भिंड। भिंड नगर पालिका में एक लाख रुपए से अधिक के निर्माण कार्यों के लिये ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया होती है. लेकिन नगर पालिका सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर साढ़े 3 हज़ार से ज्यादा ऐसे काम करा डाले. भिंड विधायक ने इन निर्माण कार्यों फ़ाइलों के नाम पर करोड़ों के फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए मुद्दा विधानसभा में उठाया तो खलबली मच गई. भ्रष्टाचार की आशंका को देखते हुए कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जांच के आदेश दिये. इसी सिलसिले में शुक्रवार को भोपाल से एक विशेष जांच दल भिंड पहुंचा. टीम ने इन सभी निर्माण कार्यों की फाइल और जानकारी नगर पालिका के अधिकारियों से मांगी.
जांच अधिकारी बोले - तय समय सीमा में जांच संभव नहीं
जांच टीम ने कुछ कार्यों की फिजिकल जांच मौके पर पहुंचकर की. टीम को लीड कर रहे भोपाल से आये अधीक्षण यंत्री जगदीश प्रसाद पारा ने बताया कि इन साढ़े 3 हज़ार मामलों में विधानसभा द्वारा जांच कर जानकारी और रिपोर्ट मांगी गई. इसी संबंध में जांच की जा रही है. इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है लेकिन इतनी सारी फ़ाइलों और फिजिकल टेस्टिंग को देखते हुए तय समय में जांच पूरा होना संभव नज़र नहीं आ रहा है. ऊपर से नगर पालिका द्वारा अब तक सम्पूर्ण जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गये हैं.
चलित टेस्टिंग लैब में होगी गुणवत्ता की जांच
जांच अधिकारी के मुताबिक टीम को जो दस्तावेज मिले हैं उनमे भी भारी अनियमितताएं दिखायी दे रही हैं. जल्द ही ज़रूरत के अनुसार भोपाल से लायी गई चालित टेस्टिंग लैब के ज़रिए इन निर्माणकार्यों की गुणवत्ता की जाँच करायी जायेगी. और उसकी रिपोर्ट विधानसभा में उपलब्ध करायी जायेगी. वहीं कार्रवाई के संबंध में उन्होंने कहा कि फ़िलहाल प्राथमिकता जाँच रिपोर्ट देने की गई कार्रवाई के संबंध में निर्णय आगे लिये जाएँगे.
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जांच के बाद सामने आ सकता है बड़ा फर्जीवाड़ा
बता दें कि नियमानुसार भिंड नगर पालिका परिषद इस तरह के ऑफलाइन टेंडर महीने में दो से तीन ही जारी कर सकती है. ऐसे में जांच दल के अधिकारी भी महीने वार जानकारी उपलब्ध कराये जाने का इंतज़ार कर रहे हैं. जिससे विभागीय रिकॉर्ड से इन विकास कार्यों की महीनेवार संख्या का भी मिलान किया जा सके. लेकिन कम समय में क़रीब 3500 हजार विकासकार्यों का भिंड नगर पालिका द्वारा कराया जाना अपने आप में करोड़ों के भ्रष्टाचार के संकेत दे रहा है.