भरतपुर. तीन साल पहले बयाना क्षेत्र में दो आरोपियों ने एक 14 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म किया. इसके बाद उसे जान से मारने की नीयत से कुए में फेंक दिया. मामले में मंगलवार को पॉक्सो कोर्ट संख्या प्रथम की विशिष्ट न्यायाधीश ने अहम फैसला सुनाते हुए एक आरोपी को 20 साल की सजा तो दूसरे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
ये था मामला : विशिष्ट लोक अभियोजक तरुण कुमार जैन ने बताया कि 26 जुलाई 2021 को नाबालिग के ताऊ ने पुलिस थाना बयाना में मामला दर्ज कराया था. रिपोर्ट में बताया कि 24 जुलाई को शाम करीब 7 बजे भाई की 14 वर्षीय पुत्री रोजाना की तरह जंगल में शौच करने गई थी, लेकिन देर रात तक जब वह वापस नहीं लौटी तो उसकी तलाश की गई. पूरी रात तलाश के बाद 25 जुलाई को सुबह करीब 7 बजे एक कुआं से बचाओ-बचाओ की आवाज सुनाई दी. आवाज सुनकर देखा तो बेटी कुएं में पड़ी थी. उसको कुएं से बाहर निकाला गया. नाबालिग के शरीर पर चोटों के गंभीर निशान थे, कई जगह फ्रैक्चर थे. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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पीड़िता ने परिजनों को बताया कि शाम को जब वह शौच करने जंगल गई, तब आरोपी उसे जबरन बाइक पर बैठाकर ले गए. जंगल में उसके साथ दुष्कर्म किया और मारपीट की. इसके बाद जान से मारने की नीयत से कुएं में फेंक कर भाग गए. तरुण कुमार जैन ने बताया कि पुलिस ने पीड़िता के बयान लेकर पूर्ण अनुसंधान के बाद अदालत में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की. प्रकरण में आरोपियों की डीएनए जांच पॉजिटिव पाई गई. इसके बाद आरोपियों के खिलाफ अदालत में 50 दस्तावेज और 33 गवाह पेश किए गए. विशिष्ट न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद गवाह और सबूतों के आधार पर दोषी मानते हुए एक आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल की सजा और दूसरे आरोपी को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई. दोनों आरोपियों को सेवर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है.