पटनाः आरक्षण में क्रिमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद से विपक्ष विरोध कर रहे हैं. 21 अगस्त को पूरे देश में भारत बंद है. इसका असर बिहार में देखने को मिल रहा है. बुधवार को बिहार के सभी जिलों में इसका असर देखने को मिला. दरभंगा में बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन को रोका गया तो पटना के ही मसौढ़ी में सड़क जाम किया गया लेकिन आसमान में इसका असर नहीं देखा गया. पटना एयरपोर्ट से उड़ाने जारी रहीं.
यात्रियों को नहीं हुई परेशानीः पटना एयरपोर्ट आने वाले या जाने वाले यात्री अपने गंतव्य स्थान तक पहले की तरह ही जा रहे हैं. पटना एयरपोर्ट पर लगातार यात्री विभिन्न शहरों से पहुंच रहे हैं. हालांकि भारत बंद के कारण ऑटो या सरकारी बसों की संख्या कम दिखी. बावजूद यात्री को कहीं भी जाने में दिक्कत नहीं हो रही है. ओला उबर के वाहन का परिचालन जारी रहने से यात्रियों का आवागमन जारी है.
एयरपोर्ट पर पुलिस बल की तैनातीः जिन दूसरे शहर के यात्रियों की फ्लाइट सुबह में थी वे रात में पटना पहुंच चुके थे. पटना एयरपोर्ट को आनेवाली सड़क पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी ताकि प्रदर्शनकारी एयरपोर्ट की ओर नहीं आए. एयरपोर्ट पर शांति व्यवस्था को कायम किया गया.
दानापुर में प्रदर्शनः दूसरी ओर पटना के अन्य इलाकों में प्रदर्शन किया गया. दानापुर के खगौल रोड डीआरएम ऑफिस के समीप लखबनीबीघा रोड पर महादलित समर्थकों ने आगजनी कर सड़क जाम कर दिया. सभी लोगों ने सड़क को जाम कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. भारत बंद को लेकर भीम आर्मी के नेता शशिकांत ने बताया कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को लेकर, दलित समाज को लेकर फैसला दिया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
"सुप्रीम कोर्ट लगातार आरक्षण पर हमला करते दिख रही है, लेकिन इस तरह चलने नहीं दिया जाएगा. दलित समाज को क्रीमी लेयर से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है. सुप्रीम कोर्ट चाह रहा है कि आरक्षण समाप्त हो. इसलिए इस तरह के फैसले दिए जा रहे हैं." - शशिकांत, भीम आर्मी के नेता
मसौढ़ी में माले विधायक ने किया रोड जामः पटना के मसौढ़ी में आरक्षण को लेकर लोग सड़क पर उतरे. दलित संगठन के लोग कर्पूरी चौक से अनुमंडल चौराहा तक सड़कों पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. बाजार की सभी दुकान बंद रही. पुनपुन में विधायक गोपाल रविदास ने बिहटा सरमेरा बाईपास को जाम करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है. इस दौरान यातायात पूर्णतः बाधित रही.
पटना में स्कूल बंदः पटना में भारत बंद को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती रही. बंदी को लेकर के डीएवी ग्रुप के सभी स्कूल बंद है. इसके अलावा बिरला ओपन माइंड्स, डीपीएस पटना भी बंद है. बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. पटना जिले में अशोक राजपथ, बेली रोड, डाक बंगला चौराहा, इनकम टैक्स चौराहा जैसे प्रमुख स्थानों पर पुलिस की तैनाती है.
स्कूल ना बंद करने की अपीलः पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने स्कूल संचालकों से अपील की है कि कोई भी अपने स्कूल को बंद ना करें. बंद के दौरान कोई उपद्रव करता है तो उस पर कठोर कार्रवाई होगी. डाक बंगला चौराहा पर कई थानों की पुलिस की तैनाती की गई है. बंद समर्थकों से भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की है. पटना डीएम ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का आग्रह किया गया है.
"बंद में शामिल होने वालों से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने का आग्रह किया गया है. किसी भी प्रकार की अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जोर-ज़बरदस्ती करने वालों, यातायात बाधित करने वालों, लोक–व्यवस्था एवं आम जनजीवन को प्रभावित करने वालों के साथ सख़्ती से निपटा जाएगा. ऐसे लोगों के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी." -डॉ. चंद्रशेखर सिंह, पटना डीएम
महेंद्रू मार्ग को किया जामः पटना में सुल्तानगंज महेंद्रू मार्ग को ग्रेड भीमट आर्मी के नेताओं ने जाम कर दिया और आगजनी की. फिलहाल पटना के इनकम टैक्स डाक बंगला चौराहा वीरचंद पटेल पर या एयरपोर्ट क्षेत्र में सुबह तक बंद का कोई असर नहीं दिखा. यहां तक की बेली रोड में सुबह तक बंद का असर नहीं दिखा लेकिन दोपहर में पुलिस के द्वारा समर्थकों पर जमकर लाठी चार्च की गयी.
कौन कर रहा भारत बंदः दलित और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है. ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची भी जारी की है. अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए न्याय और समानता की मांग हैं. संगठन हाल में सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले से सहमत नहीं है.
क्या है मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया था. कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जातियां खुद में एक समूह हैं. इसमें शामिल जातियों के आधार पर और बंटवारा नहीं किया जा सकता. आरक्षण पाने वाले जातियों में क्रीमी लेयर की पहचान कर श्रेणी बनाएं. इस आधार पर आरक्षण तय की जाए. किसी एक जाति को 100 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता. कोर्ट के इसी फैसले का विरोध हो रहा है. विपक्ष का कहना है कि आरक्षण का वर्गीकरण नहीं किया जा सकता है.