पटना: पिछले शीतकालीन सत्र में संसद द्वारा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के महत्वपूर्ण कानून पारित किए गए. केंद्र सरकार द्वारा ये कानून पारित किये जाने को बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई ) ने दंडिक न्याय प्रणाली को अधिक सुलभ, सरल और नागरिक केंद्रित बताते हुए स्वागत किया है.
बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया ने नए कानून का किया स्वागत: बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने कहा कि इन अधिनियमों में आधुनिक तकनीक, फोरेंसिक और विज्ञान के अधिकाधिक प्रयोग से आपराधिक मामलों की जांच की गुणवत्ता में न सिर्फ सुधार होगा, बल्कि न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी. इसके फलस्वरूप दोषसिद्धि दर में बढ़ोतरी होगी व देश मे शांति व्यवस्था कायम करने में भी मदद मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जताया आभार: देश के वकीलों की सर्वोच्च संस्था बीसीआई ने इस इस पुनीत कार्य के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह की सराहना की. उन्होंने कहा है कि इस पहल से ब्रिटिश शासन के जनविरोधी कॉलेजियम कानूनों से जनता को छुटकारा मिल सकेगा. बीसीआई ने बार एसोसिएशन के जरिये वकीलों को प्रशिक्षण देकर इन नए कानूनों व प्रक्रियाओं से अवगत कराने का निर्णय भी लिया है.
वकीलों को जागरूक करने का निर्देश : राज्य काउंसिलों को पत्र लिखकर वकीलों को जागरूक करने का निर्देश भी बीसीआई ने दिया है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो व संबंधित संस्थाओं से भी प्रशिक्षण में मदद का आग्रह किया गया है. साथ ही साथ बीसीआई ने जनहित में उठाये गए इन कदमों में समर्थन और बार एसोसिएशन में क्रमबद्ध तरीके से कौशल विकास के लिए रोड मैप तैयार करने का निर्णय लिया गया है.
कानूनी शिक्षा के पाठ्यक्रम में जल्द ही जरूरी संशोधन: इसमें कॉउंसिल के पदाधिकारी, राज्य बार कॉउंसिल के अध्यक्ष, कुछ पूर्व जज व जाने माने कानूनी शिक्षाविद शामिल किए जाएंगे. इतना ही नहीं, बीसीआई ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को भी इस संबंध में निर्देश जारी करने का निर्णय लिया है, ताकि विधि शिक्षा से जुड़े सभी शिक्षक और विधार्थी नए कानूनों से अवगत हो सकें. इसको लेकर बीसीआई जल्द ही देश के कानूनी शिक्षा के पाठ्यक्रम में जल्द ही जरूरी संशोधन करेगी.
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