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55 साल की महिला को अंटार्कटिका चढ़ने चाहिए 15 लाख का लोन, कैसे होगा जुगाड़ - BHOPAL MOUNTAINEER JYOTI RATRE

भोपाल की ज्योति रात्रे को पर्वतों पर चढ़ाई का शौक है. जिसमें खतरों के साथ खर्च भी लाखों का आता है.

BHOPAL MOUNTAINEER JYOTI RATRE
55 साल की महिला को अंटार्कटिका चढ़ने चाहिए 15 लाख का लोन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

भोपाल: कहते हैं अगर किसी में जुनून हो, तो उसके लक्ष्य के सामने कोई बाधा भी आ जाए, तो वह रास्ते नहीं बदलता, बल्कि इसे पूरा करने के लिए वो मुश्किलों को भी अवसर में बदल देता है. कुछ ऐसा ही भोपाल निवासी देश की सबसे उम्रदराज माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली ज्योति रात्रे के साथ हुआ. उन्होंने आपदाओं को अवसर में तो बदल दिया, लेकिन इसके लिए उन्हें काफी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी. इससे भी बड़ी बात अपने नए लक्ष्य को पार करने के लिए ज्योति रात्रे को 15 लाख रुपए की जरूरत है.

स्पांसरशिप नहीं मिलने से उठाना पड़ रहा पूरा खर्च

ईटीवी भारत से बात करते हुए ज्योति रात्रे ने बताया कि "माउंटेनिंग करना काफी मंहगा शौक है, लेकिन एक बार जब उन्होंने निश्चय कर लिया, तो परिवार ने भी साथ देना शुरू कर दिया. ज्योति ने बताया कि अधिकतर माउंटेनर को स्पांसरशिप मिल जाती है, जिससे उनका खर्च काफी हद तक कम हो जाता है. अब तक उनको कोई स्पांशरशिप नहीं मिलने से पूरा खर्च खुद ही करना पड़ रहा है. हालांकि उन्होंने बताया कि साल 2023 में माउंट एवरेस्ट पर जाने के लिए मध्य प्रदेश के राज्यपाल द्वारा 2.5 लाख रुपये की मदद की गई थी.

ज्योति रात्रे से ईटीवी भारत ने की बात (ETV Bharat)

इस यात्रा में करीब 25 लाख रुपये खर्च हुए थे. हालांकि तब वो अपने साथ चल रहे एक अन्य पर्वतारोही की तबीयत बिगड़ने के कारण इस अभियान को रास्ते में ही रोकना पड़ा. इसके बाद मई 2024 में ज्योति ने एक बार फिर माउंट एवरेस्ट पर जाने का निर्णय लिया. 19 मई 2024 को उन्होंने इसके शिखर पर पहुंचकर तिरंगा फहराया. जिसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से ज्योति को 15 लाख रुपये का अनुदान दिया गया. इसके अलावा अब तक उनको पर्वतारोहण के लिए कोई मदद नहीं मिली.

Jyoti Ratre Antarctica Mount Vinson
घर में काम करते वक्त भी चढ़ाई की तैयारी करती ज्योति (ETV Bharat)

अब अंटार्कटिका की तैयारी

ज्योति रात्रे का अगला लक्ष्य अंटार्कटिका की पहाड़ी है. ज्योति माउंट विंसन की 4,892 मीटर की ऊंचाई फतह करने की तैयारी कर रही हैं. इस दौरान उनके साथ भारत के 6 अन्य पर्वतारोही और क्रू मेंबर होंगे. ज्योति ने बताया कि अंटार्कटिका में केवल 6 महीने ही दिन होते हैं. केवल दिसंबर के महीने में ही मौसम ऐसा रहता है, जब माउंट विंसन पर पहुंचा जा सकता है. जबकि साल के बाकी महीनों में यहां पहुंचना बहुत कठिन होता है. वेदर के कारण यहां दिसंबर के अलावा फ्लाइट लैंड होने में भी काफी परेशानियां आती हैं.

Bhopal 55 Year old Mountaineer Jyoti Ratre
पहाड़ों पर चढ़ाई के वक्त ज्योति की तस्वीर (ETV Bharat)

माउंट विंसन के लिए लेना पड़ा 15 लाख लोन

यहां का सामान्य टेम्प्रेचर -30 से लेकर -60 डिग्री सेंटीग्रेट तक होता है. अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन पर चढ़ाई का खर्च करीब 60 लाख रुपये है. इतनी राशि ज्योति के पास नहीं है. ऐसे में उनको 15 लाख रुपये का लोन भी लेना पड़ा है. वहीं माउंट विंसन पर फतह से पहले पर्वतारोही को पर्याप्त प्रशिक्षण और तैयारी की जरुरत होती है. ऐसे में वो प्रतिदिन आईस बाथ ले रही हैं, जिससे तापमान को नियंत्रित किया जा सके.

इसके साथ ही भोपाल के मनुआभान टेकरी की दिन में 2 से 3 बार चढ़ाई कर रही हैं. इस दौरान वो अपनी कमर पर एक टायर को बांधकर उसमें कुछ पत्थर रखकर चढ़ाई करती हैं. ज्योति की 13 दिसंबर को भोपाल से मुंबई के लिए फ्लाइट है. इसके बाद 14 दिसंबर को मुंबई से चिली के सेंटिएगो के लिए रवाना होगी. 18 दिसंबर को विशेष विमान से ज्योति अंटार्कटिका पहुंचेगी.

