कांकेर: मरवाही के बाद कांकेर जिले में भालुओं की संख्या सबसे ज्यादा है. आए दिन भालू खाने के तलाश में गांव और शहरों में घुस रहे हैं. जंगल से सटे इलाकों में तो भालुओं की इतनी दहशत है कि लोग रात के वक्त भी घरों की खिड़कियां बंद रखते हैं. कांकेर का नथियानवा गांव पर्यटकों के घूमने के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है. बड़ी संख्या में यहां पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. यहां बने रिसोर्ट में रुककर प्रकृति का आनंद लेते हैं. इसी रिसोर्ट के बाहर लगे सीसीटीवी में एक भालू चहलकदमी करता कैद हुआ है.
होटल के किचन में घुसा भालू, चट कर गया पूरा खाना: होटल के बाहर लगे सीसीटीवी में कैद भालू पहले होटल के पास काफी देर तक घूमता रहता है. थोड़ी देर बाद वो खाने की तलाश में होटल के भीतर घुस जाता है. जिस वक्त भालू होटल में घुसा उस वक्त रात थी. भालू बेरोक टोक होटल के भीतर जाता है और बंद किचन के दरवाजे को तोड़ देता है. किचन में काफी मात्रा में खाना रखा होता है जिसे भालू चट कर जाता है. पेट भरने के बाद भालू बड़े ही आराम से वहां से निकलकर जंगल की ओर चला जाता है.
जंगल में पानी और खाने की बढ़ रही किल्लत: तेजी से कम होते जंगलों के चलते अब भालुओं को वहां खाना नहीं मिल रहा है. पानी की भी जंगल में दिक्कत है. जंगल में जो भी पानी स्रोत हैं वो लगातार कम हो रहे हैं. वन विभाग की टीम लगातार कोशिश कर रही है कि जंगली जानवर जंगल से बाहर नहीं निकलें. पर खाने और पानी की तलाश में भालू आए दिन रिहायशी इलाकों का रुख करने पर मजबूर हैं.
भालुओं के लिए चलाया गया है जामवंत परियोजना: भालुओं को खाना पानी मुहैया कराने और उनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग ने जामवंत परियोजना शुरु की है. जामवंत परियोजना के तहत जंगलों में फलदार पेड़ लगाए जा रहे हैं. वन विभाग की कोशिश है कि फलदार पेड़ होने से खाने पीने की दिक्कत इनको नहीं होगी. परियोजना के शुरु हुए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं. जो फलदार पौधे लगाए गए हैं वो भी फल नहीं दे रहे हैं. ऐसे में भूखे जानवर रिहायशी इलाकों में खाने की तलाश करने पहुंच रहे हैं.