ETV Bharat / state

प्राचीन सिद्धि विनायक दाता गणेशजी की नागा साधुओं ने की थी स्थापना, यहां इस दिन लगती है भक्तों की अर्जी - Ganesh Chaturthi 2024 - GANESH CHATURTHI 2024

Ganesh Chaturthi 2024, नागा साधुओं द्वारा करीब 500 वर्ष पहले भरतपुर में सिद्धि विनायक दाता गणेशजी मंदिर की स्थापना की गई थी. इस मंदिर में हर बुधवार को भक्त अपनी अर्जी लगाने के लिए आते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गजानन महाराज अपने सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

Ganesh Chaturthi 2024
दाता गणेशजी की नागा साधुओं ने की थी स्थापना (ETV BHARAT BHARATPUR)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 7, 2024, 6:31 AM IST

प्राचीन सिद्धि विनायक दाता गणेश मंदिर के पुजारी नरेश कटारा (ETV BHARAT BHARATPUR)

भरतपुर : मुंबई के सिद्धि विनायक गणेश जी की तरह ही भरतपुर में भी 500 वर्ष प्राचीन सिद्धि विनायक दाता गणेश जी मौजूद हैं. शहर के लोहागढ़ किले में स्थित इस गणेश जी की नागा साधुओं ने स्थापना की थी. खास बात यह है कि गणेश जी की यह प्रतिमा पूर्व मुखी है और इनकी सूंड दक्षिण दिशा की ओर मुड़ी है. मान्यता है कि यहां गणेश जी की विशेष विधि से पूजा करनी होती है. साथ ही भक्तगण गणेश जी के सम्मुख हर बुधवार को अपनी मन्नत की अर्जी लगाते हैं और गणेश जी भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.

मंदिर के पुजारी नरेश कटारा ने बताया कि लोहागढ़ किले में बिहारी जी मंदिर के पास स्थित दाता गणेश जी की प्रतिमा का इतिहास काफी प्राचीन है. बताया जाता है कि इस मंदिर में विराजमान गणेश जी की प्रतिमा 500 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है. इनकी यहां पर स्थापना भरतपुर स्थापना से भी पहले नागा साधुओं ने की थी. प्रतिमा की खास बात यह है कि यह पूर्व मुखी है. साथ ही गणेश जी की सूंड दक्षिण दिशा (दाहिने हाथ) की ओर मुड़ी हुई है. जबकि अधिकतर गणेश जी की प्रतिमा में सूंड बाएं हाथ की ओर मुड़ी हुई होती है.

इसे भी पढ़ें - आज है सिंजारा उत्सव, प्रथम पूज्य को अर्पित की गई मेहंदी के लिए भक्तों में लगती है होड़, कुंवारों का हो जाता है विवाह - Ganesh Chaturthi 2024

यहां लगती है भक्तों की अर्जी : पुजारी नरेश कटारा ने बताया कि मुंबई के सिद्धि विनायक के बाद भरतपुर में गणेश जी की यह प्रतिमा सिद्धि विनायक है. मंदिर में श्रृद्धालु अपनी मन्नत एक पत्र में लिखकर गणेश जी की प्रतिमा के सम्मुख रख जाते हैं. यहां हर बुधवार को श्रृद्धालु अपनी मन्नत की अर्जी लगाते हैं और उनकी मन्नत जरूर पूरी होती है. इस प्रतिमा का जागृत प्रतिमा भी माना जाता है.

ऐसे करें पूजा : पुजारी नरेश कटारा ने बताया कि यहां गणेश जी की पूजन की विशेष विधि है. श्रृद्धालु गणेश जी पर तीन पत्ती वाली सात दूर्वा अर्पित कर पूजन करें तो गणेश जी अवश्य प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं. गणेश जी की प्रतिमा को लेकर और भी कई मान्यताएं हैं. बताया जाता है कि एक बार गणेश जी को लड्डू खाते हुए भी देखा गया था. गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर में विशेष आयोजन किया जाता है. मंदिर में विशेष सजावट कर विविध प्रकार के मिष्ठान्न से गणेश जी को भोग लगाया जाता है.

प्राचीन सिद्धि विनायक दाता गणेश मंदिर के पुजारी नरेश कटारा (ETV BHARAT BHARATPUR)

भरतपुर : मुंबई के सिद्धि विनायक गणेश जी की तरह ही भरतपुर में भी 500 वर्ष प्राचीन सिद्धि विनायक दाता गणेश जी मौजूद हैं. शहर के लोहागढ़ किले में स्थित इस गणेश जी की नागा साधुओं ने स्थापना की थी. खास बात यह है कि गणेश जी की यह प्रतिमा पूर्व मुखी है और इनकी सूंड दक्षिण दिशा की ओर मुड़ी है. मान्यता है कि यहां गणेश जी की विशेष विधि से पूजा करनी होती है. साथ ही भक्तगण गणेश जी के सम्मुख हर बुधवार को अपनी मन्नत की अर्जी लगाते हैं और गणेश जी भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.

मंदिर के पुजारी नरेश कटारा ने बताया कि लोहागढ़ किले में बिहारी जी मंदिर के पास स्थित दाता गणेश जी की प्रतिमा का इतिहास काफी प्राचीन है. बताया जाता है कि इस मंदिर में विराजमान गणेश जी की प्रतिमा 500 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है. इनकी यहां पर स्थापना भरतपुर स्थापना से भी पहले नागा साधुओं ने की थी. प्रतिमा की खास बात यह है कि यह पूर्व मुखी है. साथ ही गणेश जी की सूंड दक्षिण दिशा (दाहिने हाथ) की ओर मुड़ी हुई है. जबकि अधिकतर गणेश जी की प्रतिमा में सूंड बाएं हाथ की ओर मुड़ी हुई होती है.

इसे भी पढ़ें - आज है सिंजारा उत्सव, प्रथम पूज्य को अर्पित की गई मेहंदी के लिए भक्तों में लगती है होड़, कुंवारों का हो जाता है विवाह - Ganesh Chaturthi 2024

यहां लगती है भक्तों की अर्जी : पुजारी नरेश कटारा ने बताया कि मुंबई के सिद्धि विनायक के बाद भरतपुर में गणेश जी की यह प्रतिमा सिद्धि विनायक है. मंदिर में श्रृद्धालु अपनी मन्नत एक पत्र में लिखकर गणेश जी की प्रतिमा के सम्मुख रख जाते हैं. यहां हर बुधवार को श्रृद्धालु अपनी मन्नत की अर्जी लगाते हैं और उनकी मन्नत जरूर पूरी होती है. इस प्रतिमा का जागृत प्रतिमा भी माना जाता है.

ऐसे करें पूजा : पुजारी नरेश कटारा ने बताया कि यहां गणेश जी की पूजन की विशेष विधि है. श्रृद्धालु गणेश जी पर तीन पत्ती वाली सात दूर्वा अर्पित कर पूजन करें तो गणेश जी अवश्य प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं. गणेश जी की प्रतिमा को लेकर और भी कई मान्यताएं हैं. बताया जाता है कि एक बार गणेश जी को लड्डू खाते हुए भी देखा गया था. गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर में विशेष आयोजन किया जाता है. मंदिर में विशेष सजावट कर विविध प्रकार के मिष्ठान्न से गणेश जी को भोग लगाया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.