ETV Bharat / state

बस्तर राजपरिवार ने निभाई राजा दियारी परंपरा, दिवाली में बाजार करने निकलते हैं सदस्य

बस्तर राजपरिवार ने दिवाली के दौरान पुरातन काल से चली आ रही परंपरा राजा दियारी का निर्वहन किया.

Raja Diyari
बस्तर राजपरिवार ने निभाई राजा दियारी परंपरा (ETV Bharat Chhattisgarh)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

बस्तर : पूरे भारत देश में आज दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में दिवाली बाजार सज चुका है. बस्तर के आदिवासी अपने पालतू मवेशियों को नए फसल का खिचड़ी खिलाकर इस उत्सव को मनाते हैं. जिसे दियारी कहा जाता है. दरअसल भगवान राम के वापस आने और समुद्र मंथन में देवी लक्ष्मी के प्रकट होने की तिथि के दिन दिवाली मनाने की परंपरा है. इस परंपरा का निर्वहन राज परिवार भी करता है.इसीलिए बस्तर के आदिवासी दिवाली को राजा दियारी कहते हैं.

क्या है राजा दियारी परंपरा : राजा दियारी के दिन राजा अपने राजमहल से पैदल निकलकर शहर के संजय मार्केट और गोल बाजार का चक्कर लगाते हैं. स्थानीय आदिवासियों के हाथों से बने दिये, टोरा का तेल, कपास, फूल, लाई, चिवड़ा, गुड़िया खाजा जैसे कई सामानों की खरीदी करते हैं. जिसे आदिवासी अपने हाथों से तैयार करते है. आदिवासी अपने खेतों में फसल उगाकर जो सामान तैयार करते हैं वो भी बेचने के लिए बाजार में आते हैं.राजा दो से तीन घंटे पूरे बाजार में घूमकर वापस राजमहल में जाते हैं और दीवाली का त्योहार मनाते हैं.

Raja Diyari
कुम्हार से दिया खरीदते कमलचंद भंजदेव (ETV Bharat Chhattisgarh)
Raja Diyari
राजपरिवार पैदल घूमकर करता है खरीदारी (ETV Bharat Chhattisgarh)

खरीदी के दौरान राजा को स्थानीय आदिवासी अपने हाथों से गूंथे फूल माला पहनाकर स्वागत करते हैं. इस परंपरा को आज बस्तर राजपरिवार सदस्य कमलचंद ने बखूबी निभाया. बस्तर राजपरिवार सदस्य कमलचंद भंजदेव ने बताया कि राजपरिवार के इतिहास के समय से ही जगदलपुर में बाजार बैठता था. पूर्वज यहां उपस्थित होकर सामग्री खरीदी करके दीवाली मनाते आए हैं.

Raja Diyari
दिवाली के बाजार में जाकर करते हैं खरीदारी (ETV Bharat Chhattisgarh)
बस्तर राजपरिवार ने निभाई राजा दियारी परंपरा (ETV Bharat Chhattisgarh)

पूर्वजों की परंपरा का निर्वहन लंबे समय से करते आया हूं. पूरा मार्केट घूमकर कुम्हारों से दीया और अन्य मिट्टी की आकृति की खरीदी की गई. इसके अलावा पनारीन के गूंथे गए फूल माला की खरीदी की गई. इसी माला को मैंने पहना है- कमल भंजदेव, सदस्य, बस्तर राजपरिवार

इसके पीछे का उद्देश्य यह है कि स्थानीय लोगों के हाथों से बने सामग्री की खरीदी को प्रोत्साहन मिले. ताकि स्थानीय आदिवासियों के जेब मे पैसा आए. जिससे उनका दिवाली अच्छा हो. इसके अलावा अपील करते हुए कहा कि सभी को स्थानीय लोगों से द्वारा निर्मित फूलमाला, दीया, कलाकृति, मिठाई, बतासा की खरीदी करें.

