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पेनल्टी का झंझट खत्म, देश में कहीं भी ले जा सकते हैं अपनी गाड़ी, जानें क्या होता है BH सीरीज, कैसे मिलता है? - BH Series Number Plate - BH SERIES NUMBER PLATE

Benefits Of BH Series: अगर आप भी 'बीएच' (BH) सीरीज का नंबर लेना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ नियम फॉलो करना होगा. यह एक ऐसा नंबर है, जो पूरे देश में मान्य होगा और कहीं भी आने जाने पर पेनल्टी नहीं लगेगी. ऑटो सेक्टर के एक्सपर्ट गुंजन कुमार सिंह ने बताया कि यह नंबर कैसे मिल सकता है? पढ़ें पूरी खबर.

जानें क्या होता है BH सीरीज
जानें क्या होता है BH सीरीज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 21, 2024, 10:34 AM IST

Updated : Jul 21, 2024, 11:02 AM IST

पटनाः आजकल सड़कों पर गाड़ियों के ऊपर एक अलग तरह का नंबर प्लेट देखने को मिल रहा है. गाड़ियों के इस नंबर प्लेट की शुरुआत दो डिजिट के रोमन अंक से शुरू होती है. जैसे 21, 22, 23 और 24 से शुरू होने वाली नंबर प्लेट को भारत सीरीज यानी (BH) सीरीज का नंबर प्लेट कहा जाता है. इस नंबर प्लेट की कई सारी विशेषता है.

2021 में किया गया लागू: 28 अगस्त 2021 को देशभर में भारत सीरीज लागू करने का फैसला लिया गया था. पहले सेना में कार्यरत लोगों को यह नंबर दी जाने की व्यवस्था थी ताकि उसे ट्रांसफर के बाद कोई समस्या न हो. केंद्र सरकार ने भारत सीरीज के गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए अपने नियमों में बदलाव किया है. अब केंद्र सरकार के कर्मचारी के अलावा निजी क्षेत्र की नौकरी करने वाले भी इसका लाभा ले सकते हैं.

वर्तमान में क्या चल रहा है?: नयी कार का रजिस्ट्रेशन कई राज्यों में तुरंत मिल जाता है. लेकिन कई राज्यों में तीन-चार दिनों के बाद दिया जाता है. वर्तमान में देश में हर राज्यों के लिए अलग-अलग कोड दिया गया है. बिहार में BR, झारखंड में JH, दिल्ली में DL, उत्तर प्रदेश में UP और मध्य प्रदेश MP है.

कैसे पहचाने BH नंबर प्लेट? नंबर प्लेट की शुरुआत दो डिजिटल के रोमन नंबर से होती है. चुकी इसकी शुरुआत 2021 से हुई इसीलिए भारत सीरीज के नंबर प्लेट की शुरुआत 21 से शुरू हुई थी. 21 का मतलब 2021 मॉडल का मॉडल की जानकारी है. इसी तरीके से 22, 23 और 24 सीरीज तक के गाड़ियों का नंबर प्लेट दिखाई देते हैं.

कौन ले सकता है बीएच नंबरः भारत सीरीज का नंबर प्लेट रजिस्ट्रेशन के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने कुछ खास निर्देश दिए हैं.
भारत सीरीज के गाड़ियों के नंबर प्लेट का रजिस्ट्रेशन का लाभ भारत सरकार के सरकारी कर्मचारी ले सकते हैं जिनका ट्रांसफर दूसरे राज्यों में किया जाता है. इसमें सैन्य, बैंकों प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व कर्मचारी होंगे.

जानें क्या होता है BH सीरीज
जानें क्या होता है BH सीरीज (ETV Bharat)

प्राइवेट कर्मी को भी सुविधाः निजी कंपनियों के वो कर्मचारी भी ये नंबर प्लेट लगवा सकते हैं जिनके दफ्तर कम से कम चार राज्यों में हैं. उन्हें वहां ट्रांसफर किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए दस्तावेजों की जरूरत होती. डीलर को वाहन पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है. रजिस्ट्रेशन दफ्तर से एनओसी लेना अनिवार्य है.

