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नवगठित 86 नगरीय निकायों में वार्डवार परिसीमन के निर्देश, चुनाव से पहले सरकार की तैयारियां तेज - Ward Wise Delimitation

Ward Wise Delimitation, राज्य की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने जिन 86 नगरीय निकायों का गठन किया था, अब उनका मौजूदा भजनलाल सरकार वार्डवार परिसीमन करवा रही है. इसको लेकर निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.

Ward Wise Delimitation
वार्डवार परिसीमन के निर्देश (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 12, 2024, 7:58 AM IST

जयपुर. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जिन 86 नगरीय निकायों का नवगठन किया था. अब भाजपा सरकार उन्हीं निकायों में वार्डों का गठन करने जा रही है. इसे लेकर स्वायत्त शासन विभाग ने संबंधित जिला कलेक्टरों को 2011 की जनगणना के अनुसार नगर पालिका में प्रस्तावित वार्डों की संख्या के साथ-साथ वार्डों के परिसीमन को लेकर दिशा निर्देश भी जारी किए हैं. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की बजट घोषणा में 86 नगर पालिकाओं का गठन किया गया था. जिन में अब आम चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले इन नगर पालिकाओं में वार्डों का गठन किया जाना है. इसको लेकर स्वायत्त शासन विभाग ने कार्यक्रम भी जारी किया है, जिसके तहत 11 जून से 10 जुलाई तक वार्डों के परिसीमन का प्रस्ताव तैयार कर उनका प्रकाशन करना है. इसके बाद 11 जुलाई से 25 जुलाई तक परिसीमन के प्रस्तावों पर आपत्तियां आमंत्रित करनी है. इसके बाद 25 जुलाई से 9 अगस्त के बीच वार्डों के नक्शे और आपत्तियों पर टिप्पणी करते हुए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाना है. आखिर में 12 अगस्त से 26 अगस्त के बीच राज्य सरकार आपत्तियों का निस्तारण करते हुए प्रस्तावों का अनुमोदन करेगी.

इस संबंध में डीएलबी डायरेक्टर सुरेश कुमार ओला ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि परिसीमन का कार्य और वार्डों का आरक्षण निर्धारित मापदंडों के अनुसार किया जाए. हालांकि, वार्डों की जनसंख्या का अनुपात समान हो ये संभव नहीं. इसलिए अनुपातिक सीमा से जनसंख्या 10% ज्यादा या कम हो सकती है, लेकिन किसी भी परिस्थिति में इस सीमा का उल्लंघन नहीं किया जाए. उन्होंने जिला कलेक्टरों को जारी किए आदेश में दिशा-निर्देश दिए हैं कि वार्डों की सीमाएं जहां तक संभव हो सड़क या गली के आधार पर निर्धारित की जाए. यदि इससे वार्ड का अनुपात बिगड़ता है तो वार्ड रेखा काल्पनिक भी रखी जा सकती है. यही नहीं वार्ड परिसीमन के दौरान कोई भी क्षेत्र छूटे नहीं, कोई भी मकान दो वार्डों में विभाजित ना हो और किसी भी वार्ड में दो विधानसभा या पुलिस थाना क्षेत्र न आए इसका विशेष ध्यान रखना है.

इसे भी पढ़ें - कांग्रेस राज में भेदभाव से बने वार्डों का फिर से होगा परिसीमन-यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा

आपको बता दें कि नवगठित नगर पालिका में न्यूनतम 20 और अधिकतम 35 वार्ड प्रस्तावित है. इन नगरपालिकाओं में बस्सी, नारायणा, मनोहरपुर, वाटिका, फागी, दूदू, पौंख, अजीतगढ़, दातां, गुढागौडजी, सिंघाना, मंडावर, मंडावरी, रामगढ़-पचवारा, बसवा, लवाण, भांडारेज, सिकराय, पावटा-प्रागपुरा, बानसूर, बर्ड़ोद, नीमराना, टपूकड़ा, कोटकासिम, मुंडावर, बडौद मेव, गोविंदगढ़, बहादुरपुर (किशनगढ़वास), कठूमर, मालाखेड़ा, रैणी, नौगांव, मुबारिकपुर, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, सीकरी, उच्चैन, सरमथुरा, बसेड़ी, सपोटरा, मंडरायल, बौंली, खिरनी, बामनवास, वजीरपुर, सुल्तानपुर, सुकेत, अटरू, सीसवाली, केलवाड़ा, दई, हिंडौली, सावर, दूनी, बासनी, जायल, बोरावड, रानीवाड़ा, आहोर, हमीरगढ़, रायपुर, जावाल, मारवाड़ जंक्शन, भोपालगढ़, बालेसर-सत्ता, शेरगढ़, बाप, रामदेवरा, खाजूवाला, लालगढ़-जाटान, टिब्बी, गोलूवाला, सिवाना, ऋषभदेव, वल्लभनगर, मावली, खैरवाड़ा, सेमारी, सराडा-चावंड, भीम, आकोला, धरियावद, दलोट, सीमलवाड़ा, आसपुर और घाटोल शामिल है.

