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विधानसभा में गूंजा भरतपुर-धौलपुर के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा

बयाना विधायक डॉ. ऋतु बनावत ने विधानसभा में ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाटों का मुद्दा उठाया.

विधानसभा में गूंजा
विधानसभा में गूंजा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 23, 2024, 8:22 PM IST

विधानसभा में गूंजा जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा

भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाटों का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा में भी गूंजा. बयाना विधायक डॉ. ऋतु बनावत ने विधानसभा में आसन पर बैठे स्पीकर वासुदेव देवनानी के समक्ष विशेष उल्लेख प्रस्ताव के तहत भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र में ओबीसी की अधिकृत सूची में शामिल करने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट भी जाट समाज के फेवर में है. वहीं मंगलवार को आंदोलन संघर्ष समिति के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ भी वार्ता प्रस्तावित है. आरक्षण की मांग को लेकर दोनों जिलों का जाट समाज बीते एक सप्ताह से जयचोली गांव में महापड़ाव डाले हुए है.

सरकार आरक्षण देने में भेदभाव नहीं कर सकती : विधानसभा में डॉ. ऋतु बनावत ने कहा कि "माननीय मुख्यमंत्री का ध्यान भरतपुर-धौलपुर जिले की जाट जाति को केंद्र की अन्य पिछड़ा वर्ग की अधिकृत सूची में शामिल करने की ओर आकर्षित करना चाहती हूं. केंद्र में आरक्षण नहीं मिलने के कारण भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाट समाज के लोगों, युवाओं को केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाट समाज की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों के जाट समाज की तरह ही है. ऐसे में भौगोलिक आधार पर सरकार आरक्षण देने में भेदभाव नहीं कर सकती, जबकि राज्य सरकार की अधिसूचना क्रमांक 48225 दिनांक 23-8-2017 द्वारा भरतपुर-धौलपुर जिले की जाट जाति को राज्य में ओबीसी की अधिकृत सूची क्रमांक 54 में शामिल किया गया है, ऐसे में राजस्थान राज्य ओबीसी आयोग की रिपोर्ट 2017 के आधार पर दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में भी ओबीसी सूची में शामिल कराने की अग्रिम कार्रवाई कराने का श्रम करें".

इसे भी पढ़ें-विधानसभा में डोटासरा ने सरकार पर जमकर साधा निशाना, जानिए क्या कहा वसुंधरा के बारे में

झील का बाड़ा तीर्थ क्षेत्र के विकास की मांग : डॉ. ऋतु बनावत ने बयाना विधानसभा क्षेत्र में आने वाले भरतपुर जिले के सबसे बड़े आस्थाधाम शक्तिपीठ श्री कैलादेवी झील का बाड़ा तीर्थ क्षेत्र का विकास कराने की भी मांग उठाई. विधायक ने सदन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के शहरों, कस्बों और गांवों में शौचालय बनवाकर आमजन को स्वच्छता के प्रति आमजन को जागरूक कर रहे हैं, लेकिन जिले का सबसे बड़ा मंदिर होने के बावजूद कैलादेवी झील का बाड़ा में श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं की, जबकि इस मंदिर पर राजस्थान के विभिन्न जिलों के साथ ही उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं और यहां साल में दो बार लक्खी मेला भी लगता है.

जाट समाज का महापड़ाव : गौरतलब है कि केंद्र में ओबीसी आरक्षण मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज के लोग 17 जनवरी से जयचोली गांव में महापड़ाव डाले हुए हैं. जाट समाज की तीन सूत्री मांग हैं, इनमें दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मिले. समाज के 56 युवाओं को चयन के बावजूद अब तक शिक्षक, शारीरिक शिक्षक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है, उन्हें नियुक्ति दी जाए. वर्ष 2017 के आंदोलन के दौरान समाज के युवाओं और लोगों के खिलाफ जो पुलिस में मामले दर्ज हुए, उन्हें हटाया जाए. इस संबंध में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की सोमवार को सरकार के साथ पहले दौर की सकारात्मक वार्ता हुई है, अब मुख्यमंत्री के साथ वार्ता प्रस्तावित है.