भोपाल: कहते हैं अगर किसी में जुनून हो, तो उसके लक्ष्य के सामने कोई बाधा भी आ जाए, तो वह रास्ते नहीं बदलता, बल्कि इसे पूरा करने के लिए वो मुश्किलों को भी अवसर में बदल देता है. कुछ ऐसा ही भोपाल निवासी देश की सबसे उम्रदराज माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली ज्योति रात्रे के साथ हुआ. उन्होंने आपदाओं को अवसर में तो बदल दिया, लेकिन इसके लिए उन्हें काफी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी. इससे भी बड़ी बात अपने नए लक्ष्य को पार करने के लिए ज्योति रात्रे को 15 लाख रुपए की जरूरत है.

स्पांसरशिप नहीं मिलने से उठाना पड़ रहा पूरा खर्च

ईटीवी भारत से बात करते हुए ज्योति रात्रे ने बताया कि "माउंटेनिंग करना काफी मंहगा शौक है, लेकिन एक बार जब उन्होंने निश्चय कर लिया, तो परिवार ने भी साथ देना शुरू कर दिया. ज्योति ने बताया कि अधिकतर माउंटेनर को स्पांसरशिप मिल जाती है, जिससे उनका खर्च काफी हद तक कम हो जाता है. अब तक उनको कोई स्पांशरशिप नहीं मिलने से पूरा खर्च खुद ही करना पड़ रहा है. हालांकि उन्होंने बताया कि साल 2023 में माउंट एवरेस्ट पर जाने के लिए मध्य प्रदेश के राज्यपाल द्वारा 2.5 लाख रुपये की मदद की गई थी.

ज्योति रात्रे से ईटीवी भारत ने की बात (ETV Bharat)

इस यात्रा में करीब 25 लाख रुपये खर्च हुए थे. हालांकि तब वो अपने साथ चल रहे एक अन्य पर्वतारोही की तबीयत बिगड़ने के कारण इस अभियान को रास्ते में ही रोकना पड़ा. इसके बाद मई 2024 में ज्योति ने एक बार फिर माउंट एवरेस्ट पर जाने का निर्णय लिया. 19 मई 2024 को उन्होंने इसके शिखर पर पहुंचकर तिरंगा फहराया. जिसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से ज्योति को 15 लाख रुपये का अनुदान दिया गया. इसके अलावा अब तक उनको पर्वतारोहण के लिए कोई मदद नहीं मिली.

Jyoti Ratre Antarctica Mount Vinson
घर में काम करते वक्त भी चढ़ाई की तैयारी करती ज्योति (ETV Bharat)

अब अंटार्कटिका की तैयारी

ज्योति रात्रे का अगला लक्ष्य अंटार्कटिका की पहाड़ी है. ज्योति माउंट विंसन की 4,892 मीटर की ऊंचाई फतह करने की तैयारी कर रही हैं. इस दौरान उनके साथ भारत के 6 अन्य पर्वतारोही और क्रू मेंबर होंगे. ज्योति ने बताया कि अंटार्कटिका में केवल 6 महीने ही दिन होते हैं. केवल दिसंबर के महीने में ही मौसम ऐसा रहता है, जब माउंट विंसन पर पहुंचा जा सकता है. जबकि साल के बाकी महीनों में यहां पहुंचना बहुत कठिन होता है. वेदर के कारण यहां दिसंबर के अलावा फ्लाइट लैंड होने में भी काफी परेशानियां आती हैं.

Bhopal 55 Year old Mountaineer Jyoti Ratre
पहाड़ों पर चढ़ाई के वक्त ज्योति की तस्वीर (ETV Bharat)

माउंट विंसन के लिए लेना पड़ा 15 लाख लोन

यहां का सामान्य टेम्प्रेचर -30 से लेकर -60 डिग्री सेंटीग्रेट तक होता है. अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन पर चढ़ाई का खर्च करीब 60 लाख रुपये है. इतनी राशि ज्योति के पास नहीं है. ऐसे में उनको 15 लाख रुपये का लोन भी लेना पड़ा है. वहीं माउंट विंसन पर फतह से पहले पर्वतारोही को पर्याप्त प्रशिक्षण और तैयारी की जरुरत होती है. ऐसे में वो प्रतिदिन आईस बाथ ले रही हैं, जिससे तापमान को नियंत्रित किया जा सके.

इसके साथ ही भोपाल के मनुआभान टेकरी की दिन में 2 से 3 बार चढ़ाई कर रही हैं. इस दौरान वो अपनी कमर पर एक टायर को बांधकर उसमें कुछ पत्थर रखकर चढ़ाई करती हैं. ज्योति की 13 दिसंबर को भोपाल से मुंबई के लिए फ्लाइट है. इसके बाद 14 दिसंबर को मुंबई से चिली के सेंटिएगो के लिए रवाना होगी. 18 दिसंबर को विशेष विमान से ज्योति अंटार्कटिका पहुंचेगी.

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