पाकुड़: खाद्य सुरक्षा की गारंटी का दावा पाकुड़ जिले में खासकर अंत्योदय के लाभुकों को चीनी दिलाने के मामले में झूठा साबित हो रहा है. राशनिंग व्यवस्था पर पदाधिकारियों का नियंत्रण नहीं रहने का ही नतीजा है कि लगभग साल भर से अंत्योदय योजना के लाभुको को मिलने वाली चीनी से भरी बोरियां सरकारी गोदाम में धूल फांक रही हैं. अंत्योदय योजना के लाभुको के साथ की गयी नाइंसाफी जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
अंत्योदय योजना के पीला कार्डधारियों को मिलने वाली चीनी गोदाम में बीते एक साल से शोभा की वस्तु क्यों बनी हुई है और इसके जिम्मेवार कौन है के मामले में आपूर्ति विभाग सहित जिला प्रशासन मौन धारन किए हुए है. हालांकि प्रभारी जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजीव कुमार यह जरूर कह रहे हैं कि मामले की जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही लाभुकों तक चीनी पहुंचाने का काम किया जायेगा.
अंत्योदय योजना के तहत चीनी के उठाव और वितरण का एक आश्चर्यजनक पहलू यह भी है कि कई राशन राशन डीलरों द्वारा ड्राफ्ट लगाने के बावजूद उन्हें प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और सहायक गोदाम प्रबंधक एक छटाक चीनी भी नहीं उपलब्ध करा पाये हैं. बीते एक साल से लाभुकों को मिलने वाली चीनी गोदाम में धुल फांकने को मजबूर है और लाभुक शासन प्रशासन की लापरवाही का रोना रो रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने समाज के अंतिम पायदान में रहने वाले लोगों को सरकारी दर पर एक एक किलो चीनी अंत्योदय योजना के तहत मुहैया कराने का फैसला लिया था. इस योजना के तहत पाकुड़ जिले के 19 हजार 606 अंत्योदय कार्डधारियों को चीनी मुहैया कराने के लिए आवंटन उपलब्ध कराया गया. गोदामों में चीनी पहुंची भी लेकिन यह चीनी राशन डीलरों तक नहीं पहुंच पाई. जिसके कारण लाभुक इस विशेष योजना से वंचित रह गए हैं.
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