भीलवाड़ा. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार-2024 की घोषणा कर दी गई है. इसके तहत भीलवाड़ा के रावला चौक में रहने वाले प्रसिद्ध बहरूपिया कलाकार जानकीलाल को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए भारत सरकार की ओर से यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जाता है. जानकीलाल बहरूपिया बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं.
जानकीलाल को पद्म पुरस्कार की घोषणा से भीलवाड़ा शहर सहित पूरे जिले में खुशी की लहर है. जानकी लाल मूलत: भीलवाड़ा शहर की गुलमंडी भौमियो का रावला चौक में रहने वाले हैं. 84 वर्षीय जानकीलाल बहरूपिया कला में माहिर हैं और अपनी बहरूपिया कला से देश-विदेश में जाने जाते हैं. उन्होंने भारत ही नहीं विदेशी मंच पर भी बहरूपिया और 'हनुमानजी' का किरदार निभाया है. जानकीलाल बहरुपिया हमेशा महिला के कपड़े पहनकर और हाथों में चिमटा लेकर लोगों के साथ हंसी मजाक और मनोरंजन करते हैं.
विदेशों में मंकी मैन का मिला खिताब : बहरूपिया कलाकार जानकीलाल जब 16-17 साल के थे, तब से इस कला के साथ जुड़े हुए हैं. जानकीलाल 50 वर्षों से ये वेशभूषा पहनकर लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं. वो गाडोलिया लुहार, कालबेलिया, पठान, ईरानी, फकीर, भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती सहित विभिन्न स्वरूप की वेशभूषा पहनकर लोगों का मनोरंजन करते हैं. जानकीलाल सबसे पहले 1986 में लंदन और न्यूयॉर्क गए और वहां उन्हे अवॉर्ड मिला. 1988 में जर्मनी, रोम, बर्मिंघम और फिर लंदन भी गए थे. वहां उन्हें लोग मंकी मैन के नाम से जानने लगे. विदेशों में उन्होंने फकीर और बंदर का रोल अदा किया था.