बैतूल। बैतूल जिले में प्रसूताओं की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. दो दिन पहले जिला अस्पताल में एक प्रसूता की मौत के बाद फिर जच्चा-बच्चा की मौत हो गई है. घटना से गुस्साए पीड़ित परिजनों व रिश्तेदारों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. नवजात का शव थैले में रखकर परिजन धरने पर बैठ गए. हंगामे की सूचना मिलने पर संयुक्त कलेक्टर जिला अस्पताल पहुंचे और परिजनों की शिकायत सुनी.
मृत नवजात के बाद मां ने भी दम तोड़ा
महिला को प्रसूति के दौरान मृत शिशु का जन्म हुआ. इसके ठीक 24 घण्टे बाद प्रसूता की भी मौत हो गई. पीड़ित परिजनों ने जिला अस्पताल के स्टाफ पर प्रसूता से मारपीट करने और उसका गलत इलाज करने का आरोप लगाया है. हंगामा होने के बाद प्रशासन ने एक जांच दल गठित कर दिया है. बता दें कि दो दिन पहले भी प्रसूति के बाद एक महिला की मौत हो गई थी, जिसकी जांच रिपोर्ट आना बाकी है. परिजनों का आरोप है कि नर्सिंग स्टाफ ने सुमित्रा के हाथ बांधकर मारपीट की.
नर्सिंग स्टाफ पर गलत दवाएं देने का आरोप
बैतूल के घोड़ाडोंगरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रविवार की रात प्रसूता सुमित्रा बाई को प्रसव के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया. प्रसव के बाद बच्चा मृत पैदा हुआ, जिस्का शव एक थैले में रखकर परिजनों को सौंप दिया गया. इसके ठीक अगले दिन यानि सोमवार की शाम सुमित्रा बाई को नर्सिंग स्टाफ ने कुछ दवाइयां दी. जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई और कुछ देर तड़पने के बाद उसकी भी मौत हो गई. सुमित्रा बाई से पहले उसके बच्चा मृत अवस्था मे जन्मा था, जिसके शव को नर्सिंग स्टाफ ने एक थैले में रखकर परिजनों को सौंप दिया. शहर में बच्चे का अंतिम संस्कार कहां और कैसे करें, इसी सोच में पड़े परिजन दो दिन से बच्चे का शव लेकर घूमते रहे.
लगातार दूसरी प्रसूता की मौत से उठे सवाल
नवजात की मौत के बाद परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ पर ग़लत इलाज करने और लापरवाही का आरोप लगाया. ये लगातार दूसरा मामला है जब एक प्रसूता की मौत को लेकर हंगामा हो रहा है. इस बार भी एक जांच दल गठित किया गया है. बता दें कि ऐसे मामलों में जांच दल तो गठित किये जाते हैं लेकिन जांच रिपोर्ट का खुलासा कभी नहीं किया जाता. वहीं जिला अस्पताल में सारी आधुनिक सुविधाएं होने के बावजूद प्रसूताओं की मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो चिंता का विषय है.