भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक शासकीय स्कूल की प्राचार्य ने जिंदादिली की अनूठी मिसाल पेश की है. उन्होंने 'कौन बनेगा करोड़पति' शो में जीते हुए 25 लाख रूपये से अपने शासकीय स्कूल में रोबोटिक्स लैब बनावा दिया. इस लैब से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा. मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री उदय राव प्रताप सिंह ने जहांगीराबाद स्थित स्कूल पहुंचकर इस लैब का शुभारंभ किया और दो शिक्षकों को सम्मानित भी किया.
कौन बनेगा करोड़पति शो में जीता था 25 लाख
भोपाल के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जहांगीराबाद में बतौर प्रिंसिपल सेवा देने वाली डॉ. उषा खरे ने चार साल पहले 2020 में 'कौन बनेगा करोड़पति' शो के कर्मवीर एपिसोड में 25 लाख रुपए जीता था. उषा खरे ने जिंदादिली की मिसाल पेश करते हुए जीते हुए पैसों से भोपाल स्थित अपने शासकीय विद्यालय में रोबोटिक्स लैब बनवा दिया है. एमपी सरकार में शिक्षा मंत्री उदय राव प्रताप ने जहांगीराबाद स्थित स्कूल पहुंचकर रोबोटिक्स लैब का शुभारंभ किया. प्रिंसिपल उषा खरे के इस कदम से यह सरकारी स्कूल हाईटेक स्कूलों में शामिल हो गया है.
छात्राओं ने प्रजेंटेशन भी दिया
रोबोटिक्स लैब के उद्घाटन के दौरान स्कूल की छात्राओं ने अपने हाथों से बनाए गए रोबोट और एआई माडलों का भी प्रदर्शन किया. साथ ही थ्रीडी प्रिंटिंग मशीन की मदद से वस्तुओं को बनाने का प्रजेंटेशन दिया. इस दौरान एक छात्रा ने बताया कि, 'उसने एक सेंसर बनाया है, जो नेत्रहीनों के लिए काफी फायदेमंद होगा. जब कोई भी नेत्रहीन इस डिवाइस को अपने पैर में पहन लेगा तो सड़क में कोई व्यवधान आने पर इसमें बीप बजने लगेगी. जिससे उसे पता चल जाएगा कि आगे पैर नहीं रखना है.' शिक्षा मंत्री ने उषा खरे के काल को स्वर्णिम काल बताते हुए उन्हें बधाई दी. इसके अलावा देशमुख द्विवेदी और धीरज टिक्कस को उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया. साथ ही छात्र संघ चुनाव में नव निर्वाचित छात्राओं को शिक्षा मंत्री ने शपथ दिलाई.
छात्राओं को एआई की बारिकियां सिखाई जाएंगी
इस सरकारी स्कूल में इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई की जाती है. क्लास का पूरा सेलेबस टैबलेट में अपलोड कर दिया गया है. इस नवनिर्मित रोबोटिक्स लैब में अब छात्राओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी गतिविधियों के बारे में बताया जाएगा. एआई 21वीं सदी में कैसे काम कर रहा है, मानव जीवन पर उसका का प्रभाव पड़ रहा है, साइंस में एआई का क्या योगदान है जैसे महत्वपूर्ण विषयों के बारे में छात्राओं को जागरुक किया जाएगा. इसके अलावा स्कूल में शानदार प्रदर्शन करने वाली छात्राओं की प्रतिभा सम्मान का कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किया जाएगा.
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बच्चों के भाग्य से कमाई गई प्रसिद्धि है
स्कूल की प्रिंसिपल ने अपने इस शानदार काम को लेकर कहा कि, 'यह बच्चों के भाग्य से कमाई गई प्रसिद्धि है. मैंने जो भी पैसा जीता था वो बच्चों के लिए लगा दिया.' उन्होंने कहा, 'बच्चों के ही भाग्य से मुझे राष्ट्रपति से पुरस्कार मिला है, राज्यपाल से सम्मान मिला है, प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे कामों की सराहना की. मुझे इससे ज्यादा और क्या चाहिए.' उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में पढ़ने वाले सारे बच्चे गरीबी रेखा के नीचे के हैं. इसके अलावा उन्होंने 21वीं सदी में सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करने की बात कही.