बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया है, जिसमें 2015 में भाजपा के पूर्व एमएलसी रजनीश कुमार और जदयू के विधायक संजीव कुमार को बरी कर दिया है. दोनों पर चुनाव के दौरान घड़ी बांटने का आरोप लगाया गया था. कोर्ट के इस फैसले के दौरान संजीव कुमार और रजनीश कुमार कोर्ट मे मौजूद थे.
घड़ी बांटने का लगा था आरोप: इस संबंध मे अधिवक्ता गोपाल कुमार ने बताया कि साल 2015 में तात्कालिक सांख्यिकी पदाधिकारी सत्येंद्र कुमार द्वारा बछवाड़ा में एक मामला दर्ज कराया गया था, जिसमें परबत्ता के विधायक संजीव कुमार और भारतीय जनता पार्टी के नेता रजनीश कुमार को मतदाताओं के बीच घड़ी बांटने के आरोप में पकड़ा था. जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट मे चार्जशिट दाखिल किया. इस मामले पर कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ. इस दौरान अभियोजन घटना को साबित करने में असमर्थ रहे. जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को इस मामले से बरी कर दिया.
आरोप को निराधार बताया: वहीं, इस संबंध मे रजनीश कुमार ने बताया कि यह आरोप निराधार था. आज उसी की जीत हुई है. उन्होंने बताया कि जो आरोप था वो निराधार था उसमे कोई दम नहीं था, इसलिए कोर्ट ने उन्हें बड़ी कर दिया. कहा कि मैं मानता हूं की अंततः न्याय की जीत होती है. इसलिए आज खुश हूं.
आज न्याय की जीत हुई: वहीं, इस संबंध मे परबत्ता के विधायक संजीव कुमार ने बताया कि यह न्याय की जीत हुई है. मेरे ऊपर गलत FIR दर्ज कराया गया था. राजनीतिक और सामाजिक जीवन में यह आम है. मेरे ऊपर गलत तरीके से FIR किया गया था, जिसमें कोई एविडेंस नहीं मिला. जिसके बाद कोर्ट ने मुझे बड़ी किया UW. इसके लिए मैं माननीय अदालत को धन्यवाद देता हूं. संजीव कुमार ने बताया कि यह मामला 9 सालों तक जरूर चला लेकिन अंततः उनकी जीत हुई.
"मेरे ऊपर गलत FIR दर्ज कराया गया था. राजनीतिक और सामाजिक जीवन में यह आम बात है. कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया है, जिसके लिए मैं माननीय अदालत को धन्यवाद कहता हूं." - संजीव कुमार - परबत्ता विधायक
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