि बचे हुए 6 हजार मकानों की रिपेयरिंग कराई जाएगी, जिससे कर्मचारियों के लिए बेहतर आवास सुविधा मिल सके."

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22 हजार में से 4500 कर्मचारी हैं कार्यरत

भेल में एक समय करीब 22 हजार कर्मचारी थे. लेकिन नई भर्ती नहीं होने से अब इनकी संख्या घटकर 4500 रह गई है. वहीं भेल में करीब 1200 अधिकारी हैं. इसमें भी अधिकतर कर्मचारी और अधिकारी ऐसे हैं, जो टाउनशिप से लगी हुई कालोनियों में मकान खरीद कर रह रहे हैं. इसलिए भेल भी इन मकानों की मरम्मत नहीं करना चाहता है. बता दें कि भेल क्षेत्र में करीब 4 हजार से अधिक मकान खाली पड़े हैं. इनमें असामाजिक तत्वों ने कब्जा जमा लिया है. जिससे टाउनशिप में लूट और चोरी जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. जो मकानों को गिराए जाने के प्रमुख कारणों से में एक है.

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