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भीमताल झील की सालों से नहीं हुई सफाई, अस्तित्व पर मंडरा सकता है खतरा - Cleaning of Bhimtal Lake

Nainital Bhimtal Lake भीमताल झील की करीब 25 साल से झीलों की सफाई नहीं हुई है.सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने बताया कि वो साले से इस बारे में कई अधिकारियों को बता चुके हैं. लेकिन इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया जा रहा है. जिससे झील का अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 24, 2024, 9:57 AM IST

Updated : Feb 24, 2024, 11:52 AM IST

भीमताल झील की सालों से नहीं हुई सफाई

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के भीमताल झील अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती है. लेकिन भीमताल झील अब सरकार और सिस्टम की उदासीनता का शिकार बन रही है. आलम यह है कि गर्मी अभी शुरू भी नहीं हुई है, लेकिन फरवरी में माह में जलस्तर कम होने से झील के एक हिस्से में गंदगी और मलबे का मैदान दिखने लगा है. सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने बताया कि भीमताल झील के अस्तित्व को बचाने के लिए पिछले कई सालों से अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं.

अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाने वाली भीमताल झील की वर्ष 1998 से सफाई भी नहीं हुई है. जिसके चलते झील में भारी मात्रा में गंदगी और मलबा जमा हो गया है. समाजसेवी पूरन चंद्र बृजवासी ने बताया कि भीमताल झील में गिरने वाले मलबा-गंदगी,सीवर से पानी दूषित हो रहा है. वहीं मलबे के चलते झील का आकार भी छोटा हो रहा है. ऐसे में सरकार और शासन को चाहिए कि इस झील की सफाई कराकर अस्तित्व बचाया जाए. उन्होंने बताया कि झील की सफाई के लिए शासन और सरकार को कई बार अवगत करा चुके हैं. लगभग 25 साल से झीलों की सफाई नहीं हुई है.

पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि फरवरी माह में ही यहां भीमताल की मल्लीताल छोर पर धीरे-धीरे डेल्टा मैदान में झील परिवर्तित होते दिखाई देने लग गयी है.दिनों-दिन झील का पानी प्रदूषित होता जा रहा है और गाद-मिट्टी भरने से झील की गहराई कम हो रही है. सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी बताया कि कई बार नैनीताल जिला प्रशासन को भीमताल झील की इस मुख्य समस्या से अवगत करा चुके हैं.

साथ ही झील के लिए विशेष योजना एवं बजट स्वीकृति की मांग कर चुके हैं. बताया कि 1985 में झील की गहराई 22 मीटर थी जबकि वर्तमान में घटकर 17 मीटर ही रह गई है. साथ ही एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2006 में भीमताल झील का पानी भी पीने योग्य नहीं बताया है.

अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग केएस चौहान ने बताया कि भीमताल झील के सफाई और मरम्मत के लिए वर्ष 2018 में 11 करोड़ का बजट का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया था. लेकिन बजट नहीं मिलने से काम नहीं हो पाया फिर से शासन से बजट की मांग की गई है. बजट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाने वाली भीमताल झील की वर्ष 1998 से सफाई भी नहीं हुई है. जिसके चलते झील में भारी मात्रा में गंदगी और मलबा जमा हो गया है. समाजसेवी पूरन चंद्र बृजवासी ने बताया कि भीमताल झील में गिरने वाले मलबा-गंदगी,सीवर से पानी दूषित हो रहा है. वहीं मलबे के चलते झील का आकार भी छोटा हो रहा है. ऐसे में सरकार और शासन को चाहिए कि इस झील की सफाई कराकर अस्तित्व बचाया जाए. उन्होंने बताया कि झील की सफाई के लिए शासन और सरकार को कई बार अवगत करा चुके हैं. लगभग 25 साल से झीलों की सफाई नहीं हुई है.

पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि फरवरी माह में ही यहां भीमताल की मल्लीताल छोर पर धीरे-धीरे डेल्टा मैदान में झील परिवर्तित होते दिखाई देने लग गयी है.दिनों-दिन झील का पानी प्रदूषित होता जा रहा है और गाद-मिट्टी भरने से झील की गहराई कम हो रही है. सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी बताया कि कई बार नैनीताल जिला प्रशासन को भीमताल झील की इस मुख्य समस्या से अवगत करा चुके हैं.

साथ ही झील के लिए विशेष योजना एवं बजट स्वीकृति की मांग कर चुके हैं. बताया कि 1985 में झील की गहराई 22 मीटर थी जबकि वर्तमान में घटकर 17 मीटर ही रह गई है. साथ ही एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2006 में भीमताल झील का पानी भी पीने योग्य नहीं बताया है.

अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग केएस चौहान ने बताया कि भीमताल झील के सफाई और मरम्मत के लिए वर्ष 2018 में 11 करोड़ का बजट का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया था. लेकिन बजट नहीं मिलने से काम नहीं हो पाया फिर से शासन से बजट की मांग की गई है. बजट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : Feb 24, 2024, 11:52 AM IST
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