ETV Bharat / state

जवाई नदी पुनर्जीवित करने के अमित शाह के वादे को लेकर जालोर में किसानों का महापड़ाव, रखी ये मांगें - FARMERS STRIKE IN JALORE

अमित शाह के जवाई नदी को पुनर्जिवित करने के वादे को याद दिलाने के लिए भारतीय किसान संघ ने जालोर में महपड़ाव शुरू किया है.

पानी के लिए किसानों का धरना
पानी के लिए किसानों का धरना (ETV Bharat Jalore)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 19, 2024, 9:39 PM IST

जालोरः विधानसभा चुनाव के दौरान हुई चुनावी सभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से जवाई नदी को पुनर्जिवित करने के वादे को याद दिलाते हुए भारतीय किसान संघ ने जालोर कलेक्ट्रेट के बाहर महापड़ाव शुरू कर दिया है. संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अमित शाह ने चुनाव के दौरान जवाई नदी को गुजरात की तर्ज पर पुनर्जिवित करने का वादा किया था, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी कोई काम नहीं हुआ है. वहीं, किसानों ने जवाई बांध के पानी पर जालोर जिले का हक तय करने की मांग को लेकर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी भेजा है.

किसानों ने कहा कि प्रदेश और केंद्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है, लेकिन जवाई के पानी पर जालोर का हक तय करने को लेकर कोई विचार सरकार मन में नहीं लाई है. किसानों ने जवाई बांध से जालोर के लिए पानी का हक तय करने, बीमा क्लेम दिलाने सहित कई मांगो को लेकर महापड़ाव शुरू किया है. वहीं, किसानों के महापड़ाव को दोखते हुए पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रही. शाम करीब 5 बजे किसान प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. संघ के जिलाध्यक्ष रतनसिंह कानीवाड़ा ने कहा कि यह महापड़ाव सरकार के स्तर पर बातचीत होने तक जारी रहेगी.

भारतीय किसान संघ महापड़ाव (ETV Bharat Jalore)

इसे भी पढ़ें- किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग किया जाम, 6 दिन से महापड़ाव पर

बकाया क्लेम निस्तारण करने की मांग : रतनसिंह कानीवाड़ा ने कहा कि जवाई बांध पर जालोर का हक अब तय किया जाए, क्योंकि जवाई बांध ओवरफ्लो होता है तो बाढ़ झेलने के लिए जालोर और बाकी पानी पाली और जोधपुर को, यह रवैया अब सहन नहीं होगा. वहीं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पुराने बीमा क्लेम अभी तक बकाया हैं, उसका भी निस्तारण करवाया जाए. फसल कटाई में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रयोग में सरकारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है.

रास्ता किया जाम : महापड़ाव में शामिल होने आए किसानों ने अपने-अपने वाहन और ट्रैक्टर-ट्राली नगर परिषद के सामने सड़क पर छोड़ दिए, जिससे रास्ता जाम रहा और दूसरे वाहनों की आवाजाही में कठिनाई हुई. हालांकि, कुछ देर बाद पुलिस की समझाइश पर किसान माने और अपने ट्रैक्टर और वाहनों को वहां से हटाकर साइड में लगाया, जिससे रास्ता खुला. आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने मंगलवार को जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत से मुलाकात की और जवाई बांध से जवाई नदी के लिए जल नीति बदलकर हक निर्धारित करने को लेकर चर्चा की. विधायक राजपुरोहित ने मंत्री रावत को बताया कि लंबे समय से इसको लेकर मौजूदा सरकार और पूर्ववर्ती सरकारों से मांग की गई है. जवाई नदी के किनारे बसे गांवों के किसानों के पेयजल एवं सिंचाई का जल स्रोत नदी किनारों पर बने कुएं, ट्यूबवेल हैं, लेकिन जवाई बांध बनने के बाद नदी में पानी आना बंद होने की वजह से जल स्तर गिरता गया. इसकी वजह से आज इस नदी के प्रवाहित क्षेत्र में स्थिति भयावह हो गई है. विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने कहा कि इस विषय को संज्ञान में लेकर व किसानों की मांग अनुसार जवाई बांध के पानी का कुछ हिस्सा जवाई नदी के लिए निर्धारित किया जाए.

इसे भी पढ़ें- किसानों का महापड़ाव जारी, आज जवाई बांध की ओर कूच करेंगे किसान

समर्थन में अधिवक्ताओं ने बंद रखा न्यायिक कार्य : जवाई बांध के पानी में जिले वासियों का हक निर्धारित करने की मांग को लेकर किसान संगठनों द्वारा जिला मुख्यालय पर किए जा रहे धरना प्रदर्शन के समर्थन में अभिभाषक संघ आहोर द्वारा मंगलवार को न्यायालयों में कार्य नहीं किया. अभिभाषक संघ आहोर के सचिव अल्लाह बख्श खान ने बताया कि किसानों की वाजिब मांगों के समर्थन में अभिभाषक संघ आहोर के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने मंगलवार को समस्त न्यायालयों में अनुपस्थित रहकर समर्थन जताया. इस दौरान फौजदारी, सिविल एवं राजस्व मामलों की सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया. अभिभाषक संघ अध्यक्ष मांगीलाल चौधरी ने बताया कि बांध निर्माण के सात दशक बाद भी जालोर जिले का जवाई बांध के पानी में हक निर्धारित नहीं हो पाया है, जबकि अतिवृष्टि के दौरान जिलेवासियों को त्रासदी झेलनी पड़ती है. किसान संगठनों की ओर से जिले वासियों की उचित मांगों को लेकर जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है. इसके लिए आहोर उपखंड मुख्यालय पर कार्यरत सभी अधिवक्ताओं ने समर्थन दिया है.

