मथुरा: सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार एक वचन का पालन यमराज आज भी कर रहे हैं. ये वचन उन्होंने भाईदूज (Bhai Dooj 2024) के पर्व पर दिया था. इस वचन के तहत यमराज उनके कहे अनुसार एक काम करने वाले भाई बहनों को नहीं छूते हैं. उन्हें यमपाश से नहीं ले जाया जाता है. यह मान्यता पूरी होती है मथुरा में. चलिए आगे जानते हैं इस बारे में.
भाई दूज का पर्व का महत्व: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भाई दूज का पर्व विशेष महत्व रखता है. इस दिन बहनें भाई के तिलक कर उनकी दीर्घायु की कामना करती है. वहीं, मथुरा के विश्राम घाट पर भाई और बहन एक साथ यमुना में स्नान करते हैं. इसके पीछे एक बड़ी मान्यता है.
यमराज ने दिया था बहन को वचनः मान्यता है कि एक बार भाई दूज के मौके पर यमराज अपनी बहन यमुना के घर पहुंचे थे. यमुना ने भाई यमराज की खूब सेवा की. इससे प्रसन्न होकर यमराज ने बहन से कुछ मांगने को कहा. इस पर बहन यमुना ने कहा आपके प्रकोप से कोई अगर बचना चाहे तो उसे क्या करना होगा. इस पर यमराज ने कहा कि यम दि्तीया पर आकर जो भी भाई बहन तुम्हारे जल में स्नान करेंगे उन्हें मैं कतई नहीं छुऊंगा. ऐसे भाई बहन सीधे बैकुंठ जाएंगे. इसके बाद यमुनाजी और धर्मराज ने एक साथ स्नान किया. इसी मान्यता के चलते विश्राम घाट पर भाई और बहन भाई दूज के मौके पर एक साथ स्नान करते हैं.
विश्राम घाट के मंदिर में प्रतिमाओं के करते दर्शनः भाई बहन यमुना में स्नान के बाद विश्राम घाट स्थित मंदिर में यमराज और यमुना की प्रतिमा के दर्शन करते हैं. भाई दूज के मौके पर इन दोनों ही प्रतिमाओं के दर्शन करना बेहद ही शुभ माना जाता है.
भाई बहन का साल का दूसरा बड़ा पर्व: आपको बता दें कि भाई बहनों के साल में दो पर्व मनाए जाते हैं. इनमें एक पर्व रक्षा बंधन के रूप में मनाया जाता है. वहीं दूसरा पर्व भाई दूज के रूप में मनाया जाता है. दोनों ही पर्वों पर बहनें भाई की दीघार्यु की कामना करतीं हैं तो वहीं भाई बहनों की रक्षा और संकट से निकालने का वचन देता है.
मथुरा में हर साल भाई दूज पर उमड़ती भारी भीड़: आपको बता दें कि मथुरा में हर साल भाई दूज के मौके पर भारी भीड़ उमड़ती है. इस बार भी भाई दूज का पर्व 3 नवंबर को मनाया जा रहा है. ऐसे में भारी संख्या में लोगों के आने की संभावना है. इसके मद्देनजर प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
इस बार भाईदूज का मुहूर्त क्या है: 2 नवंबर को रात 8.21 बजे दि्तीया शुरू होगी जो कि 3 नवंबर की रात 10.05 बजे तक रहेगी. यदि बात तिलक के शुभ मुहूर्त की कि जाए तो यह दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 21 मिनट तक बेहद शुभ है. इस मुहू्त में भाइयों के टीका लगाना बेहद शुभ रहेगा.
(नोटः यह खबर धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं)