भोपाल: राजधानी भोपाल के बागसेवनिया थाना क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर 4 दिन पहले क्षत विक्षत हालत में मिले शव की पहचान हो गई है. 4 दिन बाद सोमवार को मृतक का शव घटनास्थल से 70 फीट दूर दूसरे थाना क्षेत्र में मिला है. मृतक एम्स अस्पताल में एकाउंटेंट का काम करता था. वह एम्स में आउटसोर्स कर्मचारी था. पुलिस ने मृतक का सिर मिलने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए हमीदिया अस्पताल भेज दिया है. जिससे घटना के कारणों का खुलासा हो सके.
भोपाल में मामा के घर पर रहता था मृतक
बागसेवनिया थाना पुलिस के अनुसार, एम्स का आउटसोर्स कर्मचारी दीपक महोबे मूलतः बैतूल का रहने वाला था. वह भेल के बरखेड़ा पठानी इलाके में स्थित अपने मामा के मकान में रहता था. पुलिस के अनुसार, मृतक के मामा ने बताया कि घटना वाली रात 16 अक्टूबर को घर के सभी लोग खाना खाकर सो गए थे. दीपक कब घर आया और कब घर से निकला, इसकी भनक भी उन्हें नहीं लगी. मृतक के कपड़े और शरीर की बनावट के आधार पर उसके परिजन ने दीपक का शव होने की संभावना जताई थी. हालांकि सिर मिलने के बाद मृतक की पहचान हो गई है.
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आत्महत्या या हत्या दोनो एंगल से हो रही जांच
बागसेवनिया थाना प्रभारी अमित सोनी ने बताया कि, "16 अक्टूबर को रेलवे ट्रैक पर क्षत विक्षत हालत में एक शव मिला था. लेकिन सिर नहीं मिला था. सोमवार को घटना स्थल से 70 फीट दूर सिर मिला है. हालांकि मृतक का शव बागसेवनिया थाना क्षेत्र में मिला था, जबकि सिर मिसरोद थाना क्षेत्र में मिला है. पुलिस अभी हत्या या आत्महत्या दोनों ही एंगल से जांच कर रही है. माना जा रहा है कि किसी जानवर ने सिर को शव से दूर पहुंचाया होगा, या फिर ट्रेन से टकराने के बाद सिर उछलकर 70 फीट दूर गया होगा.''