भिंड: महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण आहार वितरित किया जाता है. इसके लिए टेंडर होता है. भिंड में भी 179 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण आहार के टेंडर प्रक्रिया हुई. इस टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाकार मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने टेंडर पर रोक लगा दी है.
याचिका दायर, टेंडर प्रक्रिया में भेदभाव का आरोप
इस टेंडर के खिलाफ भिंड की याचिकाकर्ता तिरुपति बालाजी स्वसहायता समूह की अध्यक्ष नीलम शर्मा द्वारा हाईकोर्ट में याचिका लगायी गई.. याचिकाकर्ता का कहना है कि भिंड के 179 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण आहार में भोजन और नाश्ता उपलब्ध कराने के लिए जारी किए गए टेंडर्स में भेदभाव किया गया. कुछ खास लोगों को इसका लाभ पहुचाने का प्रयास किया गया है, जोकि नियम के विरुद्ध है. याचिकाकर्ता ने ग्वालियर हाईकोर्ट की बेंच में याचिका लगाकार इस टेंडर को रद्द करने की गुहार लगाई.
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24 सितंबर को जारी हुआ था टेंडर
उच्च न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी. अब आने वाले समय में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आगे की प्रक्रिया होगी. या तो टेंडर प्रक्रिया दोबारा होगी या पूर्व प्रक्रिया को बहाल किया जाएगा. गौरतलब है कि महिला व बाल विकास भिंड द्वारा बीते 24 सितंबर को आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए पोषण आहार वितरण के टेंडर जारी किए गए थे. इसमें भाग लेने वाले स्वसहायता समूहों ने 4 अक्टूबर तक आवेदन जमा किए थे.