जयपुर. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जिन 86 नगरीय निकायों का नवगठन किया था. अब भाजपा सरकार उन्हीं निकायों में वार्डों का गठन करने जा रही है. इसे लेकर स्वायत्त शासन विभाग ने संबंधित जिला कलेक्टरों को 2011 की जनगणना के अनुसार नगर पालिका में प्रस्तावित वार्डों की संख्या के साथ-साथ वार्डों के परिसीमन को लेकर दिशा निर्देश भी जारी किए हैं. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की बजट घोषणा में 86 नगर पालिकाओं का गठन किया गया था. जिन में अब आम चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले इन नगर पालिकाओं में वार्डों का गठन किया जाना है. इसको लेकर स्वायत्त शासन विभाग ने कार्यक्रम भी जारी किया है, जिसके तहत 11 जून से 10 जुलाई तक वार्डों के परिसीमन का प्रस्ताव तैयार कर उनका प्रकाशन करना है. इसके बाद 11 जुलाई से 25 जुलाई तक परिसीमन के प्रस्तावों पर आपत्तियां आमंत्रित करनी है. इसके बाद 25 जुलाई से 9 अगस्त के बीच वार्डों के नक्शे और आपत्तियों पर टिप्पणी करते हुए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाना है. आखिर में 12 अगस्त से 26 अगस्त के बीच राज्य सरकार आपत्तियों का निस्तारण करते हुए प्रस्तावों का अनुमोदन करेगी.

इस संबंध में डीएलबी डायरेक्टर सुरेश कुमार ओला ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि परिसीमन का कार्य और वार्डों का आरक्षण निर्धारित मापदंडों के अनुसार किया जाए. हालांकि, वार्डों की जनसंख्या का अनुपात समान हो ये संभव नहीं. इसलिए अनुपातिक सीमा से जनसंख्या 10% ज्यादा या कम हो सकती है, लेकिन किसी भी परिस्थिति में इस सीमा का उल्लंघन नहीं किया जाए. उन्होंने जिला कलेक्टरों को जारी किए आदेश में दिशा-निर्देश दिए हैं कि वार्डों की सीमाएं जहां तक संभव हो सड़क या गली के आधार पर निर्धारित की जाए. यदि इससे वार्ड का अनुपात बिगड़ता है तो वार्ड रेखा काल्पनिक भी रखी जा सकती है. यही नहीं वार्ड परिसीमन के दौरान कोई भी क्षेत्र छूटे नहीं, कोई भी मकान दो वार्डों में विभाजित ना हो और किसी भी वार्ड में दो विधानसभा या पुलिस थाना क्षेत्र न आए इसका विशेष ध्यान रखना है.

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आपको बता दें कि नवगठित नगर पालिका में न्यूनतम 20 और अधिकतम 35 वार्ड प्रस्तावित है. इन नगरपालिकाओं में बस्सी, नारायणा, मनोहरपुर, वाटिका, फागी, दूदू, पौंख, अजीतगढ़, दातां, गुढागौडजी, सिंघाना, मंडावर, मंडावरी, रामगढ़-पचवारा, बसवा, लवाण, भांडारेज, सिकराय, पावटा-प्रागपुरा, बानसूर, बर्ड़ोद, नीमराना, टपूकड़ा, कोटकासिम, मुंडावर, बडौद मेव, गोविंदगढ़, बहादुरपुर (किशनगढ़वास), कठूमर, मालाखेड़ा, रैणी, नौगांव, मुबारिकपुर, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, सीकरी, उच्चैन, सरमथुरा, बसेड़ी, सपोटरा, मंडरायल, बौंली, खिरनी, बामनवास, वजीरपुर, सुल्तानपुर, सुकेत, अटरू, सीसवाली, केलवाड़ा, दई, हिंडौली, सावर, दूनी, बासनी, जायल, बोरावड, रानीवाड़ा, आहोर, हमीरगढ़, रायपुर, जावाल, मारवाड़ जंक्शन, भोपालगढ़, बालेसर-सत्ता, शेरगढ़, बाप, रामदेवरा, खाजूवाला, लालगढ़-जाटान, टिब्बी, गोलूवाला, सिवाना, ऋषभदेव, वल्लभनगर, मावली, खैरवाड़ा, सेमारी, सराडा-चावंड, भीम, आकोला, धरियावद, दलोट, सीमलवाड़ा, आसपुर और घाटोल शामिल है.

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