जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की लगातार मॉनिटरिंग में राज्य सरकार वर्तमान में जारी भीषण हीट वेव से आमजन को राहत प्रदान करने के लिए फुल एक्शन मोड में है. राजधानी जयपुर से लेकर जिलों तक आमजन को पर्याप्त बिजली और पानी उपलब्ध करवाने से लेकर, गर्मी और लू-जनित बीमारियों से राहत दिलाने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारी कंटिजेन्सी प्लान को अमल में लाने लिए फील्ड में डटे हुए हैं. सीएम के निर्देश पर गर्मी की मार से गोवंश और पशुधन को राहत प्रदान करने के लिए भी माकूल प्रबंध किए गए हैं. उन्होंने प्रदेश में आमजन से लेकर पशुधन को गर्मी से राहत दिलाने के लिए सभी विभागों को उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने के निर्देश दिए हैं. शर्मा ने कहा कि प्राथमिकता से भीषण गर्मी और लू-प्रकोप संबंधी प्रबंधन कार्यां को समय से पूरा करें एवं इनकी निरंतर समीक्षा भी करें.
आमजन से मुख्यमंत्री ने की अपील : मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रचण्ड गर्मी के हालात को देखते हुए आमजन से अपील की है कि लू के प्रकोप से बचने के लिए विशेषकर बच्चे और बुजुर्ग दोपहर में बाहर निकलने से परहेज करें. हीटवेव से बचाव के लिए चिकित्सकीय एडवाइजरी का पालन करें, उन्होंने बिजली और पानी का भी समझदारी पूर्वक उपयोग करने की अपील की है ताकि अधिक मांग के समय बिजली ट्रिपिंग जैसी घटनाओं के कारण परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
नोडल अधिकारी कर रहे हीटवेव जनित बीमारियों की मॉनिटरिंग : CM भजनलाल के निर्देश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने मौसमी बीमारियों एवं हीटवेव संबंधी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं. वहीं, अस्पतालों में मरीजों के लिए कूलर, एसी, वाटर कूलर, दवा आदि से संबंधित आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं. प्रदेश के जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक केन्द्रों पर व्यवस्थाएं दुरूस्त की गई है. सीएम के निर्देश पर गोपालन विभाग ने समस्त जिला कलक्टर एवं जिला स्तरीय गोपालन समिति के अध्यक्ष को जिलों में संचालित गौशालाओं में गौवंश के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं अन्य जल प्रदाता एजेंसी के सहयोग से अविलम्ब पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं, साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर पशुपालन विभाग की ओर से गौशालाओं में गौवंश की चिकित्सा के लिए आपातकालीन औषधियां एवं सर्जिकल उपकरण खरीदने के लिए जिलों को एक-एक लाख रुपये का बजट उपलब्ध कराया गया है. सीएम ने कहा कि पानी की कमी या गर्मी के कारण गोवंश की मौत न हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं.
पेयजल परिवहन की जीपीएस आधारित मॉनिटरिंग : मुख्यमंत्री ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में पेयजल व्यवस्था को सुचारू रूप से जारी रखें. इसके लिए विभाग की ओर से पेयजल परिवहन की जीपीएस/ओटीपी आधारित मॉनिटरिंग की जा रही है. विभाग की ओर से फील्ड टेस्टिंग किट से पानी की गुणवता जारी की जा रही है. समस्त फील्ड अधिकारियों को सप्लाई के समय प्रेशर एवं गुणवत्तता को चेक कर व्हाटसअप ग्रुप में फोटो डालने हेतु निर्देशित किया गया है. किन-किन फील्ड अधिकारियों की ओर से कितनी बार सप्लाई चेक की जा रही है, इसकी प्रभावी निगरानी भी की जा रही है. पेयजल व्यवस्था सुदृढ़ बनाये रखने हेतु समस्याग्रस्त क्षेत्रों में नलकूप और हैण्डपम्प स्वीकृत किए गए हैं, साथ ही इनके समयवद्ध निर्माण को सुनिश्चित करने हेतु ड्रिलिंग और जी.डब्लू.डी की रिंग मशीनों को तैनात किया गया है.
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शिकायतों के समाधान और राहत के लिए ये व्यवस्थाएं :-
- राज्य स्तरीय कन्ट्रोल रूम - जल भवन, जयपुर में प्रतिदिन 24 घण्टे तीन शिफ्टों में काम कर रहा है. पर्याप्त पानी नहीं आने की शिकायत दूरभाष नं. 0141-2222585 पर की जा सकती है.
- अधीक्षण अभियंता(शहरी) की अगुवाई में 6 अधिकारियों और 32 कर्मचारियों की टीम तीन शिफ्ट में लगातार शिकायतों का निस्तारण कर रही है.
- जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक समस्त जिलों में पेयजल की शिकायतों और राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष से प्राप्त शिकायतों को समाधान के लिए संबंधित सहायक अभियंता को भिजवा रहे हैं. शिकायतों का समाधान कर इसकी सूचना पुनः जल भवन जयपुर में प्रेषित की जा रही है.
- हर जिले की पेयजल व्यवस्थाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए मुख्य अभियंता, अति. मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता जिला प्रभारी के रूप में नियुक्त किये गये हैं. इन अधिकारियों की ओर से आवंटित जिलों में दौरा कर पेयजल से संबंधित योजनाओं का निरीक्षण किया जा रहा है.
बिजली आपूर्ति :-
- गुरुवार को विद्युत ऊर्जा की कुल मांग 3638 लाख यूनिट थी तथा 3541 लाख यूनिट विद्युत सप्लाई की गई, मांग पूरी करने के लिए एनर्जी एक्सचेंज से 665 लाख यूनिट बिजली खरीदी गई.
- शाम के पीक आवर्स के दौरान मांग पूरी करने के लिए 62 लाख यूनिट बिजली तो 9.93 रु. प्रति यूनिट की दर पर खरीदी गई. रात्रि 7.30 से रात्रि 01 बजे के दौरान दस रूपए की दर पर भी एक्सचेंज से आवश्यकतानुसार बिजली उपलब्ध नहीं होने के कारण 97 लाख यूनिट की कटौती की गई.
- विद्युत सप्लाई की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है के साथ प्रसारण और वितरण तंत्र की सतत निगरानी की जा रही है.