बेमेतरा: बारूद फैक्ट्री हादसे के बाद बेमेतरा जिला दंडाधिकारी कार्यालय ने एक आदेश जारी कर हादसे के संबंध में न्यायिक जांच के आदेश दिए है. इस जांच के लिए बेरला के एसडीएम पिंकी मनहर को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. वहीं अब वाष्पयंत्र निरीक्षालय भी हरकत में आया है. फैक्ट्री में लगे तीन बॉयलर के लाइसेंस को निरस्त कर दिया है. अगले आदेश तक बॉयलर का उपयोग नहीं करने का आदेश जारी किया गया है. इसके अलावा कलेक्टर ने फैक्टरी में निर्माण कार्य व अन्य गतिविधियों पर भी रोक लगा दी है. इस दौरान कारखाना में उपलब्ध विस्फोटक पदार्थो की समुचित सुरक्षा का दायित्व कारखाना प्रबंधक की होगी.
मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपये देने की मांग: 25 मई की सुबह 8 बजे बोरसी-पिरदा स्थित बारूद फैक्ट्री में हादसा हो गया. जहां 8 लोग घायल हुए. 8 लापता है, 1 मजदूर की मौत हो गयी है. साय सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख और फैक्ट्री प्रबंधन ने 10 लाख रुपये देने का ऐलान किया है. मुआवजे से असंतुष्ट क्रांति सेना पार्टी और अंचल के ग्रामीण फैक्ट्री के बाहर तंबू गाडकर 4 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपये देने की मांग कर रहे हैं.
45 दिन में देनी होगी जांच रिपोर्ट: बेमेतरा कलेक्टर और जिला दंडाधिकारी के कार्यालय से जारी न्याययिक जांच के संबंध में आदेश में 4 बिन्दुओं में जांच करने के निर्देश दिए है. 45 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट देने की बात कही है.
- दुर्घटना विस्फोट के कारण
- फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा किये गए सुरक्षात्मक उपायों का परीक्षण, लाइसेंस, भंडारण, उपयोग का विवरण
- दुर्घटना विस्फोट के लिए त्रुटि या लापरवाही के लिए उत्तरदायित्व का निर्धारण
- कोई अन्य सुझाव या बिंदु जो जांच अधिकारी सम्मलित करना उचित समझे.