भरतपुर. लोकसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण के तहत भरतपुर में 19 अप्रैल को मतदान होगा. मुख्यमंत्री का गृह जिला होने की वजह से इस बार भरतपुर लोकसभा पूरे प्रदेश में सबसे हॉट सीट मानी जा रही है. यहां से भाजपा जहां हैट्रिक लगाने के मूड में है, तो वहीं कांग्रेस ने भाजपा के किले में सेंध लगाने के लिए महिला जाटव प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. भरतपुर सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी दो दिन जनसभा और रोड शो कर चुके हैं. वहीं, जिले में करीब 24% जाट मतदाता हैं, जो कि इस चुनाव में किंगमेकर की भूमिका निभाएगें. हालांकि भरतपुर का जाट मतदाता केंद्र में आरक्षण को लेकर भाजपा से खफा नजर आ रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री के दो दिवसीय दौरे और जाट समाज के दो धड़ों में बंटने की वजह से भाजपाइयों में आत्मविश्वास बढ़ता नजर आ रहा है.
सीएम के घर में हैट्रिक की कोशिश : भाजपा ने भरतपुर लोकसभा सीट पर लगातार तीसरी बार कोली कार्ड खेला है. वर्ष 2014 में भाजपा के बहादुर सिंह कोली और वर्ष 2019 में भाजपा की रंजीता कोली ने जीत दर्ज की थी. इस बार भाजपा ने रामस्वरूप कोली को मैदान में उतारा है. रामस्वरूप कोली को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का नजदीकी माना जाता है. ऐसे में सीएम भजनलाल शर्मा के गृह जिले में भाजपा की हैट्रिक की कोशिश रहेगी.
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कांग्रेस को मेव व जाटव मतदाताओं पर भरोसा : कांग्रेस ने इस बार भरतपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी के रूप में संजना जाटव को मैदान में उतारा है. जाटव प्रदेश की सबसे युवा प्रत्याशी के रूप में भी चर्चा में हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव में कठूमर से भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी. कांग्रेस को अपने परंपरागत मतदाता जाटव और मेव समुदाय पर पूरा भरोसा है. वहीं, दो धड़ों में बंटे जाट समाज से भी अच्छा वोट मिलने की उम्मीद है. गुर्जर मतदाताओं को तोड़ने के लिए बीते दिनों कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी डीग जिले के खोह में जनसभा की थी. कांग्रेस अपने परंपरागत मतदाताओं की वजह से भाजपा की हैट्रिक तोड़ने के प्रयास में जुटी है.
मंत्री और मुख्यमंत्री मैदान में : प्रदेश में भाजपा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए भरतपुर सीट जीतना महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम को गुर्जर मतदाताओं को साधने में लगाया गया है, जबकि खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा नाराज जाट मतदाताओं को मनाने के लिए दो दिन का दौरा कर चुके हैं. भरतपुर लोकसभा से बसपा प्रत्याशी के रूप में अंजिला भी मैदान में हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में जाटव मतदाता ने परंपरागत रूप से बसपा को मतदान करने के बजाय कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया था.