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अब बीबीएमबी की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी CISF, 4 दशकों तक हिमाचल पुलिस के पास थी जिम्मेवारी - BBMB Security in Himachal

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

BBMB Security: बीबीएमबी की सुरक्षा रविवार से CISF को हैंडओवर कर दी गई है. केंद्र सरकार ने सुरक्षा को कड़ा करने के लिए यह फैसला लिया है. डिटेल में पढ़ें खबर...

BBMB SECURITY HANDOVER TO CIS
बीबीएमबी प्रोजेक्ट (फाइल फोटो)

मंडी: हिमाचल पुलिस द्वारा चार दशकों तक प्रदेश में बीबीएमबी के पावर प्रोजेक्टों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने के बाद अब सुरक्षा की कमान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बलों के हवाले रहेगी. बीबीएमबी के प्रोजेक्ट में सुरक्षा की कमान सीआईएसएफ संभालती हुई नजर आएगी.

केंद्र सरकार के द्वारा सुरक्षा को और कड़ा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन परियोजनाओं की सुरक्षा व्यवस्था संभालने को लेकर सीआईएसएफ को तैनात करने के आदेश दिये हैं. इसके बाद सीआईएसएफ ने बीएसएल परियोजना प्रबंधन को सुरक्षा विंग के 235 पदों के लिए प्रति व्यक्ति 2 लाख 65 हजार 500 रुपए के हिसाब से 6 करोड़ 23 लाख, 92 हजार 500 रुपए सुरक्षा जमा राशि के रूप में जमा करवाने के साथ ही बीएसएल परियोजना में बल की तैनाती और जवानों के लिए आवास (परिवार और एकल), परिवहन, संचार उपकरण, सुरक्षा गैजेट सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने को कहा था.

कार्रवाई पूरी होने के बाद परियोजना की सुरक्षा रविवार 29 सितंबर को सीआईएसएफ की बीबीएमबी यूनिट को बीएसएल स्कूल सुंदरनगर में एक भव्य इंडक्शन समारोह के बाद सौंपी जायेगी.

मंडी के पंडोह से लेकर नंगल तक सीआईएसएफ के जिम्मे सुरक्षा

सीआईएसएफ बल आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए मंडी के पंडोह डैम से लेकर नंगल डैम तक सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ संभालती हुई नजर आएगी. इसमें पंडोह डैम, बग्गी टनल, बग्गी से सुंदरनगर तक टेल कंट्रोल, ड्रेजर, जलाशय से लेकर पुंघ टनल और सलापड़ में पावर हाउस व नंगल डैम शामिल हैं.

बता दें कि 990 मेगावाट की बीएसएल परियोजना के सलापड़ स्थित पावर हाउस में बिजली बनाने के लिए टरबाइनों तक ब्यास नदी का पानी पहुंचाया जाता है. इसके लिए पंडोह में ब्यास नदी पर बांध बनाया गया है जहां से बग्गी तक 12 किलोमीटर भूमिगत टनलों के माध्यम से और वहां से 13 किलोमीटर लंबी खुली नहर के माध्यम से सुंदरनगर जलाशय तक ब्यास नदी का पानी पहुंचता है.

यहां जलाशय में पानी का भंडारण करने के बाद मांग अनुसार पानी सलापड़ में डेहर पावर हाउस तक पहुंचाने के लिए 13 किलोमीटर लंबी टनल बनाई गई है. डैहर से यह पानी सीधे नंगल डैम के लिए भेज दिया जाता है.

बीबीएमबी मुख्य अभियंता ई. अरुण सिदाना ने बताया "बीएसएल परियोजना की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार अब सीआईएसएफ देखेगी. रविवार 29 सितंबर यानी आज से सीआईएसएफ विधिवत तौर पर सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी."

ये भी पढ़ें: केंद्र से मिली 66 परियोजनाओं को एफसीए क्लीयरेंस, विकास कार्यों में आएगी तेजी

मंडी: हिमाचल पुलिस द्वारा चार दशकों तक प्रदेश में बीबीएमबी के पावर प्रोजेक्टों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने के बाद अब सुरक्षा की कमान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बलों के हवाले रहेगी. बीबीएमबी के प्रोजेक्ट में सुरक्षा की कमान सीआईएसएफ संभालती हुई नजर आएगी.

केंद्र सरकार के द्वारा सुरक्षा को और कड़ा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन परियोजनाओं की सुरक्षा व्यवस्था संभालने को लेकर सीआईएसएफ को तैनात करने के आदेश दिये हैं. इसके बाद सीआईएसएफ ने बीएसएल परियोजना प्रबंधन को सुरक्षा विंग के 235 पदों के लिए प्रति व्यक्ति 2 लाख 65 हजार 500 रुपए के हिसाब से 6 करोड़ 23 लाख, 92 हजार 500 रुपए सुरक्षा जमा राशि के रूप में जमा करवाने के साथ ही बीएसएल परियोजना में बल की तैनाती और जवानों के लिए आवास (परिवार और एकल), परिवहन, संचार उपकरण, सुरक्षा गैजेट सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने को कहा था.

कार्रवाई पूरी होने के बाद परियोजना की सुरक्षा रविवार 29 सितंबर को सीआईएसएफ की बीबीएमबी यूनिट को बीएसएल स्कूल सुंदरनगर में एक भव्य इंडक्शन समारोह के बाद सौंपी जायेगी.

मंडी के पंडोह से लेकर नंगल तक सीआईएसएफ के जिम्मे सुरक्षा

सीआईएसएफ बल आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए मंडी के पंडोह डैम से लेकर नंगल डैम तक सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ संभालती हुई नजर आएगी. इसमें पंडोह डैम, बग्गी टनल, बग्गी से सुंदरनगर तक टेल कंट्रोल, ड्रेजर, जलाशय से लेकर पुंघ टनल और सलापड़ में पावर हाउस व नंगल डैम शामिल हैं.

बता दें कि 990 मेगावाट की बीएसएल परियोजना के सलापड़ स्थित पावर हाउस में बिजली बनाने के लिए टरबाइनों तक ब्यास नदी का पानी पहुंचाया जाता है. इसके लिए पंडोह में ब्यास नदी पर बांध बनाया गया है जहां से बग्गी तक 12 किलोमीटर भूमिगत टनलों के माध्यम से और वहां से 13 किलोमीटर लंबी खुली नहर के माध्यम से सुंदरनगर जलाशय तक ब्यास नदी का पानी पहुंचता है.

यहां जलाशय में पानी का भंडारण करने के बाद मांग अनुसार पानी सलापड़ में डेहर पावर हाउस तक पहुंचाने के लिए 13 किलोमीटर लंबी टनल बनाई गई है. डैहर से यह पानी सीधे नंगल डैम के लिए भेज दिया जाता है.

बीबीएमबी मुख्य अभियंता ई. अरुण सिदाना ने बताया "बीएसएल परियोजना की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार अब सीआईएसएफ देखेगी. रविवार 29 सितंबर यानी आज से सीआईएसएफ विधिवत तौर पर सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी."

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