बक्सर: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 की नजदीकियां बढ़ रही हैं, वैसे- वैसे बक्सर लोकसभा सीट पर दावेदारों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. एनडीए और इंडिया गठबंधन के अब तक दो दर्जन दावेदारों ने इस लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है. वहीं बहुजन समाज पार्टी एवं निर्दलीय दावेदारों की एक लंबी सूची को देख पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भी बगावत की डर से चुप्पी साध ली है. कार्यकर्ता इस बात को लेकर परेशान हैं कि किसके किसके नाम पर मतदाताओं को गोलबंद किया जाए.
एक अनार दो दर्जन बीमार: केवल बक्सर लोकसभा सीट पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के दावेदारों की सूची में वर्तमान सांसद सह केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह, असम कैडर के आईपीएस आनंद मिश्रा, वर्तमान सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजित कुमार सिंह, पटना के मशहूर चिकित्सक मनोज पांडेय, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री ददन पहलवान, मशहूर बिल्डर अनिल सिंह, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह, रानी चौबे, सुमित सिंह, के अलावे दर्जनों नेताओं ने बैनर पोस्टर लगाकर खुद को प्रबल दावेदार बताया है.
'अपना सर्वस्व त्याग कर आया हूं'- आनंद मिश्रा: बता दें कि आईपीएस आनंद मिश्रा ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया है. उन्होंने लिखा है कि विकास का कोई विकल्प नहीं. काम होगा, सिर्फ़ संकल्प नहीं. साथ ही उन्होंने अपना फोन नंबर भी जारी करते हुए कहा कि शाहाबाद क्षेत्र के पूर्ण उत्थान के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर आया हूं.
बीजेपी के शीर्ष नेता कर चुके हैं बगावत: भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान सांसद अश्विनी कुमार चौबे के खिलाफ पार्टी के शीर्ष नेताओं ने पहले ही बगावत कर पार्टी के कार्यकर्ताओं को दो गुटों में बांट दिया है. वर्तमान सांसद का विरोध करने वाले पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह, निवर्तमान जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर, केदार तिवारी , सच्चिदानन्द भगत, प्रियव्रत सिंह जैसे कदावर नेता शामिल हैं.
पार्टी के अंदर बढ़ते बगावत को रोकने के लिए प्रदेश के नेताओं ने माधुरी कुंवर और राणा प्रताप सिंह को पार्टी से निकाल दिया. उसके बाद भी बीजेपी के तले ये दोनों नेता अलग कार्यक्रम कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.
राजद ने साधी चुप्पी: वहीं बक्सर लोकसभा सीट पर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टचार्य ने पहले ही बक्सर बक्सर लोकसभा सीट को लालझंडे का गढ़ बताकर अपनी दावेदारी पेश कर दी है. इधर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर वर्तमान विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, सत्येंद्र ओझा ने बक्सर लोकसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ बताकर अपनी दावेदारी पेश की है. वहीं राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह और राजद विधायक सुधाकर सिंह का भी नाम पार्टी के नेताओं ने आगे कर गठबंधन के गांठ को ढीला कर दिया है. भीतरघात के डर से कोई भी नेता कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है.
क्या कहते हैं कांग्रेस विधायक: बक्सर लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश करते हुए कांग्रेस के विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि यदि मैं बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा तो एनडीए के वर्तमान सांसद और हमारे बाबा अश्विनी कुमार चौबे को बारह बजे दिन में झोला उठाकर भागलपुर जाना पड़ेगा. यह लोकसभा सीट कांग्रेस की जन्मजात सीट है.
"90 के दशक के बाद जब कांग्रेस का गठबंधन कुछ कमजोर हुआ तो राजद के नेता यहां से पांच बार चुनाव लड़े. एक बार मात्र दो हजार दो सौ वोट से चुनाव 2009 में जीते हैं, जबकि चार बार हार हुई है. अपनी ताकत देख चुके हैं और कांग्रेस इस बार हर हाल में चुनाव लड़ेगी."- संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, कांग्रेस विधायक
ब्राह्मण बहुल मानी जाती है सीट: गौरतलब है कि एनडीए और इंडिया गठबंधन के अलावे, बहुजन समाज पार्टी के नेता मशहूर बिल्डर अनिल सिंह , ददन पहलवान समेत दर्जनों नेता लगातार लोकसभा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर दोनों गठबंधन के नेताओं की चिंता बढ़ा दी है. बक्सर लोकसभा सीट को ब्राह्मण बहुल माना जाता है. बीजेपी के 6 प्रत्याशियों ने यहां से जीत दर्ज की है.
अश्विनी चौबे हैं सांसद: फिलहाल बक्सर लोकसभा सीट से बीजेपी के अश्विनी चौबे सांसद हैं और केंद्र सरकार में मंत्री हैं. अश्विनी चौबे से पहले बीजेपी के ही लाल मुनी चौबे चार बार लगातार सांसद रह चुके हैं.
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