कांकेर: दुधावा क्षेत्र के लोग इन दिनों भालू से परेशान है.भालू भी कोई ऐसा वैसा नहीं है.बल्कि बाहुबली की तर्ज पर दुकानों के शटर तोड़ रहा है.बस स्टैंड के पास बनीं दुकानों पर भालू का सबसे ज्यादा प्रकोप देखने को मिल रहा है.
क्यों शटर तोड़ रहा है भालू : बस स्टैंड की दुकानों के अंदर बड़ी मात्रा में गुड़ स्टोर करके रखा हुआ है.जिसकी महक रोज रात को भालू को अपनी ओर खींचती है. भालू भी गुड़ के लालच में आता है लेकिन दोनों के बीच लोहे की मजबूत शटर आ जाती है.इसलिए गुड़ ना मिलने से भालू शटर पर ही अपना पूरा गुस्सा निकालकर वापस लौट जाता है.
'' दुधावा बस स्टैंड में एक दुकान के शटर को भालू ने दो से अधिक बार तोड़ा है. दुकान में गुड़ रखा हुआ है. जिसे खाने के लालच में भालू दुकान का शटर तोड़ता है. इससे पहले भी भालू ने शटर तोड़ा था. जिसे मरम्मत कराया गया था. लेकिन फिर एक बार भालू का गुस्सा शटर को सहना पड़ा है.जिसके बाद बस स्टैंड के व्यापारियों में दहशत का माहौल है.'' दीनू यादव, स्थानीय
दुधावा के अलावा कांकेर शहर के लोग भी भालू से परेशान है.क्योंकि भालू रात के अंधेरे के बजाय शाम 4 बजे ही घूम रहा है. लोगों के मुताबिक दिन में भालुओं का आना अब आम बात हो गई है. नगर के अलग-अलग इलाकों में इन्हें देखा जा रहा है. खाने की तलाश में जंगल के ये जीव आबादी क्षेत्र की ओर आ रहे हैं.वहीं रात के अंधेरे में सूनी पड़ी दुकानों और घरों को अपना निशाना बना रहे हैं.
जामवंत योजना हुई फेल : कांकेर नगर के आसपास शिवनगर-ठेलकाबोड के पहाड़ियों में भालुओं का रहवास बनाया गया था. 2014-2015 में 30 हजार हेक्टेयर भूमि में वन विभाग ने भालू विचरण के लिए तैयार किया. इस परियोजना के तहत अमरूद,बेर,जामुन जैसे फलदार वृक्ष लगाए गए थे.लेकिन जंगल में फलदार पौधों ने फल नहीं दिए.जिसके कारण अब भालू शहर की ओर खाने की तलाश में आ रहे हैं. रिहायशी क्षेत्रों में भालुओं के आने से लोगों में दहशत का माहौल है.