दीपावली में पटाखे जलाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, सुरक्षित तरीके से मनाएं त्यौहार

धनतेरस पर जरूर खरीदें ये तीन चीजें, घर में विराजमान हो जाएंगे धन के देवता कुबेर

राम जी के ननिहाल कौशल्या धाम में कल मनेगी दिवाली, जानिए क्या कहते हैं पुजारी

बस्तर : पूरे भारत देश में आज दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में दिवाली बाजार सज चुका है. बस्तर के आदिवासी अपने पालतू मवेशियों को नए फसल का खिचड़ी खिलाकर इस उत्सव को मनाते हैं. जिसे दियारी कहा जाता है. दरअसल भगवान राम के वापस आने और समुद्र मंथन में देवी लक्ष्मी के प्रकट होने की तिथि के दिन दिवाली मनाने की परंपरा है. इस परंपरा का निर्वहन राज परिवार भी करता है.इसीलिए बस्तर के आदिवासी दिवाली को राजा दियारी कहते हैं.

क्या है राजा दियारी परंपरा : राजा दियारी के दिन राजा अपने राजमहल से पैदल निकलकर शहर के संजय मार्केट और गोल बाजार का चक्कर लगाते हैं. स्थानीय आदिवासियों के हाथों से बने दिये, टोरा का तेल, कपास, फूल, लाई, चिवड़ा, गुड़िया खाजा जैसे कई सामानों की खरीदी करते हैं. जिसे आदिवासी अपने हाथों से तैयार करते है. आदिवासी अपने खेतों में फसल उगाकर जो सामान तैयार करते हैं वो भी बेचने के लिए बाजार में आते हैं.राजा दो से तीन घंटे पूरे बाजार में घूमकर वापस राजमहल में जाते हैं और दीवाली का त्योहार मनाते हैं.

Raja Diyari
कुम्हार से दिया खरीदते कमलचंद भंजदेव (ETV Bharat Chhattisgarh)
Raja Diyari
राजपरिवार पैदल घूमकर करता है खरीदारी (ETV Bharat Chhattisgarh)

खरीदी के दौरान राजा को स्थानीय आदिवासी अपने हाथों से गूंथे फूल माला पहनाकर स्वागत करते हैं. इस परंपरा को आज बस्तर राजपरिवार सदस्य कमलचंद ने बखूबी निभाया. बस्तर राजपरिवार सदस्य कमलचंद भंजदेव ने बताया कि राजपरिवार के इतिहास के समय से ही जगदलपुर में बाजार बैठता था. पूर्वज यहां उपस्थित होकर सामग्री खरीदी करके दीवाली मनाते आए हैं.

Raja Diyari
दिवाली के बाजार में जाकर करते हैं खरीदारी (ETV Bharat Chhattisgarh)
बस्तर राजपरिवार ने निभाई राजा दियारी परंपरा (ETV Bharat Chhattisgarh)

पूर्वजों की परंपरा का निर्वहन लंबे समय से करते आया हूं. पूरा मार्केट घूमकर कुम्हारों से दीया और अन्य मिट्टी की आकृति की खरीदी की गई. इसके अलावा पनारीन के गूंथे गए फूल माला की खरीदी की गई. इसी माला को मैंने पहना है- कमल भंजदेव, सदस्य, बस्तर राजपरिवार

इसके पीछे का उद्देश्य यह है कि स्थानीय लोगों के हाथों से बने सामग्री की खरीदी को प्रोत्साहन मिले. ताकि स्थानीय आदिवासियों के जेब मे पैसा आए. जिससे उनका दिवाली अच्छा हो. इसके अलावा अपील करते हुए कहा कि सभी को स्थानीय लोगों से द्वारा निर्मित फूलमाला, दीया, कलाकृति, मिठाई, बतासा की खरीदी करें.

दीपावली में पटाखे जलाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, सुरक्षित तरीके से मनाएं त्यौहार

धनतेरस पर जरूर खरीदें ये तीन चीजें, घर में विराजमान हो जाएंगे धन के देवता कुबेर

राम जी के ननिहाल कौशल्या धाम में कल मनेगी दिवाली, जानिए क्या कहते हैं पुजारी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.