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बैतूल का खास रक्षासूत्र, दिव्यांग बच्चों ने तैयार की सुंदर राखियां, बॉर्डर पर तैनात भाइयों की कलाई सजेगी - Betul Rakhi Sent For Soldiers

देश की सीमाओं पर तैनात भारतीय सेना के जवानों के लिए बैतूल के दिव्यांग बच्चों ने 700 से अधिक राखियां तैयार की हैं. इसे राष्ट्र मिशन की बहने राजस्थान के बाड़मेर सीमा पर तैनात सैनिकों को रक्षाबंधन के अवसर पर बांधेंगी.

BETUL RAKHI SENT FOR SOLDIERS
दिव्यांग बच्चों ने बनाए 700 से अधिक राखी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 18, 2024, 8:11 PM IST

बैतूल: देश की सीमाओं पर तैनात भारतीय सेना के जवानों के लिए इस बार बैतूल से कुछ खास राखियां भेजी गई हैं. इन राखियों को बैतूल के दिव्यांग बच्चों ने तैयार किया है, जिसे राष्ट्र रक्षा मिशन संस्था सरहद तक लेकर जा रही है. बता दें कि राष्ट्र रक्षा मिशन पिछले 24 सालों से लगातार देश की अलग-अलग सरहदों पर जाकर फौजी भाइयों की कलाई पर राखी बांध रही हैं. अब तक ये बहनें ढाई लाख से अधिक फौजियों को राखी बांध चुकी हैं और इस साल 25 हजार राखियां लेकर बाड़मेर राजस्थान के लिए रवाना हुई हैं.

दिव्यांग बच्चों ने सैनिको के लिए तैयार की सुंदर राखी (ETV Bharat)

दिव्यांग बच्चों ने बनाए 700 से अधिक राखी

बैतूल के अस्थिबाधित छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने वाले नन्हे बच्चों ने सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के लिए सुंदर राखियां बनाई हैं. बता दें कि ये बच्चे कई तरह के शारीरिक समस्याओं से जूझ रहें हैं, लेकिन इन्होंने सारी बधाओं के बावजूद अपना जज्बा दिखाया और सरहदों पर तैनात सैनिकों भाइयों के लिए प्यार का बंधन सूत्र राखियों को तैयार किया. छात्रावास में उपस्थित 27 बच्चों ने केवल 2 दिनों में ही 700 से अधिक सुंदर राखियां तैयार की है. सैनिकों के लिए राखियां तैयार कर ये बच्चे काफी खुश हैं.

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24 सालों से सैनिकों को राखी बांध रही मिशन की बहने

राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित बैतूल की गौरी बालापुरे पिछले 24 सालों से लगातार देश की सीमाओं पर जाकर सैनिकों को राखी बांध रही हैं. इनकी टीम राष्ट्र रक्षा मिशन में शहर की कई महिलाएं शामिल हैं. ये अब तक लगभग ढाई लाख सैनिकों को राखी बांध चुके हैं. इस साल राष्ट्र रक्षा मिशन राजस्थान की बाड़मेर सीमा पर रहेगा और वहां बीएसएफ जवानों के साथ राखी का पर्व मनाएगा. इस साल अस्थिबाधित बच्चों की बनाई हुई राखियां भी सैनिकों की कलाइयों पर सजेगी.

बैतूल: देश की सीमाओं पर तैनात भारतीय सेना के जवानों के लिए इस बार बैतूल से कुछ खास राखियां भेजी गई हैं. इन राखियों को बैतूल के दिव्यांग बच्चों ने तैयार किया है, जिसे राष्ट्र रक्षा मिशन संस्था सरहद तक लेकर जा रही है. बता दें कि राष्ट्र रक्षा मिशन पिछले 24 सालों से लगातार देश की अलग-अलग सरहदों पर जाकर फौजी भाइयों की कलाई पर राखी बांध रही हैं. अब तक ये बहनें ढाई लाख से अधिक फौजियों को राखी बांध चुकी हैं और इस साल 25 हजार राखियां लेकर बाड़मेर राजस्थान के लिए रवाना हुई हैं.

दिव्यांग बच्चों ने सैनिको के लिए तैयार की सुंदर राखी (ETV Bharat)

दिव्यांग बच्चों ने बनाए 700 से अधिक राखी

बैतूल के अस्थिबाधित छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने वाले नन्हे बच्चों ने सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के लिए सुंदर राखियां बनाई हैं. बता दें कि ये बच्चे कई तरह के शारीरिक समस्याओं से जूझ रहें हैं, लेकिन इन्होंने सारी बधाओं के बावजूद अपना जज्बा दिखाया और सरहदों पर तैनात सैनिकों भाइयों के लिए प्यार का बंधन सूत्र राखियों को तैयार किया. छात्रावास में उपस्थित 27 बच्चों ने केवल 2 दिनों में ही 700 से अधिक सुंदर राखियां तैयार की है. सैनिकों के लिए राखियां तैयार कर ये बच्चे काफी खुश हैं.

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24 सालों से सैनिकों को राखी बांध रही मिशन की बहने

राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित बैतूल की गौरी बालापुरे पिछले 24 सालों से लगातार देश की सीमाओं पर जाकर सैनिकों को राखी बांध रही हैं. इनकी टीम राष्ट्र रक्षा मिशन में शहर की कई महिलाएं शामिल हैं. ये अब तक लगभग ढाई लाख सैनिकों को राखी बांध चुके हैं. इस साल राष्ट्र रक्षा मिशन राजस्थान की बाड़मेर सीमा पर रहेगा और वहां बीएसएफ जवानों के साथ राखी का पर्व मनाएगा. इस साल अस्थिबाधित बच्चों की बनाई हुई राखियां भी सैनिकों की कलाइयों पर सजेगी.

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