ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में भालू करते हैं मां की पूजा, पुजारी से मांगते हैं प्रसाद - Bear special connection Chang Devi

छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के चांग माता मंदिर में भालू हर दिन मां का आशीर्वाद लेने पहुंचता है. प्रसाद खाकर मंदिर परिसर में तकरीबन एक घंटे घूमने के बाद चला जाता है. ये सिलसिला पिछले एक माह से चलता आ रहा है. खास बात तो यह है कि यहां अब तक भालू ने किसी भक्त को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है.

Bear special connection Chang Devi Temple
चांग माता से भालू का खास कनेक्शन (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 17, 2024, 8:03 PM IST

भालू पुजारी से मांगते हैं प्रसाद (ETV Bharat)

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: दूरस्थ वनांचल क्षेत्र भरतपुर विकासखंड के भगवानपुर गांव में मां चांग देवी विराजमान हैं. मां के मंदिर में इन दिनों एक भालू आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. रोजाना सुबह और शाम के समय जंगल से निकलकर एक भालू प्रसाद खाने के लिए मंदिर पहुंचता है और प्रसाद खाने के बाद करीब एक घंटे तक मंदिर प्रांगण में घूमता है. इसके बाद वो वापस जंगल की ओर निकल जाता है. खास बात यह है कि भालू को देखने के लिए मां चांग देवी मंदिर में लोग भी जमा होते हैं, लेकिन अब तक भालू ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है.

हर दिन मंदिर आकर प्रसाद खाता है भालू: वैसे तो भालू का नाम जेहन में आते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन मां चांग देवी मंदिर में एक भालू सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. रोजाना सुबह-शाम जब भालू मंदिर में प्रसाद खाने के लिए पहुंचता है, तो उसे देखने के लिए लोग उसके काफी करीब तक पहुंच जाते हैं. हालांकि अब तक भालू ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है. भालू मजे से प्रसाद खाता है. उसके बाद मंदिर परिसर में विचरण कर वापस वह जंगल की ओर निकल जाता है.

श्रद्धालु भी भालू को खिलाते हैं प्रसाद: दरअसल, मां चांग देवी का मंदिर एमसीबी जिले से 110 किलोमीटर की दूरी पर है. ये मंदिर जंगल के किनारे भगवानपुर गांव में स्थित है. यहां देवी माता के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन यहां पहली बार आने वाले श्रद्धालु हैरान रह गए. जब जंगली जानवर भालू का परिवार मंदिर परिसर में पहुंचा तो वहीं यह दृश्य मंदिर में श्रद्धालुओं और जानवरों के बीच मित्रता की मिशाल पेश कर रहा है. अब तक भालू ने किसी को कोई क्षति नहीं पहुंचाया है. वहीं, श्रद्धालु भालू को प्रसाद खिलाते हैं.

भालू के लिए की गई है खास व्यवस्था: स्थानीय लोगों की मानें तो ये देवी मां का चमत्कार है. भालू इसी तरह मंदिर में देवी मां के दर्शन के लिए आता है और प्रसाद खाकर वापस चला जाता है. मंदिर परिसर में भालू का आना-जाना लगा रहता है. मंदिर समिति की तरफ से भी भालू के आने जाने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है.

बता दें कि बालंग राजा की कुलदेवी मां चांग देवी थी. माता के प्रति भक्तों की ऐसी आस्था है कि हर दिन यहां भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. खासकर नवरात्र के मौके पर यहां भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है. इन दिनों भालू का देवी मां के प्रति आस्था देखने के लिए भी भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.

MCB : बालंग राजा की कुलदेवी चांग माता के दर्शन करने उमड़ी भीड़
Mystery Of Chang Mata : भरतपुर की आराध्य देवी चांग माता का रहस्य, बालंद राजाओं की थी कुलदेवी
बालोद का गोंदली जलाशय 70 साल बाद हुआ खाली, मिले मंदिर के अवशेष - Balod Gondli reservoir empty

भालू पुजारी से मांगते हैं प्रसाद (ETV Bharat)

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: दूरस्थ वनांचल क्षेत्र भरतपुर विकासखंड के भगवानपुर गांव में मां चांग देवी विराजमान हैं. मां के मंदिर में इन दिनों एक भालू आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. रोजाना सुबह और शाम के समय जंगल से निकलकर एक भालू प्रसाद खाने के लिए मंदिर पहुंचता है और प्रसाद खाने के बाद करीब एक घंटे तक मंदिर प्रांगण में घूमता है. इसके बाद वो वापस जंगल की ओर निकल जाता है. खास बात यह है कि भालू को देखने के लिए मां चांग देवी मंदिर में लोग भी जमा होते हैं, लेकिन अब तक भालू ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है.

हर दिन मंदिर आकर प्रसाद खाता है भालू: वैसे तो भालू का नाम जेहन में आते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन मां चांग देवी मंदिर में एक भालू सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. रोजाना सुबह-शाम जब भालू मंदिर में प्रसाद खाने के लिए पहुंचता है, तो उसे देखने के लिए लोग उसके काफी करीब तक पहुंच जाते हैं. हालांकि अब तक भालू ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है. भालू मजे से प्रसाद खाता है. उसके बाद मंदिर परिसर में विचरण कर वापस वह जंगल की ओर निकल जाता है.

श्रद्धालु भी भालू को खिलाते हैं प्रसाद: दरअसल, मां चांग देवी का मंदिर एमसीबी जिले से 110 किलोमीटर की दूरी पर है. ये मंदिर जंगल के किनारे भगवानपुर गांव में स्थित है. यहां देवी माता के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन यहां पहली बार आने वाले श्रद्धालु हैरान रह गए. जब जंगली जानवर भालू का परिवार मंदिर परिसर में पहुंचा तो वहीं यह दृश्य मंदिर में श्रद्धालुओं और जानवरों के बीच मित्रता की मिशाल पेश कर रहा है. अब तक भालू ने किसी को कोई क्षति नहीं पहुंचाया है. वहीं, श्रद्धालु भालू को प्रसाद खिलाते हैं.

भालू के लिए की गई है खास व्यवस्था: स्थानीय लोगों की मानें तो ये देवी मां का चमत्कार है. भालू इसी तरह मंदिर में देवी मां के दर्शन के लिए आता है और प्रसाद खाकर वापस चला जाता है. मंदिर परिसर में भालू का आना-जाना लगा रहता है. मंदिर समिति की तरफ से भी भालू के आने जाने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है.

बता दें कि बालंग राजा की कुलदेवी मां चांग देवी थी. माता के प्रति भक्तों की ऐसी आस्था है कि हर दिन यहां भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. खासकर नवरात्र के मौके पर यहां भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है. इन दिनों भालू का देवी मां के प्रति आस्था देखने के लिए भी भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.

MCB : बालंग राजा की कुलदेवी चांग माता के दर्शन करने उमड़ी भीड़
Mystery Of Chang Mata : भरतपुर की आराध्य देवी चांग माता का रहस्य, बालंद राजाओं की थी कुलदेवी
बालोद का गोंदली जलाशय 70 साल बाद हुआ खाली, मिले मंदिर के अवशेष - Balod Gondli reservoir empty
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.