इंदौर. जिले को बालभिक्षुक मुक्त बनाए जाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने विभिन्न विभागों के 7 संयुक्त दलों का गठन किया है. गठित दलों द्वारा लगातार इंदौर जिले के विभिन्न चौराहों और धार्मिक स्थलों पर बाल भिक्षावृत्ति (Child beggars) रोकथाम अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत अब तक 477 लोगों को भिक्षावृत्ति नहीं करने की समझाईश दी जा चुकी है और 13 बच्चों को अभिरक्षा में लिया गया है. वहीं भिक्षुकों की जानकारी देने वालों को 1 हजार रु के इनाम की घोषणा की गई है.
दोबारा भीख मांगी तो होगी कार्रवाई
जिला प्रशासन के दलों द्वारा भिक्षावृत्ति नहीं करने की समझाईश देने के साथ यह भी बताया गया है कि दोबारा भिक्षावृत्ति करते पाए जाने पर किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 और संशोधित अधिनियम 2021 की धारा 76 (1) के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में दोबारा पकड़े गए दोषियों को पांच वर्ष तक का कारावास और एक लाख रु का जुर्माना लगाया जाएगा.
शहर से भागने लगे भिखारी
प्रशासन की इस सख्ती और सजा का प्रावधान जानते ही भिखारियों की गैंग अचानक गायब हो गई हैं. प्रशासन ने जिन्हें पकड़ा है उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. बाल भिक्षा वृत्ति में लिप्त बच्चों की सूचना देने के लिए वॉट्सएप नंबर 9691729017 जारी किया गया है. इसके अलावा बाल भिक्षा वृत्ति की चौराहों पर निगरानी सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से भी की जाएगी.
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जानकारी देने पर ऐसे मिलेगा इनाम
इंदौर जिला प्रशासन ने इंदौर में भिक्षा वृत्ति में लगे बच्चों की जानकारी देने वाले नागरिकों को नगद 1000 इनाम देने की घोषणा की है. इसके लिए नागरिक वॉट्सएप नंबर 9691729017 के माध्यम से फोटो और लोकेशन सहित बाल भिक्षावृत्ति की जानकारी दे सकते हैं. जानकारी सही पाए जाने पर संबंधित नागरिक को एक हजार रु का इनाम भी दिया जाएगा. साथ ही एक से अधिक बार प्रमाणिक सूचना देने वाले नागरिकों को अलग से भी सम्मानित किया जाएगा. गौरतलब है कि अभी तक बच्चों से भिक्षा वृत्ति कराने पर तीन दोषियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.