जालोरः विधानसभा चुनाव के दौरान हुई चुनावी सभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से जवाई नदी को पुनर्जिवित करने के वादे को याद दिलाते हुए भारतीय किसान संघ ने जालोर कलेक्ट्रेट के बाहर महापड़ाव शुरू कर दिया है. संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अमित शाह ने चुनाव के दौरान जवाई नदी को गुजरात की तर्ज पर पुनर्जिवित करने का वादा किया था, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी कोई काम नहीं हुआ है. वहीं, किसानों ने जवाई बांध के पानी पर जालोर जिले का हक तय करने की मांग को लेकर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी भेजा है.

किसानों ने कहा कि प्रदेश और केंद्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है, लेकिन जवाई के पानी पर जालोर का हक तय करने को लेकर कोई विचार सरकार मन में नहीं लाई है. किसानों ने जवाई बांध से जालोर के लिए पानी का हक तय करने, बीमा क्लेम दिलाने सहित कई मांगो को लेकर महापड़ाव शुरू किया है. वहीं, किसानों के महापड़ाव को दोखते हुए पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रही. शाम करीब 5 बजे किसान प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. संघ के जिलाध्यक्ष रतनसिंह कानीवाड़ा ने कहा कि यह महापड़ाव सरकार के स्तर पर बातचीत होने तक जारी रहेगी.

भारतीय किसान संघ महापड़ाव (ETV Bharat Jalore)

इसे भी पढ़ें- किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग किया जाम, 6 दिन से महापड़ाव पर

बकाया क्लेम निस्तारण करने की मांग : रतनसिंह कानीवाड़ा ने कहा कि जवाई बांध पर जालोर का हक अब तय किया जाए, क्योंकि जवाई बांध ओवरफ्लो होता है तो बाढ़ झेलने के लिए जालोर और बाकी पानी पाली और जोधपुर को, यह रवैया अब सहन नहीं होगा. वहीं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पुराने बीमा क्लेम अभी तक बकाया हैं, उसका भी निस्तारण करवाया जाए. फसल कटाई में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रयोग में सरकारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है.

रास्ता किया जाम : महापड़ाव में शामिल होने आए किसानों ने अपने-अपने वाहन और ट्रैक्टर-ट्राली नगर परिषद के सामने सड़क पर छोड़ दिए, जिससे रास्ता जाम रहा और दूसरे वाहनों की आवाजाही में कठिनाई हुई. हालांकि, कुछ देर बाद पुलिस की समझाइश पर किसान माने और अपने ट्रैक्टर और वाहनों को वहां से हटाकर साइड में लगाया, जिससे रास्ता खुला. आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने मंगलवार को जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत से मुलाकात की और जवाई बांध से जवाई नदी के लिए जल नीति बदलकर हक निर्धारित करने को लेकर चर्चा की. विधायक राजपुरोहित ने मंत्री रावत को बताया कि लंबे समय से इसको लेकर मौजूदा सरकार और पूर्ववर्ती सरकारों से मांग की गई है. जवाई नदी के किनारे बसे गांवों के किसानों के पेयजल एवं सिंचाई का जल स्रोत नदी किनारों पर बने कुएं, ट्यूबवेल हैं, लेकिन जवाई बांध बनने के बाद नदी में पानी आना बंद होने की वजह से जल स्तर गिरता गया. इसकी वजह से आज इस नदी के प्रवाहित क्षेत्र में स्थिति भयावह हो गई है. विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने कहा कि इस विषय को संज्ञान में लेकर व किसानों की मांग अनुसार जवाई बांध के पानी का कुछ हिस्सा जवाई नदी के लिए निर्धारित किया जाए.

इसे भी पढ़ें- किसानों का महापड़ाव जारी, आज जवाई बांध की ओर कूच करेंगे किसान

समर्थन में अधिवक्ताओं ने बंद रखा न्यायिक कार्य : जवाई बांध के पानी में जिले वासियों का हक निर्धारित करने की मांग को लेकर किसान संगठनों द्वारा जिला मुख्यालय पर किए जा रहे धरना प्रदर्शन के समर्थन में अभिभाषक संघ आहोर द्वारा मंगलवार को न्यायालयों में कार्य नहीं किया. अभिभाषक संघ आहोर के सचिव अल्लाह बख्श खान ने बताया कि किसानों की वाजिब मांगों के समर्थन में अभिभाषक संघ आहोर के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने मंगलवार को समस्त न्यायालयों में अनुपस्थित रहकर समर्थन जताया. इस दौरान फौजदारी, सिविल एवं राजस्व मामलों की सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया. अभिभाषक संघ अध्यक्ष मांगीलाल चौधरी ने बताया कि बांध निर्माण के सात दशक बाद भी जालोर जिले का जवाई बांध के पानी में हक निर्धारित नहीं हो पाया है, जबकि अतिवृष्टि के दौरान जिलेवासियों को त्रासदी झेलनी पड़ती है. किसान संगठनों की ओर से जिले वासियों की उचित मांगों को लेकर जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है. इसके लिए आहोर उपखंड मुख्यालय पर कार्यरत सभी अधिवक्ताओं ने समर्थन दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.