ग्वालियर। दलित संगठनों के आह्वान पर देशव्यापी भारत बंद का आह्वान बुधवार को किया गया. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी तमाम संगठनों सुप्रीम कोर्ट के क्रिमिलेयर आरक्षण पर फैसले के विरोध में अपनी मांगों को लेकर बहुजन समाज पार्टी, भीम आर्मी, समाजवादी पार्टी समेत कई दलों ने मिलकर भारत बंद के तहत विरोध दर्ज कराया. ग्वालियर-चम्बल अंचल में 2 अप्रैल 2018 की तरह हिंसा की आशंका को देखते हुए कई स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा. कोई हंगामा नहीं होने पर पुलिस ने राहत की सांस ली.
अध्यादेश लाकर आदेश निरस्त कराने की मांग
बहुजन समाज पार्टी सहित अन्य पार्टियों के नेता व कार्यकर्ता ग्वालियर के आकाशवाणी चौराहे स्थित रानी झलकारी बाई की प्रतिमा पर एकत्रित हुए और यहां से रैली निकाली. जिसमें दलित नेता व कार्यकर्ता झंडे बैनर और पोस्टर के साथ नारेबाज़ी करते हुए फूल बाग़ पहुंचे. राष्ट्रपति के नाम एसडीएम अतुल सिंह को दो ज्ञापन सौंपा. इसमें एससी एसटी के आरक्षण के उपवर्गीकरण व क्रिमिलियर लागू करने के फैसले को निरस्त किए जाने की प्रमुख मांगें हैं.
चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस, रैली में साथ चली
बंद को देखते हुए पुलिस ने भी पर्याप्त व्यवस्था कर रखी थी. सौ से ज्यादा पुलिस के जवान और पुलिस वाहन रैली के साथ-साथ चले. ज़िलेभर में पुलिस प्रशासन ने क़रीब 3 हज़ार से ज़्यादा जवान और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर रखा था. बसपा नेता रायसिंह एडवोकेट ने BJP पर आरोप लगाते हुए कहा "सत्ताधारी दल माहौल बिगाड़ने का काम कर रही है. BJP एकता, अखंडता और समानता को शून्य करना चाहती है."
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अब बीजेपी- कांग्रेस पर नहीं भरोसा
बसपा नेता का आरोप है "BJP आज आरक्षण पर घात करने का प्रयास कर रही है, कांग्रेस BJP बारी बारी यह काम करते रहेंगे. भाजपा कह रही है कि वह इसे अभी लागू नहीं करेगी लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश है और कांग्रेस की जहाँ सरकार है वहाँ दो राज्यों में इसे लागू कर चुकी है. इसलिए भले ही आज BJP कह रही हो इसे लागू नहीं करेगी लेकिन आगे लागू नहीं होगा, इस बात की गारंटी कौन देगा"