2 साल का पर रिन्यूअल जरूरीः व्हीकल के पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट भी होना चाहिए. व्हीकल के लिए रोड टैक्स का भुगतान करना होगा. इस सीरीज के रजिस्ट्रेशन के लिए अन्य गाड़ियों की तुलना में रजिस्ट्रेशन चार्ज ज्यादा लगता है. हर 2 साल पर रजिस्ट्रेशन को रिन्यूअल करवाना पड़ता है. ये केवल नॉन-ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स के लिए लागू होता है.

BH सीरीज नंबर प्लेट का रजिस्ट्रेशनः ऑटो सेक्टर के एक्सपर्ट गुंजन कुमार सिंह का कहना है कि इसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत ही आसान है. घर बैठे MoRTH के वाहन पोर्टल पर खुद से लॉगिन कर सकते हैं. या फिर उस गाड़ी डीलर के थ्रू भी आप रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. अगर आप ऑटोमोबाइल डीलर की मदद लेते हैं तो वाहन पोर्टल में फॉर्म 20 को भरना पड़ेगा.

प्राइवेट कर्मी के लिए नंबर लेने का प्रोसेसः निजी से निजी क्षेत्र के वैसे कर्मचारी जो इनके नियमों को पूरा करते हैं उन्हें फॉर्म 60 को भरना होता है. उन्हें वर्क सर्टिफिकेट के साथ एम्प्लॉयमेंट ID भी दिखानी होती है. इसके बाद ऑथोरिटीज व्हीकल ओनर की एलिजिबिलिटी को वेरिफाई करते हैं. फिर जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा करना होता है. इसके बाद BH नंबर के लिए RTO से अप्रूवल मिलने के बाद जरूरी मोटर व्हीकल टैक्स भरना होता है. फिर VAHAN पोर्टल उस गाड़ी के लिए BH सीरीज का रजिस्ट्रेशन प्रदान करता है.

भारत सीरीज नंबर के क्या है फायदे? यह नंबर प्लेट पूरे देश में मान्य होता है. भारत के किसी भी राज्य में इसे चलाने पर पेनॉल्टी नहीं देना पड़ता है. एक से दूसरे राज्य जाने पर व्हीकल को फिर से रजिस्टर करने की जरूरत नहीं पड़ती है. ऐसे में वाहन मालिक के रुपए के साथ-साथ समय की भी बचत होती है.

यह भी पढ़ेंः तेल कंपनियों ने अपडेट किए पेट्रोल-डीजल के दाम, टंकी फुल करवाने से पहले चेक करें रेट - PETROL DIESEL PRICE IN BIHAR

पटनाः आजकल सड़कों पर गाड़ियों के ऊपर एक अलग तरह का नंबर प्लेट देखने को मिल रहा है. गाड़ियों के इस नंबर प्लेट की शुरुआत दो डिजिट के रोमन अंक से शुरू होती है. जैसे 21, 22, 23 और 24 से शुरू होने वाली नंबर प्लेट को भारत सीरीज यानी (BH) सीरीज का नंबर प्लेट कहा जाता है. इस नंबर प्लेट की कई सारी विशेषता है.

2021 में किया गया लागू: 28 अगस्त 2021 को देशभर में भारत सीरीज लागू करने का फैसला लिया गया था. पहले सेना में कार्यरत लोगों को यह नंबर दी जाने की व्यवस्था थी ताकि उसे ट्रांसफर के बाद कोई समस्या न हो. केंद्र सरकार ने भारत सीरीज के गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए अपने नियमों में बदलाव किया है. अब केंद्र सरकार के कर्मचारी के अलावा निजी क्षेत्र की नौकरी करने वाले भी इसका लाभा ले सकते हैं.

वर्तमान में क्या चल रहा है?: नयी कार का रजिस्ट्रेशन कई राज्यों में तुरंत मिल जाता है. लेकिन कई राज्यों में तीन-चार दिनों के बाद दिया जाता है. वर्तमान में देश में हर राज्यों के लिए अलग-अलग कोड दिया गया है. बिहार में BR, झारखंड में JH, दिल्ली में DL, उत्तर प्रदेश में UP और मध्य प्रदेश MP है.

