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इस जिले में निजी स्कूलों की मनमानी पर नकेल, कलेक्टर ने तय किये किताबों के रेट - SCHOOL BOOK RATES DECIDED - SCHOOL BOOK RATES DECIDED

मध्यप्रदेश में स्कूली किताबों की दरें निश्चित करने वाला भिंड संभवतः पहला जिला बन गया है जहां कक्षा एक से आठवीं तक कक्षावार किताबों का खर्च तय कर दिया गया है. इस सिलसिले में भिंड कलेक्टर ने आदेश जारी कर निजी स्कूलों पर नकेल कसी है तो वहीं पालकों को राहत दी है.

SCHOOL BOOK RATES DECIDED
कलेक्टर ने तय किये किताबों के रेट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 8, 2024, 9:18 AM IST

भिंड: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस और ड्रेस किताबों को लेकर पड़ रहे बोझ को लेकर अब तक सरकार ने कई बार आदेश जारी किए हैं. लेकिन राज्य के भिंड जिले में पहली बार प्रशासन ने एक आदेश जारी कर स्कूल संचालकों की मनमानी पर ब्रेक लगा दिया है. अब कोई भी निजी स्कूल पालकों को महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकेगा.

Bhind collector issued order
भिंड कलेक्टर ने आदेश जारी किया (ETV Bharat)

बैठक के बाद लिया गया फैसला
असल में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने जनहित में एक आदेश जारी किया है. जिसमें बताया गया है कि अब जिले के अंदर सभी निजी स्कूलों में कक्षा 1 से कक्षा 8वीं तक की पुस्तकों का मूल्य निर्धारित किया गया है. ये फैसला 23 अगस्त को हुई कलेक्ट्रेट में बैठक के बाद बनी सहमति के आधार पर लिया गया है. और कोई भी प्राइवेट स्कूल तय दर से अधिक की किताबें छात्रों से नहीं खरीदवायेंगे.

ये रहेगा कक्षावार किताबों का अधिकतम मूल्य
भिंड कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब कक्षा-1 और कक्षा-2 के छात्रों के लिए किताबों का मूल्य अधिकतम 800 रुपए तय किया गया है, जबकि कक्षा-3 और कक्षा-4 तक की किताबें अधिकतम 900 रुपए में खरीदी जा सकती हैं. कक्षा-5 के लिए 1000 रुपए अधिकतम मूल्य और कक्षा-6 से कक्षा-8 तक की किताबें अधिकतम 1200 रुपए में खरीदी जायेंगी.

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आदेश नहीं माना तो करनी होगी भरपायी
इस आदेश के साथ साथ कलेक्टर द्वारा यह भी चेतावनी जारी की गई है कि अगर किसी निजी स्कूल द्वारा प्रशासन की तय दर से अधिक की किताबें क्रय करायी जाती हैं तो निर्धारित मूल्य से जितनी भी राशि ज्यादा खर्च होती है स्कूल वह रकम पालक को वापस करेगा. अगर पालक द्वारा वह राशि मांगी जाती है तो तत्काल उन्हें उपलब्ध करानी होगी. प्रशासन के इस आदेश के बाद से हर तरफ इस फ़ैसले की सराहना हो रही है.

भिंड: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस और ड्रेस किताबों को लेकर पड़ रहे बोझ को लेकर अब तक सरकार ने कई बार आदेश जारी किए हैं. लेकिन राज्य के भिंड जिले में पहली बार प्रशासन ने एक आदेश जारी कर स्कूल संचालकों की मनमानी पर ब्रेक लगा दिया है. अब कोई भी निजी स्कूल पालकों को महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकेगा.

Bhind collector issued order
भिंड कलेक्टर ने आदेश जारी किया (ETV Bharat)

बैठक के बाद लिया गया फैसला
असल में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने जनहित में एक आदेश जारी किया है. जिसमें बताया गया है कि अब जिले के अंदर सभी निजी स्कूलों में कक्षा 1 से कक्षा 8वीं तक की पुस्तकों का मूल्य निर्धारित किया गया है. ये फैसला 23 अगस्त को हुई कलेक्ट्रेट में बैठक के बाद बनी सहमति के आधार पर लिया गया है. और कोई भी प्राइवेट स्कूल तय दर से अधिक की किताबें छात्रों से नहीं खरीदवायेंगे.

ये रहेगा कक्षावार किताबों का अधिकतम मूल्य
भिंड कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब कक्षा-1 और कक्षा-2 के छात्रों के लिए किताबों का मूल्य अधिकतम 800 रुपए तय किया गया है, जबकि कक्षा-3 और कक्षा-4 तक की किताबें अधिकतम 900 रुपए में खरीदी जा सकती हैं. कक्षा-5 के लिए 1000 रुपए अधिकतम मूल्य और कक्षा-6 से कक्षा-8 तक की किताबें अधिकतम 1200 रुपए में खरीदी जायेंगी.

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