पानीपत: शहीद भगत सिंह के पोते यादविंदर सन्धु मंगलवार को पानीपत पहुंचे. इस दौरान शहीद भगत सिंह ब्रिगेड टीम ने उनका फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया. यादविंदन सन्धु ने इस दौरान मीडिया से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पानीपत आने वाले हैं. हम चाहते हैं कि पीएम मोदी शहीद भगत सिंह के नाम पर किसी योजना, परियोजनाओं की घोषणा करें. ताकि युवा वर्ग उससे जुड़े और उनकी कीर्ति से प्रभावित हो.
भगत सिंह के नाम पर रखें योजनाओं का नाम: यादविंदर सन्धु ने कहा, "जब मोदी 9 दिसम्बर को पानीपत आएं तो भगत सिंह के नाम से किसी परियोजना की घोषणा करके जाएं. किसी विश्विद्यालय में भगत सिंह की चेयर स्थापित की जाए, ताकि आने वाले यूथ उनपर रिसर्च करके देशभक्ति के साथ नाता जोड़े. हमारी अपील है कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम भगत सिंह के नाम रखा जाए. इसके लिए हमने मुहिम भी चलाया था. देश के लोगों की धारणा है कि पड़ोसी के घर भगत सिंह सिंह पैदा हो, लेकिन हर घर में भगत सिंह होना चाहिए. भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु दोस्ती की मिसाल थे. इसलिए हमने "मैं बनूंगा भगत सिंह जैसे कार्यक्रम किए. ताकि देश का युवा इससे प्रेरित हो."
शहीद भगत सिंह ब्रिगेड युवाओं को कर रही प्रेरित: आगे यादविंदर सन्धु ने कहा, "भगत सिंह के हमने दो स्वरूप देखे हैं, एक पगड़ी वाला और दूसरा टोपी वाला. हमने चरखी दादरी में भगत सिंह के स्वरूप में 40 हजार युवाओं को एकत्रित कर कीर्तिमान स्थापित किया. उसके बाद सिरसा में शहीदों के सम्मान में 16 अलग-अलग गांवों के स्कूलों में एक ही दिन में 10 घंटों में 16 अलग-अलग शहीदों की प्रतिमाएं स्थापित कर कीर्तिमान स्थापित किया, ताकि वहां जाने वाले युवा शहीदों को नमन करेंगे. इसी तरह होली के दिन दिल्ली के शास्त्री नगर में "मेरा रंग दे बसंती" कार्यक्रम करके कीर्तिमान स्थापित किया. इस दौरान 4500 के करीब युवाओं ने बसन्ती चोला पहन कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की."
बहुत जल्द शहीद भगत सिंह ब्रिगेड पानीपत में "मेरी शान तिरंगा" के तहत एक किलोमीटर तिरंगा लेकर चलने का रिकॉर्ड बनाएगी, जिसमें सभी देशवासी हिस्सा लेंगे. भगत सिंह का एक ऐतिहासिक दस्तावेज उनका चित्र मेरे पास है, जिसे शहीद भगत सिंह के छोटे भाई जब भगत सिंह से जेल में मिलने गए थे, तब अपने साथ लेकर आये थे. ऐसे में सभी को चित्र अपने घरों में लगाना चाहिए. भगत सिंह से प्रेरणा लेनी चाहिए कि हर घर में भगत सिंह हो. भगत सिंह ब्रिगेड का मकसद है कि देश के अंदर उनका चरित्र सदैव जीवंत रहे और हर घर तक हम भगत सिंह पहुंचाना चाहते हैं. -यादविंदर सन्धु, शहीद भगत सिंह के पोते
भटक रहे हैं आज के युवा: इस दौरान भगत सिंह ब्रिगेड के सदस्य डॉ. नवीन भालसी ने कहा कि आज का युवा रास्ता भटक रहा है. आज का युवा अपने शहीदों के आदर्शों को भुलाकर पश्चिमी सभ्यता को अपना रहा है. उस रास्ते को ठीक करने के लिए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल विज प्रयासरत जरूर हैं. इसके लिए अम्बाला में एक शहीद संग्रहालय का काम चल रहा है, लेकिन भगत सिंह ब्रिगेड मांग करती है कि 1857 की क्रांति से 1947 तक करीबन साढ़े 7 लाख लोग शहीद हुए. उनकी सभी प्रतिमा वहां पर लगाई जाए ताकि उनके वंशज उन्हें पहचान सकें.
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