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एक ऐसा कुआं जो साल भर बुझाता है लोगों की प्यास, इसमें कभी नहीं सूखता पानी - Tapovan temple well

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 4, 2024, 9:22 AM IST

Updated : Jul 4, 2024, 3:24 PM IST

Tapovan temple well. रांची में एक ऐसा कुआं है, जो पूरे साल लोगों की प्यास बुझाता है. यह कुआं रांची के तपोवन मंदिर में स्थित है.

Tapovan temple well
तपोवन मंदिर स्थित कुआं (ईटीवी भारत)

रांची: पारंपरिक जलस्रोत हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं, इसका उदाहरण रांची का एक कुआं है. आम कुओं से अलग यह जलस्रोत साल भर लोगों की प्यास बुझाता है. इसका पानी गंगाजल जितना ही पवित्र है. शायद यही वजह है कि लोगों की आस्था इतनी है कि इसके जल के बिना ऐतिहासिक तपोवन मंदिर में रोजाना पूजा-अर्चना नहीं होती.

एक ऐसा कुआं जो साल भर बुझाता है लोगों की प्यास (ईटीवी भारत)

मंदिर के महंत ओमप्रकाश शरण कहते हैं कि यह बहुत प्राचीन कुआं है जो 300 साल से भी ज्यादा पुराना है. इसकी हर महीने सफाई होती है. ठाकुरजी को प्रतिदिन इसी जल से भोग तैयार किया जाता है. मंदिर का हर काम इसी जल से होता है.

आज तक नहीं सूखा है यह ऐतिहासिक कुआं

इस कुएं को लेकर कई प्राचीन मान्यताएं हैं. कुछ लोगों का मानना ​​है कि तपोवन मंदिर में आए महात्माओं ने इसका निर्माण करवाया था, जबकि कुछ का कहना है कि यह कुआं मंदिर के समय से ही है, जो सालों पुराना है. करीब 40 फीट गहरा यह कुआं आज तक नहीं सूखा है.

रामदास शरण बताते हैं कि इस कुएं में हमेशा करीब 2000 लीटर पानी रहता है. बारिश के दिनों में यह इससे भी ज्यादा होता है. सफाई के बाद आधे घंटे के अंदर कुएं में अपने आप पानी आ जाता है. इस कुएं के पानी का इस्तेमाल मंदिर परिसर में रहने वाले लोग ही नहीं बल्कि श्रद्धालु भी करते हैं. कुएं की खासियत यह है कि नीचे गाद नहीं है बल्कि पत्थर है जिसे सफाई के दौरान कपड़े से पोंछकर साफ किया जाता है. कुएं में पानी नीचे से नहीं बल्कि बगल से रिसता है. कुएं में कोई गिरे नहीं इसके लिए लोहे की जाली बनाई गई है.

यह भी पढ़ें: बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे गुलीयाटू गांव के बिरहोर, मदद को नहीं आया कोई आगे तो खुद ही खोद डाला कुआं - Water crisis in Guliyatu

यह भी पढ़ें: गर्मी में भाप बन गये नदी और तालाब, चापानल ने भी तोड़ा दम, फिर भी नहीं सूखा इस चुआं का पानी! जानें, क्या है वजह - Chuaan is boon for tribals

यह भी पढ़ें: खूंटी के इस गांव में गंदा पानी पीने को मजबूर हैं लोग, ग्राम सभा के फरमान ने बढ़ाई है इनकी परेशानी, जानिए क्या है माजरा - Problem of lohar community

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एक ऐसा कुआं जो साल भर बुझाता है लोगों की प्यास (ईटीवी भारत)

मंदिर के महंत ओमप्रकाश शरण कहते हैं कि यह बहुत प्राचीन कुआं है जो 300 साल से भी ज्यादा पुराना है. इसकी हर महीने सफाई होती है. ठाकुरजी को प्रतिदिन इसी जल से भोग तैयार किया जाता है. मंदिर का हर काम इसी जल से होता है.

आज तक नहीं सूखा है यह ऐतिहासिक कुआं

इस कुएं को लेकर कई प्राचीन मान्यताएं हैं. कुछ लोगों का मानना ​​है कि तपोवन मंदिर में आए महात्माओं ने इसका निर्माण करवाया था, जबकि कुछ का कहना है कि यह कुआं मंदिर के समय से ही है, जो सालों पुराना है. करीब 40 फीट गहरा यह कुआं आज तक नहीं सूखा है.

रामदास शरण बताते हैं कि इस कुएं में हमेशा करीब 2000 लीटर पानी रहता है. बारिश के दिनों में यह इससे भी ज्यादा होता है. सफाई के बाद आधे घंटे के अंदर कुएं में अपने आप पानी आ जाता है. इस कुएं के पानी का इस्तेमाल मंदिर परिसर में रहने वाले लोग ही नहीं बल्कि श्रद्धालु भी करते हैं. कुएं की खासियत यह है कि नीचे गाद नहीं है बल्कि पत्थर है जिसे सफाई के दौरान कपड़े से पोंछकर साफ किया जाता है. कुएं में पानी नीचे से नहीं बल्कि बगल से रिसता है. कुएं में कोई गिरे नहीं इसके लिए लोहे की जाली बनाई गई है.

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Last Updated : Jul 4, 2024, 3:24 PM IST
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