कैसे पहचाने BH नंबर प्लेट? नंबर प्लेट की शुरुआत दो डिजिटल के रोमन नंबर से होती है. चुकी इसकी शुरुआत 2021 से हुई इसीलिए भारत सीरीज के नंबर प्लेट की शुरुआत 21 से शुरू हुई थी. 21 का मतलब 2021 मॉडल का मॉडल की जानकारी है. इसी तरीके से 22, 23 और 24 सीरीज तक के गाड़ियों का नंबर प्लेट दिखाई देते हैं.

कौन ले सकता है बीएच नंबरः भारत सीरीज का नंबर प्लेट रजिस्ट्रेशन के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने कुछ खास निर्देश दिए हैं.
भारत सीरीज के गाड़ियों के नंबर प्लेट का रजिस्ट्रेशन का लाभ भारत सरकार के सरकारी कर्मचारी ले सकते हैं जिनका ट्रांसफर दूसरे राज्यों में किया जाता है. इसमें सैन्य, बैंकों प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व कर्मचारी होंगे.

जानें क्या होता है BH सीरीज
जानें क्या होता है BH सीरीज (ETV Bharat)

प्राइवेट कर्मी को भी सुविधाः निजी कंपनियों के वो कर्मचारी भी ये नंबर प्लेट लगवा सकते हैं जिनके दफ्तर कम से कम चार राज्यों में हैं. उन्हें वहां ट्रांसफर किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए दस्तावेजों की जरूरत होती. डीलर को वाहन पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है. रजिस्ट्रेशन दफ्तर से एनओसी लेना अनिवार्य है.

2 साल का पर रिन्यूअल जरूरीः व्हीकल के पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट भी होना चाहिए. व्हीकल के लिए रोड टैक्स का भुगतान करना होगा. इस सीरीज के रजिस्ट्रेशन के लिए अन्य गाड़ियों की तुलना में रजिस्ट्रेशन चार्ज ज्यादा लगता है. हर 2 साल पर रजिस्ट्रेशन को रिन्यूअल करवाना पड़ता है. ये केवल नॉन-ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स के लिए लागू होता है.

BH सीरीज नंबर प्लेट का रजिस्ट्रेशनः ऑटो सेक्टर के एक्सपर्ट गुंजन कुमार सिंह का कहना है कि इसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत ही आसान है. घर बैठे MoRTH के वाहन पोर्टल पर खुद से लॉगिन कर सकते हैं. या फिर उस गाड़ी डीलर के थ्रू भी आप रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. अगर आप ऑटोमोबाइल डीलर की मदद लेते हैं तो वाहन पोर्टल में फॉर्म 20 को भरना पड़ेगा.

प्राइवेट कर्मी के लिए नंबर लेने का प्रोसेसः निजी से निजी क्षेत्र के वैसे कर्मचारी जो इनके नियमों को पूरा करते हैं उन्हें फॉर्म 60 को भरना होता है. उन्हें वर्क सर्टिफिकेट के साथ एम्प्लॉयमेंट ID भी दिखानी होती है. इसके बाद ऑथोरिटीज व्हीकल ओनर की एलिजिबिलिटी को वेरिफाई करते हैं. फिर जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा करना होता है. इसके बाद BH नंबर के लिए RTO से अप्रूवल मिलने के बाद जरूरी मोटर व्हीकल टैक्स भरना होता है. फिर VAHAN पोर्टल उस गाड़ी के लिए BH सीरीज का रजिस्ट्रेशन प्रदान करता है.

भारत सीरीज नंबर के क्या है फायदे? यह नंबर प्लेट पूरे देश में मान्य होता है. भारत के किसी भी राज्य में इसे चलाने पर पेनॉल्टी नहीं देना पड़ता है. एक से दूसरे राज्य जाने पर व्हीकल को फिर से रजिस्टर करने की जरूरत नहीं पड़ती है. ऐसे में वाहन मालिक के रुपए के साथ-साथ समय की भी बचत होती है.

यह भी पढ़ेंः तेल कंपनियों ने अपडेट किए पेट्रोल-डीजल के दाम, टंकी फुल करवाने से पहले चेक करें रेट - PETROL DIESEL PRICE IN BIHAR

Last Updated : Jul 21, 2024, 11:02 AM IST
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