लातेहारः पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में बीड़ी पत्ता की तुड़ाई पर पूरी तरह से रोक है, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर बीड़ी पत्ता तस्कर पीटीआर इलाके को बीड़ी पत्ता के अवैध कारोबार का अड्डा बना दिया है. बीड़ी पत्ता तस्करों के इस अवैध कारोबार से जंगल और जंगल में रहने वाले जीवों की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं.
बीड़ी पत्ता के तस्कर नियमों की उड़ा रहे हैं धज्जियां
दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में बीड़ी पत्ता की तुड़ाई को पूरी तरह प्रतिबंधित रखा गया है. वन विभाग का मानना है कि यदि संरक्षित जंगल में बीड़ी पत्ता तोड़ने के लिए लोगों का आवागमन होता तो इससे जंगली जानवरों की सुरक्षा पर खतरा हो सकता है. इसी करण संरक्षित पलामू टाइगर रिजर्व के जंगल में बीड़ी पत्ता के अलावे अन्य किसी भी प्रकार के पत्ता को तोड़ना प्रतिबंधित है. लेकिन बीड़ी पत्ता के तस्करों के द्वारा वन विभाग के इस नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. हालांकि सूचना मिलने के बाद वन विभाग के द्वारा बीड़ी पत्ता तस्करों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन इस अवैध कारोबार में होने वाले फायदे के लालच में बीड़ी पत्ता तस्कर छोटे-मोटे नुकसान सहने को तैयार रहते हैं.
घने जंगलों के बीच बसे गांव को बनाते हैं तस्करी का अड्डा
बीड़ी पत्ता तस्करों के द्वारा वन विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकते हुए घने जंगलों के बीच बसे गांव के आसपास अवैध बीड़ी पत्ता तस्करी का अड्डा बनाते हैं. सुरक्षित स्थान पर खलिहान लगाया जाता है और बीड़ी पत्ता की खरीदारी भी की जाती है. वर्तमान समय में पलामू टाइगर रिजर्व के छिपादोहर पूर्वी वन क्षेत्र के गुवा, मगरदाहा, शिवचरण टोला के अलावे हेहेगड़ा, कुमांडीह के आसपास के इलाकों में इस प्रकार का अवैध खलिहान लगाया गया है.
नक्सलियों का भय दिखाकर डराया जाता है ग्रामीणों को
बीड़ी पत्ता तस्करों के द्वारा इस अवैध कार्य में नक्सलियों और अपराधियों को भी पार्टनर रहने का भय दिखाकर ग्रामीणों को डराया जाता है. नक्सलियों और अपराधियों के डर से ग्रामीण इस अवैध कारोबार की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को भी देने से घबराते हैं. इसी का लाभ उठाकर बीड़ी पता तस्कर लाखों रुपये का अवैध कारोबार करते हैं.
जब इस संबंध में स्थानीय लोगों से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो ग्रामीण कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार करते रहे. सिर्फ बातचीत के दौरान यह कहा कि बीड़ी पत्ता की खरीद-बिक्री होने से आम ग्रामीणों को कोई नुकसान नहीं होता है. उल्टे कुछ ग्रामीण बीड़ी पत्ता तोड़ने के कार्य में मजदूरी कर कुछ पैसे भी कमा लेते हैं. विभाग को सूचना देने के संबंध में ग्रामीणों ने कहा कि सूचना देकर कोई भी दुश्मनी मोल लेना नहीं चाहता है.
वन विभाग ने बना रखा है कंट्रोल रूम ,गुप्त सूचना दे सकते हैं ग्रामीण
इधर, पलामू टाइगर रिजर्व के जंगल में बीड़ी पत्ता के अवैध कारोबार को रोकने के लिए विभाग ने सभी रेंज में कंट्रोल रूम बना रखा है. पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पी जेना का कहना है कि पलामू टाइगर रिजर्व में बीड़ी पत्ता तस्करी करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि सभी रेंज में कंट्रोल रूम बनाया गया है और वहां का नंबर भी सार्वजनिक किया गया है. कोई भी ग्रामीण संबंधित कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन कर सूचना दे सकते हैं. सूचना देने वाला का नाम पूरी तरह गुप्त रखा जाता है.
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