भीलवाड़ा: एक फरवरी को पेश होने वाले केन्द्रीय आम बजट से वस्त्रनगरी भीलवाड़ा के उद्यमियों, व्यापारियों, किसानों, युवाओं को काफी उम्मीदें हैं. वस्त्र उद्यमियों का मानना है कि भीलवाड़ा को टेक्सटाइल पार्क मिली तो विश्वभर में भीलवाड़ा की पहचान और बढ़ेगी. व्यापारियों ने जीएसटी को और अधिक सरलीकृत करने की मांग की.
भीलवाड़ा के उद्यमियों ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि भारत सरकार के बजट में जिलेवासियों को काफी उम्मीदें हैं, यदि ये उम्मीदें पूरी होती है तो निश्चित रूप से भीलवाड़ा की पहचान विश्व पटल पर और बढ़ेगी. भीलवाड़ा टैक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम स्वरूप गर्ग ने कहा कि भीलवाड़ा में प्रतिमाह 9 करोड़ मीटर कपड़े का उत्पादन होता है जो भारत के कुल उपभोग का 50 प्रतिशत से भी अधिक है. भीलवाड़ा टेक्सटाइल पार्क का होना अत्यंत आवश्यक है. टेक्सटाइल पार्क होने से निर्यात बढ़ेगा और क्वालिटी में सुधार होगा. केंद्र सरकार के पास टेक्सटाइल पार्क की घोषणा का अधिकार है. प्रदेश सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेज रखा है. भीलवाड़ा में तकरीबन 800 वस्त्र उद्योग है, जिसमें 300 उद्योग केवल विविंग के ही है. इन उद्योगों में 70 हजार मजदूर काम करते हैं.
एनवायरनमेंट क्लीयरेंस में सरलीकरण हो: माइनिंग उद्यमी राजेश सिंह राठौड़ ने कहा कि केन्द्रीय बजट में माइनिंग खदान चालू करने के लिए ईसी (एनवायरनमेंट क्लीयरेंस) में सरलीकरण की घोषणा की जानी चाहिए. राजस्थान के माइनिंग उद्योग में पिछले 7-8 माह से नए एग्रीमेंट नहीं हुए हैं. ऐसे में पूरे देश में माइनिंग एग्रीमेंट के सरलीकरण करने का नियम बनाया जाए. भारत सरकार को इस बजट में माइनिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की रियायतों की घोषणा करनी चाहिए, जिससे राजस्थान में माइनिंग उद्योग को बढ़ावा मिल सके.
जीएसटी कम किया जाए: खुदरा ऑटो पार्ट्स व्यवसायी आशीष राजस्थला ने कहा कि केंद्र सरकार को ऑटो पार्ट्स में जीएसटी 28 प्रतिशत से कम करना चाहिए. बढ़ी हुई ब्याज दरों में कटौती की जाए तो व्यापारियों को संबल मिलेगा. जीएसटी कई जगह 18% और कई जगह 12% है, यदि सरकार जीएसटी में राहत देती है तो कंस्ट्रक्शन काम में आसानी मिलेगी.
जैविक खेती के लिए बाजार उपलब्ध करवाए सरकार: जैविक खेती करने वाले किसान रज्जाक ने कहा कि भारत सरकार को बजट में जैविक खेती के उत्पादन का मार्केट उपलब्ध करवाना चाहिए. इससे किसान ज्यादा से ज्यादा मात्रा में जैविक खेती कर सकेंगे. उन्हें अच्छा मेहनताना मिलेगा.