विधानसभा में गूंजा जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा

भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाटों का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा में भी गूंजा. बयाना विधायक डॉ. ऋतु बनावत ने विधानसभा में आसन पर बैठे स्पीकर वासुदेव देवनानी के समक्ष विशेष उल्लेख प्रस्ताव के तहत भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र में ओबीसी की अधिकृत सूची में शामिल करने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट भी जाट समाज के फेवर में है. वहीं मंगलवार को आंदोलन संघर्ष समिति के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ भी वार्ता प्रस्तावित है. आरक्षण की मांग को लेकर दोनों जिलों का जाट समाज बीते एक सप्ताह से जयचोली गांव में महापड़ाव डाले हुए है.

सरकार आरक्षण देने में भेदभाव नहीं कर सकती : विधानसभा में डॉ. ऋतु बनावत ने कहा कि "माननीय मुख्यमंत्री का ध्यान भरतपुर-धौलपुर जिले की जाट जाति को केंद्र की अन्य पिछड़ा वर्ग की अधिकृत सूची में शामिल करने की ओर आकर्षित करना चाहती हूं. केंद्र में आरक्षण नहीं मिलने के कारण भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाट समाज के लोगों, युवाओं को केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाट समाज की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों के जाट समाज की तरह ही है. ऐसे में भौगोलिक आधार पर सरकार आरक्षण देने में भेदभाव नहीं कर सकती, जबकि राज्य सरकार की अधिसूचना क्रमांक 48225 दिनांक 23-8-2017 द्वारा भरतपुर-धौलपुर जिले की जाट जाति को राज्य में ओबीसी की अधिकृत सूची क्रमांक 54 में शामिल किया गया है, ऐसे में राजस्थान राज्य ओबीसी आयोग की रिपोर्ट 2017 के आधार पर दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में भी ओबीसी सूची में शामिल कराने की अग्रिम कार्रवाई कराने का श्रम करें".

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झील का बाड़ा तीर्थ क्षेत्र के विकास की मांग : डॉ. ऋतु बनावत ने बयाना विधानसभा क्षेत्र में आने वाले भरतपुर जिले के सबसे बड़े आस्थाधाम शक्तिपीठ श्री कैलादेवी झील का बाड़ा तीर्थ क्षेत्र का विकास कराने की भी मांग उठाई. विधायक ने सदन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के शहरों, कस्बों और गांवों में शौचालय बनवाकर आमजन को स्वच्छता के प्रति आमजन को जागरूक कर रहे हैं, लेकिन जिले का सबसे बड़ा मंदिर होने के बावजूद कैलादेवी झील का बाड़ा में श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं की, जबकि इस मंदिर पर राजस्थान के विभिन्न जिलों के साथ ही उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं और यहां साल में दो बार लक्खी मेला भी लगता है.

जाट समाज का महापड़ाव : गौरतलब है कि केंद्र में ओबीसी आरक्षण मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज के लोग 17 जनवरी से जयचोली गांव में महापड़ाव डाले हुए हैं. जाट समाज की तीन सूत्री मांग हैं, इनमें दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मिले. समाज के 56 युवाओं को चयन के बावजूद अब तक शिक्षक, शारीरिक शिक्षक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है, उन्हें नियुक्ति दी जाए. वर्ष 2017 के आंदोलन के दौरान समाज के युवाओं और लोगों के खिलाफ जो पुलिस में मामले दर्ज हुए, उन्हें हटाया जाए. इस संबंध में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की सोमवार को सरकार के साथ पहले दौर की सकारात्मक वार्ता हुई है, अब मुख्यमंत्री के साथ वार्ता प्रस्तावित है.

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